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आम चुनाव 2024 से पहले टीएमसी विधायक तापस रॉय ने ममता को दिया झटका, बताई ये वजह

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 4, 2024, 3:49 PM IST

Updated : Mar 4, 2024, 4:00 PM IST

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अनुभवी टीएमसी नेता और बारानगर विधायक तापस रॉय ने अपनी कार्यप्रणाली और संदेशखाली मुद्दे से निपटने पर नाराजगी का हवाला देते हुए सोमवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ दी. पढ़ें पूरी खबर...

कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कई नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी सिलसिले में आज तृणमूल कांग्रेस विधायक तापस रॉय ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया. यह इस्तीफा सीएम ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. सूत्रों से पता चला है कि तापस रॉय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले पार्टी महासचिव कुणाल घोष भी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं.

कुणाल घोष के इस्तीफे के बमुश्किल 48 घंटे बाद बारानगर से टीएमसी विधायक तापस रॉय ने आज कहा कि वह पार्टी में अलग-थलग पड़ रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपनी पार्टी पर ही सवालिया निशान उठाए हैं.

इससे पहले इस साल जनवरी में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नागरिक निकाय भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में बारानगर विधायक तापस रॉय के आवास की तलाशी ली थी. इस घटना के दौरान अधीर रंजन चौधरी, नौशाद सिद्दीकी और सजल घोष जैसे लोगों को तापस का समर्थन करते देखा गया, जबकि तृणमूल कांग्रेस का कोई भी सदस्य उनके साथ नहीं खड़ा हुआ. समर्थन की इस कमी ने कथित तौर पर तापस के असंतोष को बढ़ा दिया है, जिससे उनके और पार्टी के बीच दूरियां बढ़ गई हैं और उनके इस्तीफे के बारे में चर्चा शुरू हो गई थी.

वहीं, पार्टी से इस्तीफे की बात सुनकर राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और कुणाल घोष तापस रॉय के गुस्से और नाराजगी को शांत करने के लिए दिन की शुरुआत में ही उनके के आवास पर पहुंचे, लेकिन, जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया यह स्पष्ट हो गया कि रॉय अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के मूड में नहीं हैं. ब्रत्या और कुणाल के जाने के तुरंत बाद, रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि वह चीजों को संभालने के पार्टी के तरीकों से 'निराश' थे. इस वजह से उन्होंने यह कदम उठाया.

बारानगर विधायक ने आगे कहा कि पार्टी में बहुत भ्रष्टाचार है. फिर यह संदेशखाली घटना, इसके अलावा मेरा व्यक्तिगत अपमान, बेइज्जती, अनादर और अलगाव भी था, ये सब मुझे परेशान कर रहे थे. पिछले कुछ समय से, मैं तृणमूल कांग्रेस से दूरी बनाए हुए था. इतने सालों में यह पहली बार है कि मैंने बजट सत्र में ठीक से भाग नहीं लिया है. मुझे लगता है कि कोई भी काम सहज और पूरे मन से करना चाहिए. मैं पिछले 24 वर्षों से तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा था.

उन्होंने कहा कि पिछले 12 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी मेरे घर पर छापा मारने आये थे. उस कठिन समय में पार्टी से किसी ने मुझे नहीं बुलाया, हालांकि कुछ वरिष्ठ नेता पास में ही स्वामी विवेकानन्द के घर में एक समारोह में भाग ले रहे थे, लेकिन कोई भी सांत्वना देने नहीं आया.

रॉय ने कहा, 'मुझे विभिन्न कहीं से यह भी पता चला है कि मेरे घर पर ईडी की छापेमारी के पीछे मेरी ही पार्टी के कुछ लोग थे. जब मैंने देखा कि मुख्यमंत्री ने इसका जिक्र किया तो यह बेहद निराशाजनक था. संदेशखाली के मुद्दे पर और विधानसभा में अपने भाषण के दौरान शेख शाहजहां का नाम लिया, लेकिन कभी मेरा नाम नहीं लिया. मुझे वास्तव में उम्मीद थी कि वह कम से कम एक बार मेरे घर पर छापे का उल्लेख करेंगी, जैसा कि वह अन्य सभी के बारे में कहती हैं लेकिन उन्होंने जिक्र तक नहीं किया.

राजनीति में कभी किसी ने मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल नहीं उठाया, अगर मेरी अपनी पार्टी मेरे खिलाफ जाती है, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हो जाता है, मेरे परिसरों पर ईडी की छापेमारी को 52 दिन हो गए हैं, लेकिन मुझे अभी तक सीएम ममता बनर्जी का फोन तक नहीं आया है. मैं था उससे आहत हूं. इससे मेरा दिल भारी हो गया है.

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Last Updated :Mar 4, 2024, 4:00 PM IST
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