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मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल: उत्तराखंड के पारंपरिक व्यजनों का लुत्फ उठा रहे पर्यटक

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Published : Dec 30, 2022, 8:00 PM IST

मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल (Mussoorie Winter Line Carnival) में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गीत संगीत की बहार है. तो वहीं, फूड फेस्टिवल में पर्यटकों समेत स्थानीय लोग पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे है.

Mussoorie Winter Line Carnival
Mussoorie Winter Line Carnival

मसूरी:मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल धूम के बीच चल रहे फूड फेस्टिवल में पर्यटकों समेत स्थानीय लोग पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे है. मसूरी में फूड फेस्टिवल में प्यारी पहाड़न, न्यू जून स्पाइस हॉस्पिटैलिटी, वेलकम होटल सवाय, गढ़वाल सभा, ब्रेंटवुड होटल सहित कई संस्थाओं और स्वयं सहायता समूह ने अपने स्टॉल लगाए हैं.

प्यारी पहाड़न की संचालक प्रीति मेंदोला ने कहा कि मसूरी के लोग जमकर पहाड़ी व्यंजनों का आनंद ले रहे हैं. फेस्टिवल में मंडुए की चाय, मोमो, समोसे, स्प्रिंग रोल लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. देव भूमि रसोई ने अपने बनाये लाल भात, तुअर की दाल, चटनी व मंडुआ की रोटी सहित झंगोर की खीर पेश की. मक्के की रोटी, राजमे की दाल, उड़द के पकोड़े के साथ-साथ पल्लर और अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई का भी पर्यटकों को परोस रहे हैं.

मसूरी टिक्का टैरेस के मैनेजमेंट द्वारा बनाया गया मंडवे के आटे के गोल गप्पे, पिज्जा और बिस्कुट भी पर्यटकों के लिय खास रहे. उन्होंने कहा की उत्तराखंड का खाना स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है. इसके तहत यहां के खाने को और भी आकर्षण मिलना चाहिए, जिससे दुनिया भर में यहां के खाने के बारे में लोगों को पता चल सके. उन्होंने कहा कि होटल उद्योग को भी यहां के खाने को मेनस्ट्रीम में लाना चाहिए, जिससे लोग यह खाना आम जिंदगी में अपना सकें.
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वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड के पारंपरिक आभूषण का सदियों से अपना खास एक महत्व रहा है. इसको देखते हुए मसूरी विंटर कार्निवाल में उत्तराखंड परिधान स्टोर के द्वारा आर्टिफिशियल उत्तराखंड के पारंपरिक आभूषण की स्टॉल लगाई गई है, जिसको स्थानीय महिलाओं के साथ देश विदेश के पर्यटक खरीद रहे हैं.

उत्तराखंड परिधान स्टोर के संचालक ने बताया कि एक समय में पुरुष कानों में कुंडल पहना करते थे, जिन्हें मुर्की, बुजनि या गोरख कहा जाता था. राजशाही के समय से ही इन आभूषणों का प्रचलन था. असल में उत्तराखंड में महिलाओं के लिए सिर से लेकर पांव तक हर अंग के लिए विशेष आभूषण हैं. ये आभूषण पर वक्त के साथ उत्तराखंड के पारंपरिक आभूषण अपनी पहचान खोते जा रहे हैं.

अब ये पारंपरिक आभूषण महज सांस्कृतिक रंग मंचों का हिस्सा रह गयी है. पारंपरिक आभूषण की स्टॉल में सिर पर पहने जाने वाले आभूषण, नाक पहने जाने वाले आभूषण नथ और बुलाक, कान में पहने जाने वाले आभूषण मुर्खली, बाली या कुंडल झुमकी व कर्णफूल, गले में पहने जाने वाले आभूषण गुलबंद, हंसुली, हाथ में पहने जाने वाले आभूषण पौंची और धागुली या धगुले और कमर, सिर और पैरों में पहने जाने वाले आभूषण लेकर आये है.

वहीं, मसूरी विंटर लाइन कार्निवल के आखिरी दिन कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी मसूरी के गांधी चौक पहुंचे, जहां पर स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा और आईटीबीपी की बैंड ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का भव्य स्वागत किया. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने माल रोड पर विभिन्न इंस्टॉलों का भी निरीक्षण किया. वहीं उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद लिया. इस मौके पर एसडीएम मसूरी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल के तहत उत्तराखंड की लोक संस्कृति और खानपान के साथ बॉलीवुड के कई सितारों ने अपनी प्रस्तुति दी है जिसको लोगों ने काफी सराहा.

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