उत्तराखंड

uttarakhand

कोरोना का असर: कैंची धाम में इस बार नहीं लगेगा मेला, ये है मंदिर की महत्ता

By

Published : May 27, 2020, 3:29 PM IST

Updated : May 27, 2020, 3:53 PM IST

56 सालों में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कैंची धाम में मंदिर के स्थापना दिवस पर मेले का आयोजन नहीं होगा. कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मेला आयोजित नहीं होगा. लॉकडाउन की वजह से कैंची मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.

kainchi dham Nainital
kainchi dham Nainital

नैनीताल: स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग की प्रेरणास्थली और बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम में इस बार 15 जून को भक्तों की आस्था का रेला नहीं उमड़ेगा. कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मेला आयोजित नहीं किया जाएगा. लॉकडाउन की वजह से कैंची मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.

कैंची धाम में इस बार नहीं लगेगा मेला.

यूं तो उत्तराखंड देवभूमि है और यहां कण-कण में देवी-देवताओं का निवास माना जाता है. इन्हीं तीर्थ स्थलों में एक है विश्व प्रसिद्ध नैनीताल के कैंची (भवाली) में बना बाबा नीब करौली का धाम. यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. कैंची धाम फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के सीईओ रहे स्टीव जॉब्स की प्रेणास्थली भी है. यहां हर साल 15 जून को मंदिर स्थापना दिवस के अवसर पर मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बाबा के दर पर सन्नाटा रहेगा. मंदिर प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण को देखकर इस बार स्थापना दिवस को सादगी के साथ मनाने का फैसला लिया है.

चमत्कार और रहस्यों से भरा कैंची धाम

बाबा नीब करौली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ वापस नहीं लौटता. यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी होती है. यही कारण है कि देश-विदेश से हजारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं.

पढ़ें-लॉकडाउन से नैनीताल में एडवेंचर स्पोर्ट्स का कारोबार ठप

बाबा नीब करौली के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं. जनश्रुतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी. बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से जल भरकर लाया गया. उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया. ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौली महाराज ने अपने भक्त को तपती धूप से बचाने के लिए बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचाया. ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां खिंचे चले आते हैं.

15 जून का इतिहास

इसी तरह की एक और जनश्रुति के अनुसार एक बार स्थानीय निवासी धर्मानंद तिवारी नैनीताल से कहीं लौट रहे थे. उनको रास्ते में काफी देर हो गई और इस दौरान धर्मानंद तिवारी को रास्ते में भूत का डर सताने लगा. तभी एक व्यक्ति कंबल ओढ़े उनसे मिला और बोला बेटा अभी तुमको गाड़ी मिल जाएगी और कुछ देर में धर्मानंद को गाड़ी मिल गई थी. इसके बाद धर्मानंद ने बाबा से पूछा बाबा आप कौन हैं और अब कब दर्शन देंगे. बाबा 20 साल बाद मिलने की बात कहकर वहां से ओझल हो गए. अचानक 20 साल बाद बाबा ने उन्हें दर्शन दिये और 20 साल पुरानी बातों को बताया और इस स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाने को कहा. जिसके बाद 15 जून को बाबा के मन्दिर का निर्माण कराया गया.

पढ़ें-कोरोना ने नैनीताल के होटल कारोबारियों की 'तोड़ी कमर', बिजली और पानी का बिल माफ करने की मांग

स्टीव जॉब्स का कैंची धाम से रहा रिश्ता

एप्पल के संस्थापक और अब दिवंगत स्टीव जॉब्स भी बाबा के दर्शन के लिए यहां आए थे. एप्पल का लोगो भी बाबा का ही दिया था. स्टीव जॉब्स ने बताया था कि बाबा ने उन्हें अपने मुंह से कटा हुआ सेब दिया था. इसको प्रेरणा मानते हुए स्टीव जॉब्स ने अपना लोगो बनाया. स्टीव जॉब्स को उसके बाद सफलता ही सफलता मिली. बाबा के भक्तों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का नाम भी सम्मिलित है. बताया जाता है कि ओबामा के चुनाव से पहले अमेरिका से एक दल मंदिर आया था और उन्होंने ओबामा की जीत के लिए हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया था.

Last Updated :May 27, 2020, 3:53 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details