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लोग कहते हैं बिहार की राजनीति से जाति नहीं जाती, हम तो कहते हैं 'परिवार प्रेम' नहीं जाता, इस बार इन योद्धाओं ने उठाया बीड़ा - Lok Sabha Election 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 29, 2024, 6:31 AM IST

Nepotism in Bihar Politics : 2024 लोकसभा चुनाव में परिवारवाद को एक मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन जब राजनीतिक दलों के द्वारा टिकट देने की बात आती है तो सभी दल में कुछ ऐसे चेहरे सामने आ जाते हैं जिन पर परिवारवाद को आगे बढ़ाने का आरोप लगता है. भले ही राजनीति में परिवारवाद को लेकर एक-दूसरे को कोसने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन हकीकत यही है कि परिवारवाद के मुद्दे पर हमाम में सभी नंगे हैं. ऐसे हम क्यों कह रहे हैं, पढ़ें पूरी खबर.

Nepotism in Bihar Politics Etv Bharat
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रवि उपाध्याय और डॉ संजय कुमार का बयान.

पटना : परिवारवाद को लेकर पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है. आरजेडी ने प्रधानमंत्री के परिवार पर सवाल उठाया था. जवाब में बीजेपी ने पूरे देश में 'मोदी का परिवार' कैम्पेन चलाया. बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रत्याशी के नामों की घोषणा कर दी है. आरजेडी की तरफ से भी कई प्रत्याशियों को सिंबल दे दिया गया है. ऐसे में बिहार की राजनीति के 5 बड़े राजनीतिक परिवार के नये सदस्य 2024 के चुनाव में नजर आएंगे.

कौन कौन हैं नए चेहरे : बिहार की राजनीतिक परिवार के 5 नये चेहरे इस लोकसभा चुनाव में उतरेंगे. वैसे इसमें से दो पहले से ही राजनीति में एंट्री कर चुके हैं, पहली बार लोकसभा में भाग्य आजमाएंगे. लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य सारण सीट से राजद की उम्मीदवार होंगी. जमुई (सु) से चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती लोजपा के उम्मीदवार हैं. नवादा से सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर बीजेपी के उम्मीदवार हैं. सासाराम (सु) से पूर्व मंत्री मुनिलाल के पुत्र शिवेश राम को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बक्सर सीट से आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है.

RJD पर परिवारवाद का आरोप : आरजेडी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी में सभी बड़े पदों पर उनके परिवार के लोग ही दिखाई देते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव, बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव विधायक हैं. विधान परिषद में विधायक दल की नेता लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी हैं. बड़ी पुत्री मीसा भारती राज्यसभा की सदस्य हैं. इस बार लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य सारण से चुनाव लड़ेंगी. वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह बक्सर से चुनाव लड़ेंगे.

बीजेपी ने 2 नेताओं के पुत्र को टिकट दिया : बीजेपी लगातार परिवारवाद के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर सवाल उठाती रहती है. लेकिन चुनाव आते ही कई जगहों पर अपने नेताओं के परिजन को टिकट देने से पीछे नहीं हटती है. 2024 के चुनाव में विवेक ठाकुर और शिवेश राम को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है.

'लोजपा भी परिवार की पार्टी' : लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना रामविलास पासवान ने किया था. बिहार में सबसे ज्यादा परिवारवाद का छाप किसी पर लगा, तो वह थे रामविलास पासवान. खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस प्रदेश के अध्यक्ष और विधायक थे, बाद में हाजीपुर से वह सांसद भी बने. सबसे छोटे भाई रामचंद्र पासवान समस्तीपुर से सांसद थे. उनके निधन के बाद उनके पुत्र प्रिंस राज समस्तीपुर से सांसद बने. रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान सांसद है और वर्तमान में लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इस बार जमुई सुरक्षित सीट से चिराग पासवान ने अपने बहनोई अरुण भारती को प्रत्याशी बनाया है.

कौन हैं रोहिणी आचार्य? : रोहिणी आचार्य लालू प्रसाद यादव की दूसरी बेटी हैं. लालू प्रसाद यादव की जब तबीयत खराब हुई थी तो उन्होंने अपना एक किडनी देकर अपने पिता की जान बचाई थी. उसके बाद से लगातार रोहिणी आचार्य सुर्खियों में रही हैं. इस बार पार्टी ने उन्हें सारण से उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.

Rohini
लालू यादव के साथ रोहिणी आचार्य.

जब सम्राट चौधरी को दिया था करारा जवाब : रोहिणी के चुनाव लड़ने पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने लालू प्रसाद पर कटाक्ष किया था. 'टिकट के बदले बेटी का किडनी' लेने की बात सम्राट चौधरी ने की थी. उसके बाद जिस तरीके से रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सम्राट को जवाब दिया था उसी से लग गया था कि रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली है. उन्होंने लिखा था कि 'लालू जी की बेटी हूं, ओछी सोच एवं ओछी चरित्र वालों के हर ओछी बात का जबाव जनता जनार्दन की अदालत में दूंगी. सही गलत का फैसला जनता करेगी.'

कौन हैं सुधाकर सिंह? : सुधाकर सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र हैं. वे राजद के विधायक हैं. बिहार सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं. 2024 में वो बक्सर से राजद के उम्मीदवार होंगे. ईटीवी भारत से बातचीत में सुधाकर सिंह ने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि मैं जगदानंद सिंह का पुत्र हूं. लेकिन यही एकमात्र मेरी पहचान नहीं है. बिहार के आमलोग मुझे पहचानते हैं. किसानों की लड़ाई हमने लड़ी है. यह मेरी पहचान है.

''बीजेपी आजकल नए दौर से गुजर रही है. बीजेपी के लोग पहले अपने आप को संघ परिवार या बीजेपी के परिवार के रूप में बताते थे. लेकिन आजकल बीजेपी के नेता अपने आप को मोदी का परिवार बताने लगे हैं. इसलिए परिवारवाद पर उनको बोलने का कोई हक नहीं है. अगर मैं चुनाव जीता तो मेरी पहली प्राथमिकता किसनों की समस्या को दूर करना, मंडी व्यवस्था लागू करना एवं बक्सर में रामचंद्र जी के गुरु विश्वामित्र के नाम पर एक विश्वविद्यालय की स्थापना करना होगा. स्वास्थ्य, सड़क क्षेत्र में भी व्यापक विकास की जरूरत है.''- सुधाकर सिंह, बक्सर से आरजेडी उम्मीदवार

कौन हैं शिवेश राम? : सासाराम (सु) क्षेत्र से बीजेपी ने स्वर्गीय मुनीलाल के पुत्र शिवेश राम को अपना प्रत्याशी बनाया है. मुनीलाल सासाराम से भाजपा के सांसद रह चुके हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्र में मंत्री भी थे. शिवेश राम ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि परिवारवाद का मतलब होता है कि एक व्यक्ति के परिवार द्वारा पार्टी चलाना. जैसे बिहार में आरजेडी , यूपी में अखिलेश यादव, बंगाल में ममता बनर्जी, तमिलनाडु में स्टालिन. जिनके परिवार के लोग ही प्रमुख पदों पर हैं. ऐसी पार्टियों में पैराशूट लैंडिंग से उम्मीदवार भेजा जाता है.

''बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. कार्यकर्ताओं के काम के आधार पर चाहे वह आम कार्यकर्ता हो या नेता पुत्र हों, उन्हें टिकट दिया जाता है. यदि मुझे जनता चुनती है तो मेरी प्राथमिकता होगी मोदी की गारंटी. इसके अलावे किसानों के हर खेत तक पानी पहुंचे उसको लेकर संघर्ष करेंगे. पिताजी के मंत्री के कार्यकाल में करमचक योजना की शुरुआत हुई थी, उसको पूरा करवाना प्राथमिकता होगी. ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके.''- शिवेश राम, सासाराम से बीजेपी उम्मीदवार

कौन हैं विवेक ठाकुर? : विवेक ठाकुर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर के पुत्र हैं. वर्तमान में वह बीजेपी के राज्यसभा सदस्य हैं. इस बार पार्टी ने उन्हें नवादा से अपना उम्मीदवार बनाया है. 2015 में वह बक्सर के ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे. लेकिन उनकी हार हुई थी. इस बार बीजेपी ने उनको नवादा लोकसभा से चुनाव लड़ाने का फैसला किया.

कौन हैं अरुण भारती? : अरुण भारती को लोजपा (रामविलास) ने जमुई से अपना उम्मीदवार बनाया है. अरुण भारती स्वर्गीय रामविलास पासवान के दामाद और चिराग पासवान के बहनोई हैं. इसके अलावे अरुण भारती की मां डॉ ज्योति कांग्रेस से 2 बार विधायक रह चुकी हैं. रामविलास पासवान के परिवार की नई पीढ़ी को इस बार चुनाव में उतारा गया है.

चिराग पासवान के साथअरुण भारती
चिराग पासवान के साथअरुण भारती

'काबिलियत नहीं होगी तो आप आगे नहीं बढ़ सकते' : अरुण भारती से जब ईटीवी भारत ने बातचीत की तो उनका कहना था कि हर प्रोफेशन से जुड़े हुए लोग के बच्चे उसी प्रोफेसन में जाना चाहते हैं. यही बात राजनीति में भी है. लेकिन इसमें यह देखने को मिलता है कि यदि आपमें काबिलियत नहीं होगी तो आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं. जब चिराग पासवान राजनीति में आए थे तो उन पर भी परिवारवाद का आरोप लगा था. लेकिन उन्होंने अपने काम से अपनी काबिलियत साबित किया. 2014 चुनाव में जितने मतों से चिराग पासवान जीते थे 2019 के चुनाव में उसे तीन गुना ज्यादा मत से चुनाव जीते. तो राजनीति में जब तक काबिलियत और लोगों का समर्थन नहीं हो तब तक आप कुछ नहीं कर सकते.

''यदि जमुई की जनता इस बार मुझे मौका देती है तो मेरी प्राथमिकता होगी कि क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय, मेडिकल कॉलेज, रेलवे की लंबित परियोजनाओं को जल्द से पूरा किया जाए. वैसे उम्मीद है कि जनता का पूरा प्यार मुझे मिलेगा.''- अरुण भारती, जमुई से आरएलजेपी उम्मीदवार

'परिवारवाद से कोई अछूता नहीं' : राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि परिवारवाद से कोई राजनीतिक दल अछूता नहीं रहा है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का कहना है कि विचारधारा पर आधारित पार्टी भी चुनाव के समय अपने नेता के परिवार के लोगों को टिकट देने से पीछे नहीं रहती है. लालू यादव पर परिवारवाद का आरोप लगता रहा है. उनके परिवार से राबड़ी देवी , तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव , मीसा भारती सक्रिय राजनीति में बड़े पद पर बैठे हैं. 2024 में लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को इसबार टिकट दिया जा रहा है.

''क्या रोहिणी से ज्यादा योग्य कोई और नहीं था. चाल-चरित्र और चेहरे की पार्टी बताने वाली बीजेपी में भी ऐसे नेताओं की कमी नहीं है. 2024 चुनाव के लिए जब टिकट देने की बात हुई तब सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर और मुनीलाल के पुत्र शिवेश राम को टिकट दिया. बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की बात करने वाले चिराग पासवान को जब मौका मिला तो उन्होंने अपने बहनोई को टिकट फर्स्ट देने का फैसला किया. टिकट देने के समय बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट नहीं परिवार फर्स्ट हो जाता है. तमाम लोग परिवारवाद की श्रृंखला के नए चेहरे हैं.''- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

नए चेहरे पर भरोसा क्यों? : वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि चुनाव के समय में नए चेहरे सामने आते हैं. लेकिन वैसे नए चेहरे सामने आते हैं जिनका पारिवारिक पृष्ठभूमि बड़ा होता है. इससे कोई भी राजनीतिक दल अछूता नहीं है. रवि उपाध्याय का कहना है कि चेहरे भले नये हों लेकिन पार्टी उनके परिवार के पुरानी पृष्ठभूमि को देख कर ही देती है. 2024 में जिन 5 नये लोगों को टिकट दिया गया है, सबका राजनीतिक पृष्ठभूमि बड़ा है. जिसका राजनीतिक लाभ उनको मिल सकेगा.

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