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पड़ोसी ने नाबालिग छात्रा से किया दुष्कर्म, गर्भवती हुई तो भगा ले गया, अब हुई 20 साल की जेल

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 13, 2023, 7:44 AM IST

Updated : Dec 13, 2023, 8:43 AM IST

Rape convict gets 20 years imprisonment in haldwani एक युवक पर विश्वास करना एक परिवार को भारी पड़ गया. इस युवक ने घर की नाबालिग छात्रा को हवस का शिकार बनाया जिससे वो गर्भवती हो गई. हल्द्वानी की पॉक्सो कोर्ट ने अब इस दुष्कर्मी को कठोर कारावास की सजा सुनाई है. क्या है ये पूरा मामला, पढ़िए इस खबर में.

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हल्द्वानी: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह रावत की कोर्ट ने छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. दुष्कर्म पीड़ित छात्रा गर्भवती हो गई थी.

छात्रा से रेप करने वाले युवक को जेल: शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामला नैनीताल जिले का है. यहां पड़ोस में रहने वाले युवक ने कक्षा नौ में पढ़ने वाली छात्रा से दुष्कर्म किया. इससे वह गर्भवती हो गई. बाद में न्यायालय के आदेश के बाद किशोरी का गर्भपात कराया गया था. पूरे मामले में सात गवाह और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी है.

कक्षा 9 की छात्रा से हुआ दुष्कर्म: शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 8 अप्रैल 2021 को भवाली थाने में एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला कि युवक पड़ोस में रहता था. युवक ने किशोरी के घर में मजदूरी की थी. इसी दौरान उसकी जान पहचान किशोरी से हो गई थी. एक जनवरी 2021 को आरोपी ने किशोरी के घर में ही उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाए. इसकी शिकायत करने पर पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी थी.

दुष्कर्म से गर्भवती हुई छात्रा: इस दौरान अप्रैल 2021 को किशोरी की तबीयत बिगड़ी तो उसकी स्वास्थ्य जांच कराई गई. तब पता चला कि वह तीन माह की गर्भवती है. छात्र ने जब आरोपी से गर्भवती होने की बात बताई तो आरोपी छात्रा को भगा ले गया. उसने छात्रा को नैनीताल में अपनी बहन के घर में रखा. नौ अप्रैल 2021 को पुलिस ने किशोरी को आरोपी की बहन के घर से ढूंढ लिया. साथ ही पुलिस ने आरोपी को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

किशोरी का गर्भपात कराया गया था: किशोरी के नाबालिग होने पर कोर्ट के आदेश और परिजनों की सहमति से किशोरी का गर्भपात कराया गया. भ्रूण की फॉरेंसिक जांच में आरोपी युवक ही उसका बायोलॉजिकल पिता निकला. पूरे मामले में कोर्ट ने फॉरेंसिक रिपोर्ट और सात गवाहों के बयानों के आधार पर आरोपी को दोषी मानते हुए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी नंदन सिंह रावत की कोर्ट ने 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
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Last Updated :Dec 13, 2023, 8:43 AM IST

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