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75 सालों के बाद जहां फहराया गया तिरंगा वहां अब वोट बहिष्कार की धमकी क्यों - Lok Sabha election 2024

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 5, 2024, 5:32 PM IST

Updated : Apr 5, 2024, 9:48 PM IST

बस्तर में एक गांव है चांदामेटा. पिछले साल यह गांव सुर्खियों में रहा. वजह थी आजादी के 75 सालों बाद यहां तिरंगा फहराया गया. चांदामेटा एक बार से सुर्खियों में है लेकिन इस बार वजह कुछ और है.

Lok Sabha election 2024
लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की धमकी
लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की धमकी

जगदलपुर: बस्तर संभाग के जगदलपुर जिले के आखिरी छोर पर बसा गांव है चांदामेटा. पिछले कई सालों से चांदामेटा गांव सुर्खियों में रहा है. 2023 विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार चांदामेटा गांव में मतदान केंद्र बनाया गया. लोगों को उम्मीद हुई की वोट देने के बाद उनकी किस्मत बदलेगी, लेकिन न तो गांव वालों की किस्मत बदली नहीं गांव की तकदीर. आज भी गांव के लोग पीने का पानी गड्ढों से निकालते हैं. जिस पानी को ये लोग पीते हैं उस पानी हम और आप शायद कपड़े धोना भी गंवारा नहीं करें. चांदामेटा के ग्रामीण विकास नहीं होने से नाराज हैं. गांव वालों ने चेतावनी दी है कि वो इस लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे.

चांदामेटा गांव के लोगों ने दी चुनाव बहिष्कार की धमकी: गांव वालों का कहना है कि जब हमारे लिए कुछ काम ही नहीं हुआ तो फिर वोट देने का मतलब क्या है. बारिश के बाद से इलाके में पानी की ऐसी किल्लत होती है कि लोग एक एक बाल्टी पानी के लिए घंटों गड्ढों में घुसकर खुद के लिए पानी जमा करते हैं. अप्रैल में गर्मी के आते ही यहां का पारा 42 डिग्री के पार पहुंच गया है. तपती दोपहरी में हर घर का एक सदस्य पानी के लिए जद्दोजहद करता नजर आता है. इलाके में जो चंद कुएं हैं उनको साफ करने की भी कवायद शुरु हो चुकी है. गांव के लोग जानते हैं कि जीना है तो फिर यही पानी पीना है. नाराज लोग प्रशासन और नेताओं से इतने खफा हैं कि अब चुनाव बहिष्कार की भी धमकी दे रहे हैं.

चांदामेटा गांव में जहां तक सड़क बनी है वहां तक पानी की दिक्कत नहीं है. जैसे ही कच्ची सड़क शुरु होती है पानी कि किल्लत शुरु हो जाती है. कुछ इलाकों में तो कुएं के सहारे ही लोगों की जिंदगी कटती है. बुरा हाल तब होता है जब गर्मी के दिनों में यहां पानी सूख जाता है. शासन को कई बार जानकारी दी गई. हमारा जीवन बड़ी मुश्किलों में कट रहा है. विधानसभा चुनाव के दौरान हमारी शिकायतों का समाधान किए जाने की बात कही गई. अब लोकसभा चुनाव आ गया है. एक भी शिकायत हमारी दूर नहीं हुई. ऐसे में हम वोट देकर क्या करेंगे. हम वोट देने का खुद को अधिकारी नहीं मानते. अगर हैंडपंप की सुविधा होगी तब ही हम वोट के लिए जाएंगे. - श्याम कवासी, ग्रामीण, चांदामेटा गांव

चांदामेटा गांव में बड़ी दिक्कते हैं. पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. लंबे वक्त से इनकी पानी को लेकर शिकायत रही है. ईटीवी भारत के माध्यम से ये जानकारी मिली. हमारी कोशिश होगी कि इनकी समस्याओं का जल्द समाधान हो. - किरण सिंह देव, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी

विकास की राह देखता चांदामेटा गांव: बस्तर के अंतिम छोर पर बसे चांदामेटा गांव के लोगों का गुस्सा कितना जायज है ये तो प्रशासन और जनप्रतिनिधि जानते हैं. पर इतना तय है कि विकास के नाम पर चांदामेटा गांव से जो छलावा किया गया उससे यहां के लोग खासे नाराज जरूर हैं. लोगों की मांग है कि उनकी बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए.

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चांदामेटा गांव के लोगों ने दी चुनाव बहिष्कार की धमकी: गांव वालों का कहना है कि जब हमारे लिए कुछ काम ही नहीं हुआ तो फिर वोट देने का मतलब क्या है. बारिश के बाद से इलाके में पानी की ऐसी किल्लत होती है कि लोग एक एक बाल्टी पानी के लिए घंटों गड्ढों में घुसकर खुद के लिए पानी जमा करते हैं. अप्रैल में गर्मी के आते ही यहां का पारा 42 डिग्री के पार पहुंच गया है. तपती दोपहरी में हर घर का एक सदस्य पानी के लिए जद्दोजहद करता नजर आता है. इलाके में जो चंद कुएं हैं उनको साफ करने की भी कवायद शुरु हो चुकी है. गांव के लोग जानते हैं कि जीना है तो फिर यही पानी पीना है. नाराज लोग प्रशासन और नेताओं से इतने खफा हैं कि अब चुनाव बहिष्कार की भी धमकी दे रहे हैं.

चांदामेटा गांव में जहां तक सड़क बनी है वहां तक पानी की दिक्कत नहीं है. जैसे ही कच्ची सड़क शुरु होती है पानी कि किल्लत शुरु हो जाती है. कुछ इलाकों में तो कुएं के सहारे ही लोगों की जिंदगी कटती है. बुरा हाल तब होता है जब गर्मी के दिनों में यहां पानी सूख जाता है. शासन को कई बार जानकारी दी गई. हमारा जीवन बड़ी मुश्किलों में कट रहा है. विधानसभा चुनाव के दौरान हमारी शिकायतों का समाधान किए जाने की बात कही गई. अब लोकसभा चुनाव आ गया है. एक भी शिकायत हमारी दूर नहीं हुई. ऐसे में हम वोट देकर क्या करेंगे. हम वोट देने का खुद को अधिकारी नहीं मानते. अगर हैंडपंप की सुविधा होगी तब ही हम वोट के लिए जाएंगे. - श्याम कवासी, ग्रामीण, चांदामेटा गांव

चांदामेटा गांव में बड़ी दिक्कते हैं. पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. लंबे वक्त से इनकी पानी को लेकर शिकायत रही है. ईटीवी भारत के माध्यम से ये जानकारी मिली. हमारी कोशिश होगी कि इनकी समस्याओं का जल्द समाधान हो. - किरण सिंह देव, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी

विकास की राह देखता चांदामेटा गांव: बस्तर के अंतिम छोर पर बसे चांदामेटा गांव के लोगों का गुस्सा कितना जायज है ये तो प्रशासन और जनप्रतिनिधि जानते हैं. पर इतना तय है कि विकास के नाम पर चांदामेटा गांव से जो छलावा किया गया उससे यहां के लोग खासे नाराज जरूर हैं. लोगों की मांग है कि उनकी बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए.

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Last Updated : Apr 5, 2024, 9:48 PM IST
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