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ପ୍ରଦୂଷଣ କମ କରିବ ୟ୍ୟୁଲୁ ଇଲେକଟ୍ରିକ ବାଇକ

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Published : Sep 4, 2019, 6:34 PM IST

ଜାତୀୟ ରାଜଧାନୀ ଦିଲ୍ଲୀରେ ପ୍ରଦୂଷଣ ଓ ଟ୍ରାଫିକ ଜାମରୁ ନିସ୍ତାର ଦେବାରେ ସହଯୋଗ କରିବ ୟ୍ୟୁଲୁ ଆପରେ ଉପଲବ୍ଧ ହେଉଥିବା ଇଲେକଟ୍ରିକ ବାଇକ।

ଫଟୋ ସୌଜନ୍ୟ: ଇଟିଭି ଭାରତ ବ୍ୟୁରୋ

ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ: ଜାତୀୟ ରାଜଧାନୀ ଦିଲ୍ଲୀରେ ଟ୍ରାଫିକ ଜାମ ଓ ପ୍ରଦୂଷଣର ମାତ୍ରା ଦିନକୁ ଦିନ ବଢିବାରେ ଲାଗିଛି । ଯେଉଁଥି ପାଇଁ ଲୋକଙ୍କ ବହୁମୂଲ୍ୟ ସମୟ ନଷ୍ଟ ହେବା ସହ ଅନେକ ସମସ୍ୟା ମଧ୍ୟ ବଢି ବଢି ଚାଲିଛି । ତେବେ ଏହି ସମସ୍ୟାରୁ ରକ୍ଷା ପାଇବା ପାଇଁ ୟ୍ୟୁଲୁ ଆପ ଏକ ନୂଆ ପନ୍ଥା ବାହାର କରିଛି । ଏହା ଜରିଆରେ ଲୋକେ ଇଲେକଟ୍ରିକ ବାଇକକୁ କମ ଟଙ୍କା ଦେଇ ଭଡାରେ ନେଇପାରିବେ। ଏଭଳି ଧରଣର ପ୍ରାୟ 250ଟି ବାଇକକୁ 9ଟି ମେଟ୍ରୋ ଷ୍ଟେସନରେ ରଖାଯାଇଛି।

ଫଟୋ ସୌଜନ୍ୟ: ଇଟିଭି ଭାରତ ବ୍ୟୁରୋ


ୟ୍ୟୁଲୁ ବାଇକର ସେବା ଓ ଅପରେସନ ପ୍ରମୁଖ ହେମନ୍ତ ଗୁପ୍ତାଙ୍କ ସୂଚନା ଅନୁସାରେ, ଦିଲ୍ଲୀରେ ଦିନକୁ ଦିନ ବଢୁଥିବା ପ୍ରଦୂଷଣ ଓ ଟ୍ରାଫିକ ଜାମର ସମସ୍ୟାକୁ କମ କରିବା ଏହାର ଲକ୍ଷ୍ୟ । ଲୋକଙ୍କୁ ମେଟ୍ରୋ ଷ୍ଟେସନରୁ ଘର ଓ ଅଫିସରୁ ମେଟ୍ରୋ ଷ୍ଟେସନ ଯିବା ବେଳେ ଏହି ବାଇକର ଉପଯୋଗ କରିପାରିବେ । ତେବେ ବର୍ତ୍ତମାନ ସୁଦ୍ଧା 250ଟି ଇଲେକ୍ଟ୍ରି ବାଇକ ଉପଲବ୍ଧ ଥିବାବେଳେ ଚଳିତବର୍ଷ ଶେଷ ସୁଦ୍ଧା 5 ହଜାର ବାଇକ ଓ 2020 ଡିସେମ୍ବର ସୁଦ୍ଧା 25 ହଜାର ବାଇକ ଉପଲବ୍ଧ କରାଇବାକୁ ଯୋଜନା କରାଯାଇଛି।

ଭିଡିଓ ସୌଜନ୍ୟ: ଇଟିଭି ଭାରତ ବ୍ୟୁରୋ

କିପରି କରିବେ ବ୍ୟବହାର ଏହି ବାଇକ

ରାଇଡ ପାଇଁ ପ୍ରଥମେ ଗୁଗୁଲ ପ୍ଲେ ଷ୍ଟୋରକୁ ଯାଇ ୟ୍ୟୁଲୁ ଆପକୁ ଡାଉନଲୋଡ କରିବାକୁ ପଡିବ । ଏଥିପାଇଁ 250 ଟଙ୍କା ସିକ୍ୟୁରିଟି ଡିପୋଜିଟ କରିବାକୁ ହେବ । ଯାହା କୌଣସି ବି ସମୟରେ ଫେରସ୍ତ ନେଇପାରିବେ। ପଞ୍ଜୀକରଣ କରିବା ପରେ ଓ୍ବାଲେଟରେ ଟଙ୍କା ରଖିବାକୁ ପଡିବ । ବାଇକର ତାଲା ଖୋଲିବା ପାଇଁ 10 ଟଙ୍କା ଦେବାକୁ ପଡିବ । ଏହାପରେ ପ୍ରତ୍ୟେକ 10 ମିନିଟ ପାଇଁ 10 ଟଙ୍କା ଦେବାକୁ ହେବ । ଏହିଭଳି ଭାବେ ଯଦି 10 ମିନିଟ ଯାତ୍ରା ପାଇଁ 20 ଟଙ୍କା ଓ 20 ମିନିଟ ଯାତ୍ରା ପାଇଁ 30 ଟଙ୍କା ଦେବାକୁ ପଡିବ।

ପ୍ରଦୂଷଣ କମିବା ସହ ଭିଡରୁ ମିଳିବ ମୁକ୍ତି

ଏହା ବ୍ୟାଟେରୀ ଚାଳିତ ବାଇକ ହୋଇଥିବାବେଳେ ଏହାଦ୍ବାରା କୌଣସି ପ୍ରକାର ପ୍ରଦୂଷଣ ହେବନାହିଁ । ଏହାକୁ ଚଲାଇବା ବହୁତ ସହଜ । ଅନ୍ୟ ବାଇକ ପରି ଏହା ଟ୍ରାଫିକ ଜାମରେ ଫସିରହିବ ନାହିଁ । ଅତି ସହଜରେ ଭିଡ ମଧ୍ୟରେ ବାହାରି ଯାଇପାରିବ । ଗୋଟିଏ ଥର ଏହାକୁ ପୁରା ଚାର୍ଜ କରିଦେଲେ ଏହା 60 କିମି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଯାତ୍ରା କରିହେବ। ଧିରେଧିରେ ଏହାକୁ ଲୋକଙ୍କ ଘର ଓ ଅଫିସ ପାଖରେ ପହଞ୍ଚାଇବାର ଯୋଜନା ରହିଛି।

Intro:नई दिल्ली
राजधानी में लास्ट माइल कनेक्टिविटी, जाम एवं प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या है. इन तीनों समस्याओं का समाधान लेकर आया है युलु ऐप. इस ऐप की मदद से आप मेट्रो स्टेशन से घर या दफ्तर तक जाने के लिए इलेक्ट्रिक बाइक मिल जाएगी. इसके लिए केवल आपको मामूली किराया चुकाना होगा जो आपके ऐप से कट जाएगा. अभी कंपनी ने डीएमआरसी के साथ मिलकर 250 बाइक के साथ 9 मेट्रो स्टेशन से इसकी शुरुआत की है. इस साल के अंत तक पांच हजार ऐसी युलु बाइक उपलब्ध कराने का कंपनी दावा कर रही है.



Body:युलु बाइक (मिरिकल) सेवा के आपरेशन प्रमुख हेमंत गुप्ता ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का मकसद एक तरफ जहां राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करना है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण को कम करना है. लोगों को मेट्रो स्टेशन से घर-दफ्तर जाना हो या घर-दफ्तर से मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना हो, इसके लिए भविष्य में उन्हें युलू बाइक उपलब्ध होगी. अभी उन्होंने 250 युलु बाइक से इसकी शुरुआत की है जिसे इस वर्ष के अंत तक पांच हजार और दिसंबर 2020 तक 25 हजार तक पहुंचाने का लक्ष्य है.


ऐप से चलेगी यह बाइक, चुकानी होगी मामूली कीमत
इस राइड के लिए केवल आपको प्ले स्टोर से युलू ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा. इसके लिए 250 रुपये सिक्योरिटी डिपॉजिट होगा जो आप कभी भी वापस ले सकते हैं. पंजीकरण के बाद आपको अपने वॉलेट में पैसे डालने पड़ेंगे. बाइक का लॉक खोलने के लिए 10 रुपये चार्ज होगा और इसके बाद प्रत्येक 10 मिनट के लिए 10 रुपये चुकाने होंगे. इस तरह से अगर आप 10 मिनट सफर करेंगे तो 20 रुपये और 20 मिनट के सफर के लिए 30 रुपये चुकाने होंगे.


प्रदूषण में आएगी कमी, जाम में नहीं फंसना पड़ेगा
हेमंत गुप्ता ने बताया की युलू बाइक अभी 9 मेट्रो स्टेशनों पर लगाई गई हैं, लेकिन जल्द ही इसे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह बैटरी से चलती है और इससे किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता है. इसे चलाना बेहद आसान है और यह ट्रैफिक जाम में भी अन्य बाइक और स्कूटी की तरह नहीं फंसती है. इसे आसानी से भीड़भाड़ के बीच में भी निकाला जा सकता है. उन्होंने बताया कि एक बार पूरा चार्ज करने पर यह बाइक 60 किलोमीटर चलती है.


घर एवं दफ्तर के पास बनाए जाएंगे युलु जोन
हेमंत ने बताया कि अभी 9 मेट्रो स्टेशन से इसकी शुरुआत की गई है लेकिन धीरे-धीरे इसे लोगों के घरों एवं दफ्तर के पास पहुंचाने की योजना है. उन्होंने बताया कि ऐप का इस्तेमाल करने वाले अगर अपने घर या दफ्तर के आसपास युलु जोन बनाना चाहते हैं जहां गाड़ियां खड़ी हो तो इसके लिए वह ऐप पर ही जाकर रिक्वेस्ट कर सकते हैं. ऐसी रिक्वेस्ट उनके पास पहुंचती है जिस पर वह तय करते हैं कि किस जगह युलु जोन बनाया जाए.



गाड़ी छोड़ करेंगे युलु बाइक की सवारी
हेमंत ने बताया कि राजधानी में 40 फ़ीसदी प्रदूषण का कारण
गाड़ियां हैं. बड़ी संख्या में यह प्रोजेक्ट जब लोगों के बीच पहुंच जाएगा तो वह गाड़ी का इस्तेमाल करने की बजाय इसे ही इस्तेमाल करेंगे. यह सुविधा उन्हें घर एवं दफ्तर के पास तक मिलेगी. इसके लिए उन्हें किसी ह्यूमन इंटरफ़ेस की भी जरूरत नहीं होगी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 के अंत तक लगभग 25000 ऐसी गाड़ियां दिल्ली एनसीआर में होंगी. रोजाना अगर 5 लोग भी एक बाइक का इस्तेमाल करते हैं तो सवा लाख लोग इसका इस्तेमाल करेंगे. खास बात यह है कि बड़ी संख्या में लोग अपनी कार छोड़कर इसका इस्तेमाल करेंगे.


Conclusion:बेहद आसान है इसे इस्तेमाल करना
यूनो बाइक इस्तेमाल कर रहे सचिन सैनी ने बताया कि वह रोजाना मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर उतर कर अंदर जाते हैं. यहां से ऑटो वाला 40 या 50 रुपये उनसे किराया लेता है. लेकिन अब वह बाइक का इस्तेमाल कर महज 20 रुपये में यह सफर तय कर लेते हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्हें न तो ऑटो का इंतजार करना पड़ता है और ना ही उनके बाइक इस्तेमाल से राजधानी में प्रदूषण फैलता है.

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