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उत्तराखंड में बर्फबारी का येलो अलर्ट, नए साल पर ये हिल स्टेशन कर रहे पर्यटकों का इंतजार

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 25, 2023, 12:42 PM IST

Updated : Nov 25, 2023, 1:08 PM IST

Amazing tourist places of Uttarakhand अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो उत्तराखंड चले आइए. इन दिनों उत्तराखंड का मौसम गुलाबी सर्दी लिए हुए है. ऐसे में आपको उत्तराखंड की इन पर्यटकों स्थलों पर घूमने में बड़ा मजा आएगा. आइए हम आपको बताते हैं जाते हुए वर्ष 2023 में आप कहां घूम सकते हैं और आते नए साल 2024 का स्वागत देवभूमि में कहां रहकर कर सकते हैं.

Amazing tourist places of Uttarakhand
उत्तराखंड पर्यटन

उत्तराखंड:गर्मियां जा रही हैं. सर्दी ने दस्तक दे दी है. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी भी शुरू हो चुकी है. मौसम विभाग ने तो उत्तराखंड में बर्फबारी को लेकर येलो अलर्ट भी जारी कर दिया है. उत्तराखंड में कई जनपदों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है. ऐसे में अगर आप दिल्ली, एनसीआर में रहते हैं तो अपने फेफड़ों को डिटॉक्स करने के लिए उत्तराखंड से बेहतर जगह नजदीक में नहीं हो सकती है. देश के दूसरे भागों में अगर आप रहते हैं तो उत्तराखंड की गुलाबी सर्दी और ताजा बर्फबारी का नजारा आपके अद्भुत लगेगा. आइए आपको बताते हैं उत्तराखंड के कुछ शानदार पर्यटन स्थलों के बारे में जहां आप आनंद उठा सकते हैं.

नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है

नैनीताल की खूबसूरती का क्या कहना! सबसे पहले हम आपको उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल नैनीताल के बारे में बताते हैं. नैनीताल को सरोवर नगरी भी कहते हैं. दरअसल नैनी झील नाम के सरोवर के चारों ओर नैनीताल शहर बसा है. इसके साथ ही नैनीताल के आसपास भी नौ झीलें या सरोवर हैं. नैनीताल कुमाऊं की पहाड़ियों के बीच स्थित है. नैनीताल की समुद्र तल से ऊंचाई 1938 मीटर यानी 6358 फीट है. नैनीताल की नैनी झील की खासियत ये है कि इसका आकार नाशपाती जैसा है. नैनीताल में साल के बारहों महीने ठंडक रहती है. लेकिन नवंबर, दिसंबर और जनवरी फरवरी की ठंड और बर्फबारी यादगार होती है. नैनीताल के आसपास भी कई पर्यटक स्थल हैं जो प्रकृति प्रेमियों को सुकून देते हैं.

नैनीताल में मां नैना देवी का मंदिर दर्शनीय है. इसके साथ ही यहां की माल रोड पर घूमने का अनुभव यादगार होता है. नैनीताल का चिड़ियाघर भी घूमने लायक है. अयारपट्टा हिल टिफिन टॉप का शीर्ष है. इसको डोरोथी सीट भी कहते हैं. समुद्र तल से 2292 मीटर की ऊंचाई पर यहां का नजारा देखने लायक है. नैना पीक भी देखने लायक जगह है. इको केव गार्डन जिसे हैंगिंग गार्ड भी करते हैं यहां का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. इसके अलावा गुर्नी हाउस, स्नो व्यू पॉइंट और सेंट जॉन चर्च भी दर्शनीय हैं.

इन दिनों इतना है नैनीताल का टेंपरेचर: नैनीताल का तापमान इन दिनों अधिकतम 16 डिग्री तक रह रहा है. नैनीताल का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस पर गिर रहा है. आने वाले दिनों में जब बर्फबारी होगी तो तापमान और नीचे जाएगा.

ऐसे पहुंचें नैनीताल: नैनीताल पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन हल्द्वानी और काठगोदाम हैं. हल्द्वानी के नैनीताल की सड़क मार्ग से दूरी करीब 58 किलोमीटर है. पहाड़ी रास्ता और ऊंचाई होने के कारण ये दूरी तय करने में पौने दो से दो घंटे लग जाते हैं. काठगोदाम से नैनीताल की दूरी करीब 35 किलोमीटर है. सड़क मार्ग से ये दूरी करीब डेढ़ घंटे में तय हो जाती है.

मसूरी की सुंदरता दिल को छू लेती है

मसूरी पहाड़ों की रानी: नाम से ही आप समझ गए होंगे कि मसूरी कितनी खूबसूरत होगी जिसे पहाड़ों की रानी कहा गया. मसूरी उत्तराखंड के देहरादून जिले में है. पूरी मसूरी ही अपने आप में दर्शनीय है. फिर भी हम आपको यहां के कुछ खूबसूरत पर्यटक स्थलों के बारे में बताते हैं. कैमल्स बैक रोड मसूरी की पहचान है. ये स्थान मसूरी शहर में सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में से एक है. कैमल्स बैक रोड 4 किमी लंबी सड़क है. दरअसल दूर से देखने पर ये ऊंट की उठी हुई पीठ जैसी दिखती है, इसीलिए इसे कैमल्स बैक रोड कहते हैं.

गन हिल मसूरी की पहचान: गन हिल को मसूरी की पहचान कहा जाता है. माल रोड से 400 फीट की ऊंचाई पर स्थित गन हिल के लिए रोपवे का सहारा लिया जा सकता है. अगर आप पैदल चलने के शौकीन हैं तो फिर आधे घंटे की पैदल यात्रा आपको गन हिल तक पहुंचा देगी.

लाल टिब्बा यानी लाल पहाड़ी: लाल टिब्बा भी मसूरी का दर्शनीय स्थल है. टाल टिब्बा को मसूरी का सबसे ऊंचा प्वाइंट कहा जाता है. ये इतना ऊंचा है कि दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के प्रसारण स्टेशन यहीं हैं. आपको लाल टिब्बा का आनंद टेलीस्कोप से ही लेना पड़ेगा क्योंकि सैन्य क्षेत्र होने के कारण यहां जाने की अनुमति नहीं मिलती है. इसके अलावा मसूरी में मसूरी लेक, केम्प्टी फॉल्स, म्युनिसिपल गार्डन और शेडअप चोपेलिंग मंदिर भी दर्शनीय स्थल हैं.

ऐसे पहुंचें मसूरी:देहरादून से मसूरी की दूरी करीब 36 किलोमीटर है. सड़क मार्ग से ये दूरी 1 घंटा 20 मिनट में तय हो जाती है. मसूरी के नजदीकी हवाई अड्डे जौलीग्रांट से इसकी दूरी करीब 62 किलोमीटर है. जौलीग्रांट से आप करीब 2 घंटे में सड़क मार्ग से मसूरी पहुंच सकते हैं.

इन दिनों इतना है मसूरी का तापमान:मसूरी का अधिकतम तापमान इन दिनों 16 डिग्री सेल्सियस है. न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. उम्मीद है कि दिसंबर शुरुआत में ही बर्फबारी हो सकती है.

कौसानी से हिमालय दर्शन होते हैं

कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड: कौसानी उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित है. कौसानी इतना सुंदर है कि इसे भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है. अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से कौसानी 53 किलोमीटर दूर है. जबकि बागेश्वर कौसानी से आगे पड़ता है. पिंगनाथ चोटी पर बसे कौसानी से बर्फ से ढकी नंदा देवी की चोटी का अद्भुत नजारा दिखाई देता है. कौसानी गांधीजी को इतनी भाई थी कि उन्होंने यहां अनासक्ति योग नामक लेख लिख डाला था. कौसानी से चौखंबा पर्वत, नीलकंठ पर्वत, नंदा घुंटी पर्वत, त्रिशूल पर्वत, नंदा देवी पर्वत, नंदा खाट पर्वत, नंदा कोट पर्वत और पंचाचूली पर्वतों की चोटियां दिखाई देती हैं. बर्फ से ढकी ये चोटियां देखकर ऐसा आभास होता है जैसे हिमालय पर पहुंच गए हों.

ऐसे पहुंचें कौसानी:कौसानी पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर में है. यहां से आप निजी वाहन लेकर या राज्य सरकार द्वारा संचालित यात्री वाहनों से कौसानी पहुंच सकते हैं. पंतनगर से कौसानी करीब पौने दो सौ किलोमीटर है. नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है. यहां से भी टैक्सी या फिर सरकारी ट्रांसपोर्ट से कौसानी पहुंचा जा सकता है. काठगोदाम से कौसानी की दूरी करीब 140 किलोमीटर है.

तो फिर देर किस बात की है. अगर आप घूमने के शौकीन हैं. नई नई शादी हुई और हनीमून के लिए पर्यटन स्थल ढूंढ रहे हैं या फिर ग्रुप टूरिज्म पर निकलना चाहते हैं, तो सीधे उत्तराखंड पहुंचिए और नैनीताल, मसूरी या कौसानी पहुंच जाइए. जितना हमने आपको इन पर्यटन स्थलों के बारे में बताया है, आप यहां पहुंचकर इससे ज्यादा पाएंगे. कौसानी का तापमान इन दिनों अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 4 डिग्री सेल्सियस तक है.
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Last Updated :Nov 25, 2023, 1:08 PM IST

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