उत्तराखंड

uttarakhand

उत्तराखंड में धान खरीद का लक्ष्य पूरा, 1,500 करोड़ रुपए की हुई खरीद

By

Published : Nov 21, 2020, 1:28 PM IST

Updated : Nov 21, 2020, 3:52 PM IST

उत्तराखंड में धान खरीद का लक्ष्य पूरा हो गया है. इस वर्ष करीब 1,500 करोड़ रुपए की धान खरीद हुई है.

Uttarakhand Hindi Latest News
उत्तराखंड में धान खरीद का लक्ष्य पूरा

हल्द्वानी/खटीमा: प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष का धान खरीद लक्ष्य पूरा कर लिया गया है. प्रदेश सरकार द्वारा इस साल एक करोड़ क्विंटल धान खरीद करने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं, कोऑपरेटिव द्वारा अभी भी किसानों की धान खरीद का 370 करोड़ रुपए भुगतान बकाया है. सरकार ने इस साल निजी रजिस्टर्ड एजेंसियों के माध्यम से 1,200 करोड़ रुपए की धान की खरीद की है.

क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक ललित मोहन रयाल ने बताया कि इस साल धान खरीद का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि आढ़तियों द्वारा 70 लाख क्विंटल धान की खरीद की गई है. जिसकी लागत करीब 1,200 करोड़ है. वहीं, को-ऑपरेटिव द्वारा 24 लाख क्विटंल धान की खरीद की गई है. जबकि आरएफसी विभाग द्वारा 6 लाख क्विंटल धान की खरीद की गई है.

उन्होंने बताया कि अन्य जगह पर धान खरीद केंद्रों को बंद कर दिया गया है. जबकि मंडी में स्थापित आरएफसी के कांटे को अभी भी चालू रखा गया है, जिससे कि जो भी किसान अगर धान बेचने से वंचित रह गए हैं वह मंडी के आरएफसी के कांटों पर आकर धान बेच सकते हैं.

क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक ललित मोहन रयाल के मुताबिक कोऑपरेटिव विभाग पर अभी भी किसानों का 370 करोड़ का भुगतान बकाया है. जबकि 78 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. ललित मोहन रयाल ने कोऑपरेटिव विभाग को निर्देशित किया है कि तुरंत बिलों को सबमिट कर किसानों का भुगतान करें, ताकि समय पर किसानों को राहत मिल सके.

हल्द्वानी में किसानों का प्रदर्शन

लक्ष्य पूरा होने के बाद धान खरीद होने के चलते गौलापार और चोरगलिया के किसान अपना धान बेचने से वंचित रह गए हैं. जिसके चलते किसानों में आक्रोश है. इसी क्रम में किसानों ने गौलापार स्थित धान क्रय केंद्र पर प्रदर्शन करते हुए धान क्रय केंद्र खोलने की मांग की है. किसानों का कहना है कि तौल कांटे पर धान बिक्री के लिए नंबर लगाने के बावजूद 425 किसानों का धान क्रय केंद्रों पर नहीं खरीदा गया और तौलकांटे भी बंद कर दिये गये हैं.

किसानों ने धान खरीद में बताई धांधली

हल्द्वानी के चोरगलिया क्षेत्र के धान खरीद केंद्र को समय से पहले बंद किए जाने को और धान खरीद में की गई धांधली को लेकर स्थानीय किसानों ने शनिवार एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. किसानों ने कहा कि धान खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन किए जाने के बाद भी उनकी धान नहीं खरीदी गई और समय से पहले धान क्रय केंद्र को बंद कर दिया गया.

किसानों का कहना है कि क्रय केंद्र में तराई के लोगों का धान खरीदा गया. जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. स्थानीय लोगों ने मांग की है कि न सिर्फ धान क्रय की जांच की जाए बल्कि 65% किसान अभी भी किसान धान बेचने से वंचित रह गए हैं, उनकी भी धान खरीदी जाए.

ये भी पढ़ें:आपकी गाढ़ी कमाई पर हैकरों की नजर, साइबर ठगी से ऐसे बचें

खटीमा में भी किसान परेशान

उधमसिंह नगर जनपद में धान की पैदावार काफी अच्छी हुई है. जिसके चलते उधमसिंह नगर में धान खरीद का लक्ष्य पूरा हो गया है. लेकिन इन सबके बीच कुछ किसान धान नहीं बेच पाए हैं. नानकमत्ता मंडी में किसानों ने धान की तौल नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसी क्रम में किसानों के साथ नानकमत्ता विधायक के नेतृत्व में एसडीएम खटीमा और स्थानीय मंडी समिति के अधिकारियों ने एक मीटिंग की.

मीटिंग के बाद नानकमत्ता विधायक प्रेम सिंह राणा ने बताया कि किसानों ने उन्हें बताया कि सरकारी धान क्रय केंद्रों का कोटा पूरा हो जाने के कारण धान क्रय केंद्र अब धान नहीं खरीद रहे हैं. उन्होंने आरएफसी के अधिकारियों व खाद्य सचिव से बात की है. जिसमें निर्णय निकला है कि मंडी समिति में जो भी किसान धान की ट्रॉलियां लेकर खड़े हैं, उन्हें टोकन दे दिया जाएगा और एक-एक कर उनका धान तुलवाया जाएगा.

Last Updated :Nov 21, 2020, 3:52 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details