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योग महोत्सव का पांचवां दिन, योगाचार्यों ने योग के महत्व पर डाला प्रकाश

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Published : Mar 5, 2021, 9:25 PM IST

ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवें दिन विभिन्न योगाचार्यों ने योग साधकों को योगाभ्यास कराते हुए मानव जीवन में योग के महत्व पर प्रकाश डाला.

international yoga festival
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ऋषिकेश: 5 मार्च 2021 मुनि रेती गढ़वाल मंडल विकास निगम एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवे दिन विभिन्न योग कक्षाओं में योगाचार्यों ने प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराये और स्वस्थ जीवन के लिये योग के महत्व पर प्रकाश डाला.

प्रातः कालीन सत्र में चौधरी बृजपाल सिंह ने योग व प्राणायाम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा एवं समाधि योग के प्रमुख तत्व हैं, जिसमें यम के पांच तत्व अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अस्तेय, अपरिग्रह प्रमुख हैं. हमें मन, वचन और कर्म से अहिंसक होना चाहिए हमारी भाषा में भी हिंसक शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए अैार न ही हिंसा के बारे में सोचना चाहिए. वहीं, अपरिग्रह के बारे में उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपनी बुनियादी आवश्यकताओं से अधिक किसी भी चीज का संग्रह नहीं करना चाहिए और जीवन में संयम को अपनाते हुए संतुष्ट रहना चाहिये. साथ ही अनावश्यक लोभ-लालच से दूर रहना चाहिए.

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवें दिन योगाचार्यों ने योग के महत्व पर डाला प्रकाश.

वहीं, योग साधकों को शारीरिक अभ्यास करने के साथ-साथ उन्होनें कहा कि हमें आत्मनिरीक्षण कर अपनी कमियों को तलाशना चाहिए और उन्हें दूर करने के लिए हरसंभव प्रयत्न करना चाहिए. सुखासन के बारे में बताते हुए उन्होनें कहा कि शरीर को कष्ट न देते हुए सुगम तरीके से वही आसन करने चाहिये जो आसानी से हो सकें.

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवें दिन योगाचार्यों ने योग के महत्व पर डाला प्रकाश.

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वहीं, दूसरी ओर योगाहाल में शशिकांत दूबे ने आसन, प्राणायाम एवं ध्यान के बारे में साधकों को जानकारी देते हुए कहा की नियमित रूप से योग से जुड़कर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं. योग का अभ्यास करने से शरीर निरोग हो जाता है. योग न केवल शरीर वरन मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखता है और व्यक्ति शरीर, मन एवं आत्मा से स्वस्थ होता है. कोरोना काल में जिन लोगों ने नियमित रूप से योगाभ्यास किया, वो कोरोना के संक्रमण से अछूते रहें. उन्होंने योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि शरीर की सारी बीमारियां योग से ही दूर हो सकती हैं.

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