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'कॉनमैन' किरण पटेल ने 'गच्चा' देते हुए किया था उत्तराखंड भ्रमण, जांच में जुटी पुलिस

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Published : Mar 20, 2023, 7:33 PM IST

Updated : Mar 25, 2023, 3:01 PM IST

गुजराती ठग किरण भाई पटेल गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन जम्मू कश्मीर से पहले उसने उत्तराखंड का भ्रमण भी किया था. इसकी तस्दीक सोशल मीडिया पर शेयर तस्वीरें कर रही हैं. पीएमओ के फर्जी एडिशनल डायरेक्टर किरण पटेल के उत्तराखंड भ्रमण की खबरें सामने आने के बाद पुलिस महकमा भी हरकत में आ गया है. पुलिस अब यह जांचने में जुट गई है कि कहीं उसे यहां भी सिक्योरिटी समेत अन्य सुविधाएं मुहैया तो नहीं कराई गई थी?

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'कॉनमैन' किरण पटेल ने 'गच्चा' देते हुए किया था उत्तराखंड भ्रमण

जानकारी देते एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन.

देहरादून:बीते दिनों जम्मू कश्मीर की श्रीनगर पुलिस ने गुजरात के रहने वाले जिस फर्जी पीएमओ एडिशनल डायरेक्टर को गिरफ्तार किया था, उसने जम्मू-कश्मीर से पहले बीते साल केदारनाथ का भी दौरा किया था. किरण पटेल नाम का इस शख्स ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित मालदेवता, ऋषिकेश और केदारनाथ धाम के आसपास की तस्वीरों को पोस्ट भी किया है. अब उत्तराखंड पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि क्या इस व्यक्ति ने उत्तराखंड आकर सरकारी प्रोटोकॉल का फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया था या नहीं.

किरण पटेल को श्रीनगर पुलिस ने बीते दिनों उस वक्त गिरफ्तार किया था जब वो कई महीनों से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में जेड प्लस सिक्योरिटी के साथ-साथ सरकारी सुख सुविधाओं का आनंद ले रहा था. अब उसके ट्विटर हैंडल से मिली फोटो के बाद इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जम्मू कश्मीर से पहले उसने उत्तराखंड के ऋषिकेश, देहरादून सहित केदारनाथ पहुंचकर भी सैर सपाटा किया है.

हालांकि, श्रीनगर पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियां इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि यह व्यक्ति अब तक कहां-कहां पर इस तरह से फर्जीवाड़ा कर जेड प्लस सिक्योरिटी और सरकारी सुविधाओं का आनंद ले चुका है, लेकिन अब उत्तराखंड पुलिस भी इस बात की जांच कर रही है कि कहीं बीते साल इसने केदारनाथ और उत्तराखंड के बाकी हिस्सों में उत्तराखंड के सरकारी प्रशासन की किसी सुविधा को फर्जी तरीके से इस्तेमाल तो नहीं किया.

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उत्तराखंड पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन कहते हैं कि अगर कोई भी वीआईपी राज्य में आता है तो उस राज्य की पुलिस प्रदेश की पुलिस को बकायदा पत्र देकर सूचित करती है. उसके बाद ही किसी को सिक्योरिटी और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. हालांकि, किरण पटेल के मामले में अब तक उनके पास कोई जानकारी नहीं है.

ऐसा लगता है कि उत्तराखंड में इस तरह की चीजें नहीं हुई हैं, लेकिन फिर भी उत्तराखंड पुलिस इस बात की जांच करवा रही है कि यहां आकर उस व्यक्ति ने क्या किया. इसकी भी जांच होगी कि कहीं उसने केदारनाथ में हेलीकॉप्टर या सिक्योरिटी का इस्तेमाल न किया हो. फिलहाल, उत्तराखंड पुलिस इस मामले में ज्यादा कुछ न कहकर जांच की बात कह रही है.

सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों के अनुसार 27 जून 2022 से लेकर 7 जुलाई 2022 तक किरण पटेल उत्तराखंड का भ्रमण कर रहा था. इस शख्स ने जिस तरह से जम्मू कश्मीर के श्रीनगर और आसपास के इलाकों में खुद को पीएमओ का एडिशनल डायरेक्टर बताकर सरकारी महकमे को गुमराह किया है, उसके बाद हो सकता है कि उत्तराखंड में भी उसने इसी तरह का कोई कारनामा किया हो.

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कैसे किया जम्मू-कश्मीर पुलिस को गुमराह:गुजरात के अहमदाबाद के अहमदाबाद के घोड़ासर इलाके में रहने वाले किरण पटेल ने मणिनगर के एक प्रिंटिंग प्रेस में पीएमओ अधिकारी के तौर पर फर्जी विजिटिंग कार्ड छपवाए थे. फिर पीएमओ के सहायक निदेशक के रूप में फर्जी पहचान बताकर जम्मू-कश्मीर के बडगाम में उच्चाधिकारियों से मुलाकात भी की थी. इसी के बूते वो जेड प्लस सुरक्षा और एसयूवी कार में जम्मू-कश्मीर में घूम रहा था.

यहां तक कि उसने अपने वीवीआईपी कश्मीर दौरे की तस्वीरें और वीडियो भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए थे. जब खुफिया एजेंसी ने शक हुआ तो उन्होंने जम्मू कश्मीर पुलिस को बताया. जांच के बाद 3 मार्च 2023 को पुलिस ने किरण पटेल को श्रीनगर से गिरफ्तार किया और 16 मार्च 2023 को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे श्रीनगर कोर्ट में पेश कर हिरासत में भेज दिया.

Last Updated :Mar 25, 2023, 3:01 PM IST

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