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Rishikesh Karnprayag Railway Line: टनल निर्माण से हिली 14 मकानों की नींव, घरों में दरार पड़ने से दहशत परिवार

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Published : Feb 3, 2023, 5:46 PM IST

टिहरी जिले में बल्दियाखान गांव के 14 घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है. जिसकी वजह से उसमें रहने वाले परिवार दहशत में है. ग्रामीणों का आरोप है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के लिए ब्लास्टिंग करके टनल बनाई जा रही है. जिसकी वजह से उनके घरों में दरारें पड़ी है. प्रभावितों ने सरकार से मुआवजा और विस्थापन की मांग की है.

घरों में दरार पड़ने से दहशत परिवार
घरों में दरार पड़ने से दहशत परिवार

घरों में दरार पड़ने से दहशत परिवार.

टिहरी: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन परियोजना के तहत टिहरी में रेलवे टनल का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इस सुरंग निर्माण की वजह से नरेंद्रनगर विधानसभा की पट्टी दोगी की ग्राम पंचायत लोड़सी के बल्दियाखान में 14 परिवारों का मकान खतरे की जद में आ गया है. इन मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने लगी है. जिसकी वजह से प्रभावित परिवार खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं.

बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का निर्माण का कार्य इन दिनों युद्धस्तर पर चल रहा है. जिसकी वजह से जगह-जगह पहाड़ों को खोदकर टनल बनाई जा रही है. टनल निर्माण में हो रहे ब्लाटिंग के कारण विधानसभा नरेंद्रनगर की पट्टी दोगी के गूलर के पास लोड़सी ग्राम पंचायत के बल्दियाखान बस्ती में रह रहे 14 परिवारों के मकानों की छतों, दीवारों और आंगन में दरारें पड़ गयी है.
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वहीं, अक्सर रात में हो रहे ब्लाटिंग से मकान थरथराने लगता है. जिसकी वजह से लोग भय और दहशत के मारे बच्चे सहित बाहर निकल जाते है. ब्लाटिंग से मकानों की नींव हिलने से मकान कमजोर पड़ चुके है. ग्रामीणों ने कहा उनकी शिकायत पर रेलवे विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के अधिकारी गांव पहुंचे थे. मकानों पर दरारें देख, चिह्नित कर मात्र खानापूर्ति की है,मगर पीड़ितों को किसी प्रकार का आश्वासन तक नहीं दिया गया है.

इससे पीड़ित ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ गई है. साथ ही उनमे आक्रोश पनपता जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके मकानों में दरारें बढ़ती जा रही हैं. जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है. उनके घर अब रहने के लिए सुरक्षित नहीं हैं. सरकार उन्हें मकानों का मुआवजा देकर विस्थापन की कार्रवाई करें, नहीं तो हम लोग ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गूलर में सड़कों पर उतरकर रेलवे विकास निगम के खिलाफ आंदोलन करने को बाध्य होंगे.

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