देहरादून: उत्तराखंड के कई आईएफएस अधिकारी जहां पहले ही ईडी की जांच के घेरे में हैं तो वहीं अब शासन ने भी ईडी की इस जांच पर अपनी सहमति जता दी है. दरअसल कुछ महीने पहले ही ईडी ने प्रदेश के आठ अधिकारियों की जानकारी वन विभाग से मांगी थी. जिस पर वन विभाग ने शासन को पत्र लिखते हुए संबंधित मामले में दिशा निर्देश मांगे थे. लिहाजा सभी को शासन के निर्णय का इंतजार था, जो अब खत्म हो गया है. शासन ने इन अधिकारियों की जानकारी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट को देने की मंजूरी देकर ईडी की जांच पर सीधे-सीधे अपनी सहमति जता दी है.
इन अधिकारियों की ED ने मांगी थी जानकारी: आईएफएस अफसर सुशांत पटनायक की जानकारी मांगी थी. जिनके घर पर हाल ही में ED ने छापेमारी भी की थी और घर से कैश भी बरामद किया था. इसके अलावा आईएफएस अधिकारी राहुल, जो कॉर्बेट में निदेशक थे. रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी जेएस सुहाग जिनका देहांत हो चुका है. रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी अखिलेश तिवारी और किशन चंद की भी जानकारी मांगी है. यह दोनों भी जांच एजेंसी के रडार पर है. इसके अलावा एक रेंजर और एक एसडीओ की भी जानकारी मांगी गई है.
इस मामले में जांच एजेंसी ने वन मुख्यालय के प्रमुख वन संरक्षक हॉफ से इन आठ अधिकारियों की जानकारी मांगी थी. लेकिन वन मुख्यालय ने शासन से इस पर दिशा निर्देश मांगे थे. शासन ने इस मामले में न्याय विभाग को इससे जुड़ा पत्र भेजा था. जिसमें न्याय विभाग ने इन अधिकारियों की जानकारी ईडी से साझा किए जाने को लेकर सहमति दी है. न्याय विभाग की इसी राय के बाद शासन ने अब प्रमुख वन संरक्षक हॉफ को इन अधिकारियों की जानकारी ईडी को सौंपने की अनुमति देने का मन बना लिया है.
ED को इन अधिकारियों की ये दी जाएगी जानकारी: शासन द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद अब वन मुख्यालय ईडी को इन अधिकारियों की विभिन्न जानकारी दे सकेगा. इसमें इन अधिकारियों की आयकर रिटर्न से जुड़े दस्तावेज ईडी को दिए जाएंगे. संपत्ति डिक्लेरेशन से जुड़े दूसरे दस्तावेज भी ईडी के साथ साझा किए जाएंगे. अधिकारियों की विभाग को दी गई व्यक्तिगत जानकारियां भी इसमें शामिल रहेगी. साथ ही इन अधिकारियों के एड्रेस और परिवार की जानकारी भी ईडी को दी जा सकती है.
ईटीवी भारत ने सबसे पहले ईडी के इस पत्र की खबर को प्रकाशित किया था और अब शासन द्वारा दी गई अनुमति की भी एक्सक्लूसिव जानकारी ईटीवी भारत के पास है. प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने इसकी पुष्टि की है. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में ही वन मुख्यालय को शासन स्तर पर यह पत्र भेज दिया जाएगा और इसके बाद वन मुख्यालय के स्तर से ईडी को जानकारियां भेजी जाएंगे.
उधर यह जानकारियां ईडी के साथ साझा होने के बाद इन अधिकारियों पर शिकंजा कसना तय है. खासतौर पर सुशांत पटनायक के खिलाफ जांच और भी बारीकी से हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि सुशांत पटनायक के घर पर कैश बरामद हुआ था. ऐसे में उनकी संपत्ति और दूसरी तमाम जानकारी के साथ ईडी विभाग द्वारा दी जाने वाली जानकारियों के साथ मिलान कर सकेगी.
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