उत्तराखंड

uttarakhand

वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद की दोस्ती में दरार, अब संन्यासी बनेंगे जितेंद्र नारायण त्यागी!

By

Published : May 22, 2022, 8:29 PM IST

Updated : May 22, 2022, 10:10 PM IST

महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की दोस्ती में दरार आ गई है. बीते दिनों हुए घटनाक्रम और बयानों से इस बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब इन दोनों की राहें अलग-अलग हो चुकी हैं.

Rift in the friendship of Swami Yeti Narasimhanand and Jitendra Narayan Tyagi
स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी की दोस्ती में दरार

हरिद्वार:जितेंद्र नारायण त्यागी ऊर्फ वसीम रिजवी और स्वामी यति नरसिंहानंद ये वो दो नाम हैं, जो बीते डेढ़ सालों से लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं. स्वामी यति नरसिंहानंद अपने बयानों को सुर्खियां बटोरी तो जितेंद्र नारायण त्यागी मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने से चर्चाओं में आये थे. उन्होंने स्वामी यति नरसिंहानंद के साथ डासना मंदिर में हिंदू धर्म अपनाया था. तब से ही ये दोनों अक्सर एक दूसरे के साथ देखें जाते रहे हैं. मगर अब हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले के बाद इन दोनों की दोस्ती में दरार आती दिख रही है. ऐसा यूं ही नहीं कहा जा रहा है. बीते दिनों कुछ ऐसे घटनाक्रम हुए जिसके बाद से ये दोनों अलग-अलग हैं.

रिहाई पर जितेंद्र नारायण त्यागी को लेने नहीं पहुंचे: बीते दिनों जब जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी हेट स्पीच मामले में जमानत पर जेल से रिहा हुए, तब कोई भी संत उन्हें लेने नहीं पहुंचा था. उम्मीद जताई जा रही थी स्वामी यति नरसिंहानंद जितेंद्र नारायण त्यागी की रिहाई के बाद उनका स्वागत करने पहुंचेंगे. स्वामी यति नरसिंहानंद, जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी का शुरू से ही विरोध कर रहे थे. मगर जब वे रिहा हुए तो वे उन्हें मिलने तक नहीं आए. इतना ही नहीं जेल से निकलने के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी का अंदाज भी बदला-बदला दिखा. जिससे अंदाजा लगा कि अब शायद जितेंद्र नारायण त्यागी और स्वामी यती नरसिंहानंद की राहें अलग-अलग हो गई हैं.

स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी की दोस्ती में दरार

पढ़ें-'मेरे कारण वसीम रिजवी को हुई जेल, मुझे माफ करें', यति नरसिंहानंद का बड़ा बयान

जल्द संन्यास लेंगे जितेंद्र नारायण त्यागी: अब सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खबर है कि जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी जल्द ही हरिद्वार में संन्यास की दीक्षा लेने वाले हैं. जिसके बाद वे संत बनेंगे. जिसकी लगभग सभी तैयारियां हो गई है. इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि कभी जिगरी रहे इन दोनों दोस्तों के बीच अब दरार आ गई है.

धर्म संसद हेट स्पीट मामले में गिरफ्तारी:बता दें कि धर्मनगरी हरिद्वार में हुई धर्म संसद हेट स्पीट मामले में सबसे पहले हरिद्वार पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 13 जनवरी को जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया. इन दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी कि जितेंद्र नारायण त्यागी के बिना यति नरसिंहानंद भी एक दिन से ज्यादा नहीं रह पाए. 15 जनवरी को हरिद्वार पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जिसके बाद लगभग दोनों एक महीना हरिद्वार जिला कारागार में साथ में रहे.

पढ़ें-Haridwar hate speech case: जितेंद्र नारायण त्यागी जेल से हुए रिहा, दिनेशानंद भारती को भी मिली जमानत

रिहाई के बाद शांत हुए यति न​रसिंहानंद:इसके बाद यति न​रसिंहानंद गिरि जमानत मिलने के बाद 17 फरवरी को जेल से रिहा हुए. जमानत मिलने के तुरंत बाद यति नरसिंहानंद गिरि हरिद्वार के सर्वानंद घाट पर अनशन पर बैठ गए थे. यति न​रसिंहानंद गिरि ने कहा था कि जब तक जितेंद्र नारायण उर्फ वसीम रिजवी जेल से रिहा नहीं होते तब तक वे यहीं बैठे रहेंगे, लेकिन यह अनशन सिर्फ 2 दिन तक ही चला. जिसके बाद उन्होंने पदयात्रा कर कर दिल्ली रवाना होने का फैसला लिया. दिल्ली जाकर यति नरसिंहानंद बिल्कुल शांत हो गए. वे कानूनी प्रक्रिया पर विश्वास जताते हुए न्यायालय के फैसले का इंतजार करने लगे. शायद यहीं से इन दोनों की दोस्ती में अलगाव का मोड़ आया.

पढ़ें-गाजियाबाद: यति नरसिंहानंद सरस्वती को दुबई से मिली धमकी, सुनिए ऑडियो रिकॉर्डिंग

जेल में मिलने नहीं गये, परिवार से बनाई दूरी: वहीं, दूसरी ओर जेल में बंद जितेंद्र नारायण त्यागी जेल में दिन काट रहे थे और जमानत का इंतजार कर रहे थे. सूत्रों की माने तो जेल में निकलने के बाद एक बार भी यति नरसिंहानंद गिरि जितेंद्र त्यागी से मिलने नहीं आए. न ही उन्होंने वीडियो कॉल पर बात की. कहा जाता है जेल में रहने के दौरान जितेंद्र नारायण त्यागी ने अपने परिवार से मदद भी मांगी. वहीं, दूसरी ओर जितेंद्र नारायण त्यागी के नाम पर यति नरसिंहानंद गिरि ने चंदा भी इकट्ठा किया. उसी का परिणाम रहा कि दूरियां इतनी बढ़ गई कि जितेंद्र नारायण त्यागी ने एक बार भी यति नरसिंहानंद से मिलना सही नहीं समझा.

पढ़ें-यति नरसिंहानंद गिरी का बड़ा बयान- 'हमने धर्म संसद में वही मुद्दे उठाये जो चुनाव में भाजपा उठा रही है'

'शायद हमारा सफर इतना ही': जिस दिन जितेंद्र नारायण त्यागी को हरिद्वार जेल से रिहा होना था, उस दिन स्वामी यति नरसिंहानंद भी हरिद्वार में मौजूद थे. लेकिन जितेंद्र नारायण त्यागी पहले ही जेल से चले गए. जिसके बाद यति नरसिंहानंद का बयान सामने आया कि शायद हमारा सफर इतना ही था. उन्होंने कहा मैं जितेंद्र नारायण त्यागी का गुनहगार हूं, इतना ही नहीं यति नरसिंहानंद ने अब कोई धर्म संसद न करने का भी ऐलान किया है. उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा और यज्ञ हवन करने का फैसला लिया.

पढ़ें-जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुए जितेंद्र नारायण त्यागी, लेने नहीं पहुंचे संत

स्वामी आनंद स्वरूप से जितेंद्र नारायण त्यागी की बढ़ी नजदीकियां:धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा हुए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और उत्तराखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर रिहा हुए उत्तराखंड काली सेना के प्रमुख स्वामी दिनेशानंद भारती महाराज ने हरिद्वार स्थित शांभवी धाम में पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी आनंद स्वरूप महाराज की उपस्थिति में रुद्राभिषेक करके भगवान का धन्यवाद ज्ञापित किया. इस दौरान दोनों ने हिंदू राष्ट्र के लिए आशीर्वाद मांगा.

इस दौरान स्वामी दिनेशानंद भारती महाराज और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने सभी हिंदुओं का साथ देने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया. इस दौरान जितेंद्र नारायण त्यागी ने इस प्रकरण पर कुछ बोलने से बचते हुए कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से शर्तों पर जमानत मिली है. वह किसी भी तरह का बयान नहीं देना चाहते हैं.

Last Updated : May 22, 2022, 10:10 PM IST

TAGGED:

Haridwar

ABOUT THE AUTHOR

...view details