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Kanwar Yatra 2023: दंडवत कर नीलकंठ मंदिर के लिए निकला शिव भक्त, बम-बम भोले से गूंजा कोटद्वार

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Published : Feb 14, 2023, 7:55 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 8:12 PM IST

उत्तराखंड में महाशिवरात्रि को लेकर शिवालय और मंदिर सजने लगे हैं. इसके साथ ही शिव भक्त कांवड़ के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं. जहां से वे बम-बम भोले के जयकारों के साथ गंगा जल लेकर रवाना हो रहे हैं. एक ऐसा ही भोले का भक्त ऋषिकेश पहुंचा है. जो दंडवत कर नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए निकला है.

Devotees dandvat yatra
दंडवत कर नीलकंठ मंदिर के लिए निकला शिव भक्त

दंडवत कर नीलकंठ मंदिर के लिए निकला शिव भक्त.

ऋषिकेश/कोटद्वार:योग और ऋषि मुनियों की नगरी में आए दिन भक्तों की आस्था की अनेक झलकियां देखने को मिलती हैं. ऐसा ही कुछ नजारा एक बार फिर से ऋषिकेश की तंग सड़कों पर देखने को मिला है. जहां एक भोले का भक्त सड़क पर दंडवत कर भगवान भोलेनाथ के दरबार नीलकंठ महादेव के लिए निकल पड़ा है. इसके अलावा हरिद्वार के हरकी पैड़ी में कांवड़ लेने के लिए कांवड़िए पहुंचने लगे हैं. जो आगामी शिवरात्रि के मौके पर विभिन्न मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे.

हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों से घिरा और मां गंगा के तट पर बसा ऋषिकेश प्राचीनकाल से ही ऋषि मुनियों एवं महान आत्माओं का ऋणी रहा है. यही कारण है कि ऋषिकेश आध्यात्मिक और धार्मिक क्षेत्र के लिहाज से पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है. इन दिनों ऋषिकेश के पास ही स्थित भगवान भोले नाथ के पावन धाम नीलकंठ महादेव में शिवरात्रि की तैयारियां चल रही है. इसके साथ ही अपनी मन्नत पूरी हो जाने के बाद या फिर मन्नत मांगने के लिए विभिन्न प्रांतों से भक्तों का आना भी शुरू हो गया है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के मेरठ से दो भाइयों का जोड़ा ऋषिकेश की तंग सड़कों पर भगवान भोले नाथ की अटूट आस्था का प्रतीक बना हुआ है.

सड़क पर दंडवत कर भगवान के दर पर मन्नत मांगने के लिए पहुंचने के इस तरह के दृश्य अक्सर फिल्मों में ही देखे जाते हैं, लेकिन आस्था का प्रतीक बने चंद्रपाल सिंह बीते पांच फरवरी को हरिद्वार से अपने भाई विशाल के साथ गंगाजल लेकर नीलकंठ धाम के लिए निकले हैं. चंद्रपाल के साथ उनके भाई विशाल भी उनके पीछे-पीछे पैदल निकल पड़े हैं.

उन्होंने बताया कि वो दूसरी बार भगवान भोलेनाथ के दरबार जा रहे हैं. पत्थर की नाप के आधार पर वो अपनी इस धार्मिक यात्रा को पूरा करेंगे. एक दिन में सिर्फ रात के समय भोजन करना और रात के समय कहीं भी जगह मिल जाने पर विश्राम करना ही उनकी इन दिनों की दिनचर्या बन चुकी है. बता दें कि हरिद्वार से नीलकंठ धाम की दूरी करीब 65 किलोमीटर की है. जिसमें चढ़ाई वाले पैदल मार्ग की दूरी लक्ष्मणझूला से नीलकंठ करीब 14 किलोमीटर है. जिसे चंद्रपाल सड़क पर दंडवत कर पूरा करेंगे.
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कोटद्वार में गंगाजल लेकर पहुंचे कांवड़िएःहिंदू पंचांग के मुताबिक, भोलेनाथ को स्मरण करने के दो मास होते हैं. माघ और सावन मास में शिव भक्त हरिद्वार से कांवड़ लेकर विभिन्न मंदिरों में भोलेनाथ का गंगाजल जल से अभिषेक करते हैं. 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व है. ऐसे में अभी से ही गढ़वाल क्षेत्र शिव भक्तों के बम बम बोले के जयकारों से गूंज रहा है. भोले के भक्त हरिद्वार से गंगाजल भर कर अपने-अपने क्षेत्र के लिए निकल पड़े हैं.

इसी कड़ी में हरिद्वार से गंगाजल भर रामनगर के लिए निकली भोले बाबा के भक्तों की टोली कोटद्वार पहुंची. जिसमें 13 साल का हर्षित भी शामिल है. हर्षित ने बताया कि वो पहली बार कांवड़ लेने आए हैं. कांवड़ यात्रा करने में उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है. वहीं, पौड़ी कप्तान श्वेता चौबे ने बताया कि लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी ने पुलिस बल की मांग की है. नीलकंठ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने हुए हरिद्वार और देहरादून जिला से पुलिस बल की मांग की गई है.
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Last Updated : Feb 14, 2023, 8:12 PM IST

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