ETV Bharat / bharat

क्या है 'हमर हाथी हमर गोठ' कार्यक्रम, जानिए अंबिकापुर आकाशवाणी कैसे इसे करता है तैयार

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 29, 2024, 5:20 PM IST

Updated : Jan 29, 2024, 9:27 PM IST

Hamar Haathi Hamar Goth program
हमर हाथी हमर गोठ कार्यक्रम

Hamar Haathi Hamar Goth Program प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे आकाशवाणी कार्यक्रम 'हमर हाथी हमर गोठ' की सराहना की. उन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में देशवासियों को बताया कि सोशल मीडिया के दौर में भी रेडियो संचार का कितना सशक्त माध्यम हो सकता है. इसके साथ ही पीएम ने अंबिकापुर आकाशवाणी की तारीफ की है.

हमर हाथी हमर गोठ कार्यक्रम

अम्बिकापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिये देशवासियों से संवाद किया. इस कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ में हाथियों के विचरण की सूचनाओं पर आधारित आकाशवाणी कार्यक्रम 'हमर हाथी हमर गोठ' की पीएम मोदी ने सराहना की. पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के बारे में देशवासियों को विस्तार से बताया. उन्होंने यह समझाया कि सोशल मीडिया के दौर में भी रेडियो कितना सशक्त माध्यम हो सकता है.

आकाशवाणी कार्यक्रम की पीएम ने की सराहना: आकाशवाणी के 'हमर हाथी हमर गोठ' कार्यकम को लेकर पीएम ने कहा, "सोशल मीडिया के इस दौर में रेडियो कितना सशक्त माध्यम हो सकता है, इसका अनूठा प्रयोग छत्तीसगढ़ राज्य में हाथियों की मौजूदगी की सूचनाओं के लिए किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य की यह पहल देश के अन्य हाथी प्रभावित क्षेत्रों में भी अपनाई जा सकती है. यह अनूठी पहल एक मिसाल है."

जानिए क्या है हमर हाथी हमर गोठ: आकाशवाणी के 'हमर हाथी हमर गोठ' कार्यकम में जिस आवाज को आप सुनते हैं, वो अमलेन्दु मिश्र की है. वे वन्य जीव बोर्ड के सदस्य भी हैं. ETV भारत की टीम ने अमलेन्दु मिश्र से बातचीत की और यह जाना कि कैसे इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई एवं किन उद्देश्यों को लेकर इसे आगे बढ़ाया जा रहा है.

हाथियों के लोकेशन की जानकारी से लोगों की बची जान: 'हमर हाथी हमर गोठ' कार्यकम में आवाज देने वाले अमलेन्दु मिश्र ने बताया "विगत 7 वर्षों से प्रसारित किए जा रहे कार्यक्रम 'हमर हाथी हमर गोठ' के परिणाम स्वरूप लोगों की आदतों में बदलाव आया है. इससे जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकी है. कार्यक्रम 'हमर हाथी हमर गोठ' को हाथी प्रभावित क्षेत्र के लोग आपस में सोशल मीडिया पर भी शेयर करते हैं. जिससे हाथियों का सही लोकेशन प्रतिदिन दूरस्थ क्षेत्र के लोगों तक मिल जाता है."

काम से वापस लौटते समय शाम को हाथियों की उपस्थिति का सही लोकेशन मिलने से लोग रास्ता बदलकर सुरक्षित रास्ते से वापस घर पहुंच रहे हैं. कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य के चार आकाशवाणी केन्द्र अम्बिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ केन्द्र से शाम 5 बजे प्रसारित किया जाता है. यह कार्यक्रम एण्ड्रायट मोबाइल के न्यूज ऑन एयर, एफएम चैनल पर भी उपलब्ध है. - अमलेन्दु मिश्र, सदस्य, वन्य जीव बोर्ड

देशभर में इस तरह के कार्यक्रम का हो सकता है विस्तार: प्रधानमंत्री की रुचि के बाद इस रेडियो कार्यक्रम को देश के अन्य हाथी प्रभावित क्षेत्रों में भी शुरू किया जा सकता है. ताकि देश के अन्य राज्यों में भी गांव गांव तक हाथियों की जानकारी पहुंचाई जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके. हाथियों की जानकारी बीट गार्ड और वन मित्रों के माध्यम से वन विभाग तक आती है. वहां से रोजाना 4 बजे तक का डेटा कलेक्ट किया जाता है. जिसके शाम 5 बजे एक साथ आकाशवाणी के सभी केंद्रों से इसे प्रसारित किया जाता है."

परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी के बगल में बैठी नक्सल प्रभावित सुकमा की छात्रा, कांकेर के शेख कैफूर ने भी प्रधानमंत्री से पूछा खास सवाल
डायल 112 युवक के लिए बनीं संजीवनी, पेड़ में लगा फंदा काटकर बचाई जान
राम जन्मभूमि मिल गया अब कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी की तैयारी, कवर्धा में बागेश्वरधाम धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान
Last Updated :Jan 29, 2024, 9:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.