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Chief Secretary Meeting: पहाड़ों पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट को मिले बढ़ावा, किसानों के उत्पादों को बाजार देने की कोशिश

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Published : Jan 23, 2023, 5:25 PM IST

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पहाड़ों पर किसानों के उत्पादों को बाजार देने की कोशिश और बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव एसएस संधु ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है. पहाड़ी क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ाने और क्लस्टर आधारित पॉलीहाउस पर भी फोकस बढ़ाने पर बात हुई है.

देहरादून:उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सोमवार को सचिवालय में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के साथ बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग हमारी ताकत है. पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाला उत्पाद बाजार की कमी, मौसम और यातायात बाधित होने के कारण खराब हो जाता है. यह उत्पाद ऐसे ही बर्बाद न हो इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा दिया जाए.

उत्तराखंड में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को विकसित कर पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के साथ किसानों के उत्पादों को बाजार देने की कोशिश की जा रही है. इस कड़ी में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने अधिकारियों की बैठक ली और पर्वतीय क्षेत्रों में निजी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.
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मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां विकसित किए जाएं. इससे किसानों को उत्पादन बढ़ाने के बाद बाजार की चिंता न रहे. इसमें प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा दिया जाए. जो फूड प्रोसेसिंग यूनिट पहले से चल रहे हैं उन्हें और मजबूती प्रदान करने के लिए कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार भी सृजित होगा.

उन्होंने सचिव उद्यान को क्लस्टर आधारित पॉलीहाउस पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस योजना बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए बीज, सैपलिंग और रॉ मैटीरियल आदि की पूर्व में ही व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
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मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी योजना के लिए व्यावहारिक दृष्टि से आ रही समस्याओं को जाने बिना और उसके निराकरण के बिना किसी भी योजना का सफल होना असंभव है. उन्होंने कहा कि उत्पाद को बढ़ावा देने से पहले उसके बाजार की व्यवस्था और किसानों और अन्य हितधारकों को विश्वास में लेना आवश्यक है. किसानों और अन्य हितधारकों से लगातार संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को समझकर उनका निराकरण किए जाने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कार्ययोजना और उसकी टाइमलाइन पूर्व में ही निर्धारित किए जाने की बात कही.

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