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वाल्मीकि समाज ने डीएफओ को सौंपा ज्ञापन, सीएम धामी से की सीताबनी मंदिर जीर्णोद्धार की मांग

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Published : Sep 3, 2022, 3:54 PM IST

सीताबनी मंदिर जीर्णोद्धार की मांग (Demand for restoration of Sitabani temple) को लेकर भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (Indian Valmiki Dharma Society) ने रैली के माध्यम से डीएफओ को ज्ञापन दिया. सीएम धामी के नाम से लिखे इस ज्ञापन में वाल्मीकि तपो भूमि सीताबनी (Valmiki Tapo Bhoomi Sitabani), रामनगर में वाल्मीकि पार्क, वाल्मीकि जी की प्रतिमा एवं सड़क निर्माण की मांग की गई है.

Valmiki Samaj submitted memorandum to DM
वाल्मीकि समाज ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

रामनगर: वन प्रभाग के कोटा रेंज अंतर्गत पड़ने वाले सीताबनी मंदिर के जीर्णोद्धार (Restoration of Sitabani Temple) के लिए भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (Indian Valmiki Dharma Society) ने रैली के माध्यम से डीएफओ को ज्ञापन दिया. बता दें कि 14 जनवरी 2014 को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष (CM Discretionary Fund) से जिलाधिकारी नैनीताल को प्रथम किश्त के रूप में 15 लाख रुपये भेजे थे, लेकिन उसमे से एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ.

बता दें कि रामनगर में भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के तत्वाधान में सैकड़ों लोगों ने बंबाघेर स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर से जुलूस निकला (Procession took out from Maharishi Valmiki temple), जो रामनगर वन प्रभाग (Ramnagar Forest Division) से होते हुए तहसील परिसर पहुंचा. वहां उन्होंने सीताबनी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए ज्ञापन डीएफओ कुंदन कुमार और एसडीएम गौरव चटवाल के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) को भेजा.

वाल्मीकि समाज ने डीएफओ को सौंपा ज्ञापन

वाल्मीकि समाज के प्रदेश सचिव शुभम उत्तम ने कहा प्राचीन वाल्मीकि तीर्थ सीताबनी से पूरे देश के वाल्मीकि समाज की आस्था जुड़ी हुई है. यहां हर साल 26 अप्रैल को पूरे देश का वाल्मीकि समाज श्रद्धा पर्व मनाने पहुंचता है, लेकिन ऊबड़-खाबड़ रास्ते और वाल्मीकि भगवान के तपो स्थान पर मंदिर न होने के कारण श्रद्धालुओं में रोष फैल रहा है.
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उन्होंने कहा कि इसको लेकर भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज कई वर्षों से आंदोलनरत है. वाल्मीकि समाज के लोग कई बार सभी मुख्यमंत्रियों और नेताओं को मांग पत्र दे चुके हैं. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने 14 जनवरी 2014 को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से जिलाधिकारी नैनीताल को प्रथम किश्त के रूप में पंद्रह लाख रुपये भेजे थे, जो वाल्मीकि तपो भूमि सीताबनी, रामनगर में वाल्मीकि पार्क, वाल्मीकि जी के प्रतिमा एवं सड़क निर्माण के लिए थे, लेकिन उसमें से एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ.

उन्होंने कहा जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपया खर्च कर वाल्मीकि तीर्थ चित्रकूट का विकास (Development of Valmiki Teerth Chitrakoot) किया है. वहीं, उत्तराखंड सरकार इस तपोभूमि को नजरअंदाज कर रही है. सरकार वाल्मीकि तीर्थ, रामनगर के विकास के लिए पैसा रिलीज करे और वाल्मीकि तीर्थ को तीर्थ स्थल घोषित करे. साथ ही यहां मूर्ति स्थापना, मंदिर निर्माण एवं सड़कों का निर्माण सुनिश्चित करें. अन्यथा आज से उप जिलाधिकारी रामनगर कार्यालय पर सत्याग्रह शुरू कर उग्र आंदोलन होगा.

डीएफओ कुंदन कुमार ने कहा वाल्मीकि समाज ने एक ज्ञापन दिया है, जिसमें उन्होंने बताया कि सीताबनी क्षेत्र में इनकी धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ एक क्षेत्र है, जिसमें रास्ते और जीणोद्धार की समस्या थी. उन्होंने कहा क्योंकि यह क्षेत्र वैधानिक रूप से वन क्षेत्र है, इनकी समस्या को उच्च स्तर को भेजा जा रहा है. जैसा भी आदेश उच्च स्तर से प्राप्त होगा, उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

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