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क्या जेल से सरकार चला सकते हैं अरविंद केजरीवाल, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट - Arvind Kejriwal Arrested

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 22, 2024, 4:28 PM IST

Arvind Kejriwal arrested
अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार

Arvind Kejriwal Arrested, राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिए गए हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे या अपने पद से इस्तीफा देंगे. अगर वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो क्या वह जेल से सरकार चला सकते हैं. चलिए जानते हैं एक्सपर्ट की राय...

तिरुवनंतपुरम: लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार और जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने रहने में कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि 'आम आदमी पार्टी के पास विधानसभा में स्पष्ट बहुमत है. आप विधायक दल ने केजरीवाल पर अविश्वास दर्ज नहीं कराया है.'

उन्होंने कहा कि 'किसी भी अदालत ने उन्हें इस्तीफा देने का आदेश नहीं दिया है. इन सबको देखते हुए उनके मुख्यमंत्री बने रहने में कोई बुराई नहीं है. लेकिन यह कहना व्यावहारिक नहीं है कि वह जेल से शासन करेंगे. शासन करते समय सीएम को फैसले लेने होते हैं, कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता करनी होती है और फाइलों का निपटारा करना होता है.'

अचारी ने कहा कि 'यह या तो व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जा सकता है. कारावास की स्थिति में इनमें से कुछ भी संभव नहीं है. वर्तमान अस्थायी संकट से उबरने के लिए शासन का कार्यभार किसी और को सौंपने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. भारत में मुख्यमंत्रियों को जेल में बदलने का कोई कानूनी या संवैधानिक समाधान नहीं है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'कोई पूर्वता भी नहीं है. तमिलनाडु में जयललिता और झारखंड में हेमंत सोरेन की प्राथमिकता है. दोनों सीएम ने इस्तीफा दिया था. अगर सीएम इस्तीफा देते हैं तो पूरी कैबिनेट को हटा देना चाहिए. फिर नए मुख्यमंत्री और नए मंत्रियों को दोबारा शपथ लेनी चाहिए. लेकिन यह अनिवार्य नहीं है कि जब मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया तो उन्हें ऐसा करना चाहिए.'

अचारी ने बताया कि 'संविधान में कहीं भी इस पर जोर नहीं दिया गया है. तमिलनाडु में डीएमके मंत्री पोनमुडी को सिर्फ इसलिए पद छोड़ना पड़ा क्योंकि हाई कोर्ट ने उनसे इस्तीफा देने को कहा था. अरविंद केजरीवाल के मामले में कोर्ट ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया था. गिरफ्तारी और कारावास केवल अस्थायी हैं.'

अचारी बताते हैं कि 'लेकिन रोजमर्रा के प्रशासन में किसी भी तरह की रुकावट से बचने के लिए वह कार्यभार किसी और को सौंप सकते हैं. इसका मतलब ये नहीं कि केजरीवाल को इस्तीफा देना होगा. जब तक आप के पास विधानसभा में बहुमत है और केजरीवाल के पास विधायक दल का बहुमत है और जब तक अदालत उनके इस्तीफे की मांग नहीं करती, तब तक अरविंद केजरीवाल के लिए मुख्यमंत्री बने रहने में कोई समस्या नहीं है.'

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