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MLA दलीप रावत ने फिर खोला मोर्चा, बोले- हरक के हर विभाग की हो जांच, CBI जांच की उठाई मांग

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Published : Apr 28, 2022, 7:38 PM IST

Lansdowne MLA Daleep Rawat
दलीप रावत और हरक सिंह रावत

लैंसडाउन विधायक दलीप रावत और हरक सिंह रावत के बीच रार अब सीबीआई जांच की मांग तक पहुंच गई है. दलीप रावत ने साफ आरोप लगाया है कि श्रम विभाग एवं कर्मकार बोर्ड में भारी अनियमितता के साथ धन की जमकर बंटरबाट हुई है.

कोटद्वारःलैंसडाउन विधायक दलीप रावत अब पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ मुखर हो गए हैं. उन्होंने हरक सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही उन्होंने श्रम विभाग एवं कर्मकार बोर्ड में हुई अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की है.

पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. उनके वन मंत्री रहने के दौरान कॉर्बेट पार्क क्षेत्र के पाखरो रेंज में बिना अनुमति के निर्माण व पेड़ों के अवैध पातन मामले में वन विभाग के दो उच्चधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. अब लैंसडाउन विधायक महंत दलीप रावत ने भी हरक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत का लेटरहेड.

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दलीप रावत (Lansdowne MLA Daleep Rawat) का कहना है कि हरक सिंह रावत के कार्यकाल की सभी विभागों की जांच होनी चाहिए. उन्होंने इशारों में यह भी कह दिया कि उनकी लड़ाई हरक सिंह रावत से नहीं है, लेकिन उनके पास जितने भी विभाग रहे हैं, उनमें भ्रष्टाचार हुआ है. सभी विभागों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि श्रम विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, आयुष विभाग समेत सभी विभागों की जांच होनी चाहिए. जांच सामर्थ होनी चाहिए, चाहे पूर्व सरकार भी भ्रष्टाचार के कटघरे में हो. उन्होंने साफ कहा कि भ्रष्टाचार के खेल में सरकार से लेकर उच्चाधिकारी लिप्त हो सकते हैं, सब बेनकाब होने चाहिए.

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उनका आरोप है कि साल 2017-18 से 2021 तक श्रम विभाग की ओर से श्रमिकों के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए. जिसके तहत श्रमिकों को सिलाई मशीनें, साइकिलें, लाइट समेत विभिन्न प्रकार के यंत्र एवं श्रमिकों के लड़कियों के विवाह के लिए धनराशि दी गई, लेकिन इनके आंवटन में भारी अनियमितता हुई.

दलीप रावत ने आरोप लगाया कि कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं को गलत तरीके से पैसा देकर धन की बंटरबाट की गई. ऐसे में वास्तिवक श्रमिकों को इन योजनाओं से वंचित रखा गया है. इन अनियमितताओं के खिलाफ कई लोग कोर्ट भी जा चुके हैं. ऐसे में अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच तुरंत होनी चाहिए.

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