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भारत की विदेश नीति पर मणिशंकर अय्यर ने उठाए सवाल, कहा- सर्जिकल स्ट्राइक का साहस तो है, टेबल-टॉक का गट्स नहीं

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 2, 2024, 3:22 PM IST

Mani Shankar Aiyar statement on foreign policy
Mani Shankar Aiyar statement on foreign policy

Mani Shankar Aiyar statement on foreign policy, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भारत की मौजूदा विदेश नीति पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर भारत की मौजूदा नीति उनके समझ से परे है. साथ ही कहा कि भारत में सर्जिकल स्ट्राइक करने का तो साहस है, लेकिन टेबल पर बैठकर बात करने का गट्स नहीं है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर

जयपुर. पाकिस्तान के साथ बातचीत दोबारा शुरू करने की वकालत करने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर नया शिगूफा छेड़ा है. शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर भारत की मौजूदा नीति उनके समझ से परे है. भारत में सर्जिकल स्ट्राइक करने का तो साहस है, लेकिन टेबल पर बैठकर बात करने का गट्स नहीं है.

मोदी सरकार पर अय्यर का तंज : दरअसल, राजनयिक से कांग्रेस नेता बने मणिशंकर अय्यर शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए थे. इस दौरान दरबार हॉल में आयोजित सेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तान से लगातार संवाद करना चाहिए, क्योंकि यदि उनसे बात करेंगे तभी समस्याओं का समाधान निकल सकेगा. इसका सबसे बड़ा सबूत है कि जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, तब बैक चैनल डिस्कशन हुआ था और पाकिस्तान सिर्फ कश्मीर के बारे में बात करना चाहता था. कश्मीर मामले के समाधान को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ ने चार अहम सुझाव देने की बात कही थी, लेकिन न जाने क्यों इस मुद्दे पर बात नहीं हुई.

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टेबल पर बैठकर बात करने की जरूरत : उन्होंने कहा कि अगर हम उनसे बात करेंगे, तभी समाधान निकल सकेगा. यदि बात नहीं करेंगे तो भला समाधान कैसे निकलेगा. आगे उन्होंने कहा कि उन्हें भारत सरकार की नीति समझ नहीं आती है. सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस तो है, लेकिन इतनी हिम्मत नहीं है कि बैठकर टेबल पर बात कर सकें. पाकिस्तान को लेकर हमारी पॉलिसी समझ नहीं आती है.

पाकिस्तान में हुआ खुले दिल से स्वागत : इस दौरान उन्होंने कहा कि वो जब पाकिस्तान में कांसुलेट जनरल रहे थे तब उनका खुले दिल से स्वागत किया गया. उनसे खुलकर वो कहा गया, जो वो चाहते थे. यह बात सही है कि पाकिस्तान में भारत की सबसे बड़ी संपत्ति वहां की जनता है, जो भारत को दुश्मन नहीं मानती है. भारत-पाकिस्तान के इतिहास को पढ़ा जाए तो पाएंगे कि वहां प्रोग्रेस भी तभी हुई है, जब वहां मिलिट्री डिक्टेटरशिप थी, क्योंकि तब वहां सरकार स्थिर थी.

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