हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार को चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार माना जाता है, इसलिए चारधाम यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले हरिद्वार से श्रद्धालुओं के जत्थे रवाना होना शुरू हो गए हैं. आज गुरुवार को मायादेवी मंदिर और चरण पादुका मंदिर में पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के कई जत्थे चारधाम को रवाना हुए. रवानगी से पहले जिला प्रशासन और ट्रैवल कारोबार से जुड़े संगठनों ने चारधाम जाने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत किया. बाबा बदरी केदार के जयकारों का उद्घोष करते हुए श्रद्धालु काफी उत्साहित नजर आए और उत्तराखंड सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संतुष्ट भी दिखाई दिए.
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा शुक्रवार से शुरू हो रही है. 10 मई को केदारनाथ धाम के साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं. बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे. इसको लेकर आज हरिद्वार से चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई है. हरिद्वार में सेफ पार्किंग से बड़ी संख्या में एसी बस और अन्य गाड़ियां चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुई हैं. यात्रा की गाड़ियों को पूर्व विधायक संजय गुप्ता, एआरटीओ रश्मि पंत और ट्रैवल व्यवसायियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का उत्साह देखते ही बन रहा था. यात्री जय जयकार करते हुए चारधाम यात्रा के लिए हरिद्वार से रवाना हुए हैं.
एआरटीओ रश्मि पंत का कहना है कि चारधाम यात्रा के लिए हमारे विभाग की तरफ से व्यापक प्रबंध किए गए हैं. जगह-जगह पर चेकपोस्ट स्थापित की गई हैं. गाड़ियों के अनावश्यक चेकिंग को न करनी पड़े, उसके लिए विभाग द्वारा ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं. आरटीओ कार्यालय में ही गाड़ियों के सारे प्रपत्र चेक करके उनको ग्रीन कार्ड दिया जाता है. मार्ग में उसको दिखाकर ड्राइवर अपनी यात्रा कर सकता है. हमारे विभाग का पूरा प्रयास है कि चारधाम यात्रा में पूरी तरीके से वाहन स्वामी यात्रियों को पूरी तरह सहयोग करें, उनको गाइड करें और यात्रा को सुरक्षित रूप से संपन्न करायें.
ट्रैवल व्यवसायी राकेश गोयल का कहना है कि यात्रा तो हर साल बढ़ रही है. जो दिक्कत है वह रजिस्ट्रेशन की है. पहले भी यात्रा चलती थी तो रजिस्ट्रेशन नहीं होता था. कोविड के बाद से रजिस्ट्रेशन कंपलसरी किया गया है. लेकिन पिछले वर्ष यह व्यवस्था बंद कर दी थी. फिर से यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है. उसकी वजह से यात्री परेशान हो रहे हैं. बस वाले भी, गाड़ी वाले भी सब परेशान हो रहे हैं. आज यहां से हमारी तीन-चार गाड़ियां गई हैं. कुल मिलाकर हरिद्वार से काफी गाड़ियां गई हैं बड़ी संख्या में यात्री यहां से रवाना हुए हैं. हमारी यात्रा पर जाने वाली एयर कंडीशन बस है और उनमें सभी सुविधाएं हैं.
यात्री निर्भय का कहना है कि मैं पहली बार यात्रा पर जा रहा हूं. हम नई मुंबई से आए हैं और अपने साथियों के साथ यात्रा पर जा रहे हैं. बाबा दर्शन करने के लिए आए हैं और यह शुरुआत है. हरिद्वार में आकर हर की पैड़ी पर गंगा में स्नान किया जो बहुत अच्छा लगा. गंगा आरती अच्छी बहुत अच्छा लगी. मन को सुकून मिला. उत्तराखंड को देवभूमि बोलते हैं. यह सचमुच की देवभूमि है. यहां सभी सनातनियों को आना चाहिए. दर्शन करने के लिए सभी को आना ही चाहिए. सरकार का भी आभार कि उन्होंने इतनी अच्छी व्यवस्था की है. पहली बार जा रहे हैं, तो बहुत उत्साहित हैं. यात्रा पर जाने के लिए हमने तीन महीने पहले तैयारी शुरू की थी. अरेंजमेंट हो गया और हम आज यात्रा पर जा रहे हैं.
ऋषिकेश से भी यात्री रवाना: ऋषिकेश से चारधाम यात्रा का आज विधिवत उद्घाटन उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला व भोले महाराज, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, निवर्तमान मेयर अनिता ममगाईं ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर किया. इस मौके पर 135 वाहनों में 4050 श्रद्धालुओं को रवाना किया गया. इस दौरान ऋषिकुमारों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण, ढोल बाजो से पंडाल गूंज उठा.
गुरुवार को प्रत्येक वर्ष चारधाम यात्रा संचालित करने वाली संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के तत्वावधान में यात्रा का औपचारिक शुभारंभ किया गया. क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड आगमन पर सभी चारधाम यात्रियों का स्वागत करते हुए उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने की भगवान से प्रार्थना की. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के रिकॉर्ड इस बार चारधाम यात्रा में टूटने जा रहे हैं. कहा कि इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है. इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है. मंत्री ने बताया कि सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को कहा गया है कि चारधाम यात्रा पर लगे सभी वाहनों की फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जाए. उन्होंने कहा कि बिना फिटनेस वाली गाड़ी के संज्ञान में आने पर कठोर कार्रवाी की जाए.
उन्होंने सभी यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किये जाने पर बल दिया. उन्होंने कहा सभी यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया जाए, सरकार के पास सभी यात्रियों का पूरा रिकॉर्ड होना चाहिए. कहा कि चारधाम यात्री हमारे मेहमान हैं और हमारी संस्कृति ‘अतिथि देवो भवः‘ की है. अतिथियों का सत्कार हमारा फर्ज होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यात्रियों के साथ किसी तरह की दिक्कतें न हो, इसका ख्याल भी पूरी तरह से किया गया है. सोशल मीडिया के जरिए भी यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है.
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