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पुरोला में आक्रोशित हुये पर्यटन व्यवसाई, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के अधिकारियों के खिलाफ खोला मोर्चा, जानें कारण

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 16, 2023, 10:23 PM IST

protest of tourism businessmen in Purola पुरोला में पर्यटन व्यवसायियों ने वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. व्यवसायी, केदारकांठा और हरकीदून में पर्यटकों की संख्या सीमित करने और शीतकाल में पर्यटकों की आने पर प्रतिबंध लगाने का विरोध कर रहे हैं.

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उत्तरकाशी

पुरोला:गोविंद वन्य जीव विहार के केदारकांठा और हरकीदून में पर्यटकों की संख्या सिमित करने और शीतकाल के लिए पर्यटकों की आवाजाही प्रतिबंधित करने के खिलाफ सांकरी और नैटवाड़ क्षेत्र के पर्यटन व्यवसायियों ने वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही आदेश को निरस्त नहीं किया गया तो वह उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

गुरुवार को मोरी पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग सांकरी में बड़ी संख्या में एकत्र हुए. जहां उन्होंने पार्क प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान पर्यटन व्यवसायी चंद्रमणि रावत ने कहा कि क्षेत्र के सैकड़ों लोगों का रोजगार केदारकांठा, विश्व प्रसिद्ध हरकीदून और चांगसील पर्यटन व्यवसाय से जुड़ा है. पार्क प्रशासन के पर्यटकों की संख्या सीमित करने एवं दिसंबर में शीतकाल में पर्यटकों की आने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश से क्षेत्र के युवाओं के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे.
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प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि क्षेत्र के सैकड़ों परिवार और युवा वर्ग पर्यटन क्षेत्र के टूर ऑपरेटर, कंपनी मालिक, टेम्पो, बोलेरो, कैंपर, घोड़ा, खच्चर मालिक, होटल, रेस्टोरेंट मालिक, होमस्टे संचालक सभी पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं. पार्क प्रशासन का उक्त आदेश लोगों को बेरोजगार बना देगा. उन्होंने निर्णय लिया कि आदेश को वापस लेने को लेकर उप निदेशक गोविंद पशु विहार और उच्च अधिकारियों से मुलाकात की जाएगी. आदेश वापस न लेने पर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा.

वहीं, गोविंद पशु विहार नैटवाड़ पुरोला की उप निदेशक डॉ. अभिलाषा सिंह ने कहना है कि पार्क के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में शीतकाल में बर्फबारी एवं पूर्व की घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से पर्यटकों की आवाजाही रोकने और वन्य जीवों के रहन सहन में खलल ना पड़े, इसलिए पर्यटकों की संख्या सीमित करने के आदेश चीफ वाइल्डलाइफ के 2016 में किए गए आदेश ही प्रभावी हैं. जल्द ही पार्क क्षेत्र के पर्यटन से जुडे व्यवसायियों के साथ बैठक कर लोगों का भ्रम दूर किया जा जाएगा.

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