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देहरादून में अतिक्रमण का जाल, फुटपाथ बना वेंडर जोन, हालात ऐसे पैदल चलना भी मुश्किल

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Published : Apr 28, 2022, 4:12 PM IST

Updated : Aug 9, 2022, 12:41 PM IST

देहरादून शहर में अतिक्रमण इस कदर है कि फुटपाथ ही नजर नहीं आता है. खासकर पलटन बाजार में तो फुटपाथ तो दूर सड़क पर चलना ही दूभर है. स्थानीय लोगों की मानें तो बड़े दुकानदार यहां छोटे फड़ और ठेली वालों से दुकान लगाने के लिए किराया भी वसूलते हैं. प्रशासन भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर महज मामूली सामान जब्त कर इतिश्री कर देता है.

People troubled by encroachment in Dehradun city
देहरादून शहर अतिक्रमण

देहरादूनःकभी अपनी शांत आबोहवा और खूबसूरती के लिए पहचाने जाने वाला देहरादून शहर आज कंक्रीट में तब्दील होता जा रहा है. साथ ही अतिक्रमण के चलते शहर अपनी खूबसूरती खोता जा रहा है. शहर का कोई ऐसा हिस्सा नहीं बचा है, जहां सड़कों और फुटपाथों पर कब्जा कर इसकी सुंदरता को खराब न किया जा रहा हो. देहरादून के घंटाघर से लेकर गांधी रोड, तहसील चौक, चकराता रोड, कनॉट प्लेस, बिंदाल समेत पलटन बाजार पूरी तरह अतिक्रमण से पटा हुआ है.

देहरादून के घंटाघर स्थित कनॉट प्लेस की बात करें तो इससे चकराता रोड के नाम से भी जाना जाता है. साल 2013-14 में घंटाघर बॉटल नेक से लेकर चकराता रोड पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया गया. उस समय अतिक्रमण भी तोड़े गए, लेकिन कई जगहों पर न तो सही से फुटपाथ बनाए गए और न ही सड़क चौड़ीकरण के कार्य को बेहतर ढंग से किया गया.

नतीजा यह रहा कि कनॉट प्लेस में सड़क के दोनों तरफ पार्किंग और अतिक्रमण का कब्जा है. वहीं, कुछ जगहों पर जहां फुटपाथ बचे हैं, वहां दुकानें सड़कों तक अतिक्रमण कर लगाई गई है. ऐसे में इस मार्ग पर स्कूली बच्चों और बुजुर्गों से लेकर आम लोगों को पैदल निकलना दुश्वार हो चुका है. लिहाजा, इस वजह से ट्रैफिक जाम भी हो रहा है.

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स्कूली बच्चों का भी कहना है कि कनॉट प्लेस में पैदल निकलने की जगह ही नहीं बची है. अतिक्रमण की वजह से सड़क इतनी संकरी हो चुकी हैं कि आए दिन दुपहिया और चौपहिया वाहन पैदल चलने वालों से टकरा जाते हैं. राहगीरों की मानें को अगर गलती से फुटपाथ पर सजे दुकानों में टकरा गए तो दुकानदार अपनी गलती मानने की जगह मारपीट पर उतारा हो जाते हैं.

फुटपाथ और सड़कों पर फड़ लगाने वालों से वसूली का धंधाःदेहरादून का पलटन बाजार देश-विदेश में अपनी एक अलग विशेष पहचान रखता है. जो शख्स देहरादून पहुंचता है, वो एक बार जरूर पलटन बाजार का रुख करना है, लेकिन दुर्भाग्य पलटन बाजार की खूबसूरती को अतिक्रमण की जद ने बदहाल कर दिया है. आलम ये है कि बाजार में अधिकांश शोरूम और दुकानदार अपने आगे की सड़क और फुटपाथ की बोली लगाकर प्रतिमाह व दैनिक हिसाब से रुपए वसूलकर फड़ वालों से दुकानें लगवाते हैं. जिस वजह से सड़क और फुटपाथ पर चलना मुश्किल हो गया है.

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सड़क की दोनों ओर अतिक्रमण होने से आवाजाही में काफी दिक्कतें होती है. जिस पर लोगों का कहना है कि नगर निगम और स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से यह सब चलता है. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. जिस दिन अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई होती है, उस दिन अलग ही नजारा देखने को मिलता है. जी हां, पुलिस प्रशासन और नगर निगम की टीम आगे-आगे अतिक्रमण हटाती जाती है, ठीक पीछे-पीछे फिर अतिक्रमण सजता जाता है.

स्थानीय लोगों की मानें कई दुकानदार अवैध वसूली कर अतिक्रमण के जरिए बाजार लगाते हैं. उसकी शिकायत कई बार नगर निगम और जिला प्रशासन से की गई, लेकिन आज तक इसमें न तो कोई सुनवाई हुई और न ही कोई ठोस कार्य योजना बनाई गई. सालों से सड़क पर अतिक्रमण बदस्तूर जारी है, लेकिन प्रशासन कुंभकर्णी नींद में नजर आ रहा है.

क्या बोले नगर आयुक्त? वहीं, पलटन बाजार समेत विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण मामले में देहरादून नगर निगम आयुक्त मंजुल गोयल का कहना है कि बीते तीन-चार साल पहले अतिक्रमण वाली जमीन और फुटपाथ खाली कराई गई थी. उसके बाद फिर से शहर के कई बाजार और सड़कों पर अतिक्रमण की गई है. ऐसे में जल्द ही नगर निगम की टीम अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाएगी.

Last Updated :Aug 9, 2022, 12:41 PM IST

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