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रांची में साइबर क्रिमिनल्स के पास से यूके और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के सैकड़ों डेटा बरामद, दो गिरफ्तार

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 19, 2024, 8:59 PM IST

International cyber thugs in Ranchi
International cyber thugs in Ranchi

International cyber thugs in Ranchi. रांची में इंटरनेशनल कॉल सेंटर की आड़ में साइबर अपराधियों का एक बड़ा नेटवर्क चल रहा था. इस नेटवर्क के निशाने पर यूके और ऑस्ट्रेलिया के बुजुर्ग नागरिक थे. सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच और इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की मदद से साइबर अपराधियों के इस नेटवर्क को ध्वस्त किया गया है.

साइबर क्रिमिनल्स के पास से यूके और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के डेटा

रांची: सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच को यह सूचना मिली थी की राजधानी रांची के कॉल सेंटर से यूके और ऑस्ट्रेलिया के बुजुर्ग लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. गिरोह के द्वारा यूके और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को उनके लैपटॉप और कंप्यूटर पर वायरस होने से संबंधित मैसेज रांची से भेजे जाते थे. बाद में रांची से ही यूके और आस्ट्रेलिया की भाषा में फोन कर वहां के नागरिकों को फंसा कर उनसे पैसे की ठगी की जाती थी.

इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की टीम दिल्ली से पहुंची

सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि कभी इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के नाम पर लोगों को झांसे में लिया जाता था तो कभी FIB (विदेशी इंटेलिजेंस ब्यूरो) के नाम पर मेल भेज उन्हे डरा धमका कर ठगी की जाती थी. इसकी सूचना मिलने के बाद सीआईडी की टीम के साथ सेंट्रल की I4C की टीम के द्वारा रांची के किशोरगंज स्थित बीएन हाइट्स में रेड की गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा दिल्ली से इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की टीम को बुलाया गया था.

बड़ा सा ऑफिस खोल रखा था

ठगी के वारदात को अंजाम देने के लिए गिरोह के द्वारा 65 हजार रुपये मासिक किराये पर एक बड़ा सा ऑफिस भी खोला गया था. सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि गिरफ्तार एकरामुल अंसारी और रविकांत रिकी कंसलटेंसी सर्विसेज, जीजी इन्फोटेक और आरोग्य ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे. फर्जी कॉल सेंटर से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लोगों को इंटरनेट कॉलिंग सॉफ्टवेयर से कॉल किया जाता. जिसमें उन्हें बताया जाता कि वह इंटेलिजेंस एजेंसी से बोल रहे हैं. यह गिरोह विदेश के लोगों को ईमेल रिमोट डेस्कटॉप एप्लीकेशन का प्रयोग कर ठगी कर रहे थे. सीआईडी डीजी के अनुसार एकराम इससे पहले यूपी के गोरखपुर में फर्जी कॉल सेंटर चला कर ठगी किया करता था. वहां वह गिरफ्तार भी किया गया था. जेल से छूटने के बाद उसने रांची में कॉल सेंटर खोल लिया.

बेरोजगार युवकों को दिया था नौकरी

सीआईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह गिरोह इंटर और ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर के युवाओं को नौकरी के नाम पर पहले अपने साथ जोड़ता था और फिर इन्हें ठगी के लिए फॉरेन लैंग्वेज के डायलॉग याद कराया जाता था और फिर शुरू होती थी ठगी की प्रकिया. मामले की जानकारी देते हुए सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि ये गिरोह यूके से प्रतिदिन 20 हजार रुपए का डेटा खरीदता था, जिसमें फोन नंबर सहित व्यक्ति का पूरा डिटेल उपलब्ध होता था जिसके बाद इन्हें इंटरनेट कॉल कर और ईमेल भेज अपने झांसे में लिया जाता था.

दो लाख डेटा बरामद

छापेमारी के दौरान गिरोह के पास से ऑस्ट्रेलिया और यूके के नागरिकों का 2 लाख से ज्यादा डेटा बरामद किया गया है. सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच के अनुसार यूके और ऑस्ट्रेलिया में भी इस गिरोह के सदस्य एक्टिव हैं. उन्हीं के माध्यम से झारखंड में ठगी का यह कारोबार चल रहा था. ऑस्ट्रेलिया और यूके से पैसे भारत लाने के लिए हवाला सहित यूके और ऑस्ट्रेलिया के मनी ट्रांसफर गेटवे का भी प्रयोग किया जाता था.

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