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रुद्रप्रयाग के सतीश भंडारी ने नेशनल बॉडी बिल्डिंग में जीता गोल्ड, ईटीवी भारत से बातचीत में खोला सफलता का राज

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Published : Apr 5, 2023, 4:27 PM IST

उत्तराखंड के खिलाड़ी हर क्षेत्र में नया मुकाम हासिल कर रहे हैं. इसी कड़ी में रुद्रप्रयाग के सतीश भंडारी ने नेशनल बॉडी बिल्डिंग में गोल्ड मेडल जीता है. यह कंप्टीशन चंडीगढ़ में वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन की ओर से आयोजित किया गया था. इसी कड़ी में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने बॉडी बिल्डिंग के शुरुआती सफर से लेकर मुकाम हासिल करने तक के अनुभवों को साझा किया.

Conversation with Bodybuilder Satish Bhandari
बॉडी बिल्डर सतीश भंडारी

नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैंपियन सतीश भंडारी से खास बातचीत

देहरादूनः रुद्रप्रयाग के सतीश भंडारी ने एक बार फिर उत्तराखंड के लिए गोल्ड मेडल हासिल किया है. सतीश इससे पहले बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर इंडिया का खिताब जीतकर नेशनल चैंपियन बन चुके हैं. गोल्ड मेडल जीतकर लौटे सतीश भंडारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने गांव से निकलकर मिस्टर इंडिया का खिताब जीतने तक के सफर को साझा किया.

डॉक्टरों ने सतीश भंडारी को दी थी बॉडी बिल्डिंगछोड़ने की सलाहःईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बॉडी बिल्डर सतीश भंडारी ने बताया कि उनका मूल गांव रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि का रेडी गांव है. उन्हें अपने बड़े भाई से बॉडी बिल्डिंग की प्रेरणा मिली. उन्होंने तकरीबन 10 साल पहले बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में काम शुरू किया और इस दौरान उन्होंने कई छोटे-बड़े कंप्टीशन में भाग लिया. बॉडी बिल्डिंग के दौरान अपने शरीर को सुडौल और मजबूत बनाते समय सतीश भंडारी को करीब 7 साल पहले एक बड़ी इंजरी भी हुई.

बॉडी बिल्डर सतीश भंडारी ने बताया कि उनकी कमर में L5 S1 स्लिप डिस्क प्रॉब्लम आ गई थी. उसके बाद कई महीनों तक वो बेड पर रहे. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने उन्हें बॉडी बिल्डिंग छोड़ देने की सलाह भी दी, लेकिन जुनून और जज्बे के चलते सतीश भंडारी ने एक बार फिर से अपनी प्रैक्टिस शुरू की और अपने शरीर को बॉडी बिल्डिंग के अनुरूप ढाला. इसके बाद तो उन्होंने लगातार कई मुकाम हासिल किए.
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मिस्टर इंडिया के अलावा बॉडी बिल्डिंग और पावर लिफ्टिंग में जीते खिताबःहाल ही में चंडीगढ़ में वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन की ओर से आयोजित ब्यूटी एंड द बेस्ट फिटनेस, फैशन और बॉडी बिल्डिंग नेशनल टूर्नामेंट में सतीश भंडारी उत्तराखंड की तरफ से गोल्ड मेडलिस्ट रहे. इससे पहले भी बॉडी बिल्डिंग में सतीश भंडारी कई बड़े मुकाम हासिल कर चुके हैं. बॉडी बिल्डिंग में सतीश भंडारी एक बार नेशनल चैंपियन मिस्टर इंडिया रह चुके हैं तो वहीं बॉडी बिल्डिंग में ही वो तीन बार स्टेट चैंपियन और दो बार डिस्ट्रिक्ट चैंपियन रह चुके हैं.

बॉडी बिल्डर सतीश भंडारी ने बॉडी बिल्डिंग ही नहीं बल्कि, पावर लिफ्टिंग में भी हाथ आजमाया और इसमें भी कई खिताब अपने नाम किए. पावर लिफ्टिंग में सतीश भंडारी ने तीन बार नेशनल चैंपियन, दो बार नॉर्दन इंडिया, पांच बार स्टेट चैंपियनशिप और 6 बार डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप अपने नाम की. बता दें कि सतीश भंडारी ने 8 फरवरी 2022 को मिस्टर इंडिया का नेशनल अवॉर्ड जीता था.

कोच और परिवार के सपोर्ट से हुआ संभवःईटीवी से बातचीत करते हुए गोल्ड मेडलिस्ट सतीश भंडारी ने कहा कि उन्हें शुरुआती दौर में सौरभ जायसवाल ने ट्रेन किया और वो अपनी सभी उपलब्धियों में सौरभ जायसवाल की बड़ी भूमिका मानते हैं. वहीं, इसके अलावा पावर लिफ्टिंग में कोच अर्जुन गुलाटी ने उन्हें ट्रेन किया और पावर लिफ्टिंग में जीतने वाले तमाम खिताब के लिए उन्होंने अर्जुन गुलाटी को श्रेय दिया.
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वहीं, इसके अलावा बॉडी बिल्डर सतीश भंडारी का कहना है कि उनकी इन उपलब्धियों के पीछे परिवार का सपोर्ट सबसे ज्यादा है. उन्होंने अपनी धर्मपत्नी आशा भंडारी और अपने बेटे आर्यन भंडारी व शिवम भंडारी की ओर से उन्हें सपोर्ट मिलने की बात कही. साथ ही उन्होंने अपने परिवार को भी इस उपलब्धियों की एक वजह बताया.

उत्तराखंड में बॉडी बिल्डिंग और पावर लिफ्टिंग विधा को पहचान की दरकारःउत्तराखंड में बॉडी बिल्डिंग और पावर लिफ्टिंग को खेल विभाग की ओर से अभी तक पहचानन मिलने पर उन्होंने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आज प्रतिभा थपलियाल और उनके जैसे कई ऐसे युवा हैं, जो कि इस विधा में अपना नाम कमा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड में खेल विभाग की ओर से उन्हें किसी भी तरह का कोई सपोर्ट नहीं मिल पाता है.

आज पूरे विश्व में बॉडी बिल्डिंग और पावर लिफ्टिंग एक विख्यात खेल विधा ही नहीं बल्कि यह हमारे शारीरिक विकास के लिए भी एक बड़ा प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने कहा कि लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा संवेदनशील होना चाहिए. खेल विभाग को जरूरत है कि वो इस खेल को पहचान दे. ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा अपनी शारीरिक फिटनेस को लेकर के इस क्षेत्र में आगे आ सकें.

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