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आर्चरी लीग ने बदली तीरंदाज अनुराधा की किस्मत, टिहरी राइडर्स ने लिया गोद, गरीबी नहीं आएगी आड़े

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 9, 2024, 11:04 AM IST

Updated : Jan 9, 2024, 5:42 PM IST

Archer Anuradha Bhardwaj adopted by Tehri Riders कहते हैं प्रतिभा को अगर मौका मिले तो उसकी चमक चारों तरफ फैलती है. उत्तराखंड के कोटद्वार की गरीब घर की तीरंदाज अनुराधा भारद्वाज के साथ भी ऐसा ही हुआ है. उत्तराखंड आर्चरी लीग ने अनुराधा की किस्मत बदल दी है. अनुराधा ने जिस टिहरी राइडर्स ने चैंपियन बनाया उसने अब उसे गोद लिया है. टिहरी राइडर्स अनुराधा के खेल में तो आर्थिक मदद करेगा ही, उसकी पढ़ाई का खर्चा भी उठाएगा.

Archer Anuradha Bhardwaj
अनुराधा भारद्वाज तीरंदाज

आर्चरी लीग ने बदली किस्मत

देहरादून: हाल ही में देहरादून में संपन्न हुई देश की पहली आर्चरी (तीरंदाजी) लीग में कोटद्वार निवासी मेधावी आर्चरी खिलाड़ी अनुराधा भारद्वाज के जीवन बदलने वाला. अनुराधा बेहद गरीब परिवार से हैं. लेकिन इस आर्चरी लीग में उनकी प्रतिभा देककर कुछ लोग मदद के लिए आगे आए हैं.

तीरंदाज अनुराधा का सफरनामा

कोटद्वार की रहने वाली है अनुराधा भारद्वाज: पौड़ी के कोटद्वार के गरीब परिवार से आने वाली और आर्चरी में बेहतरीन हुनर रखने वाली अनुराधा भारद्वाज की देहरादून में हुई उत्तराखंड आर्चरी लीग ने किस्मत बदल दी है. आर्चरी लीग में बेहतरीन प्रदर्शन और अनुराधा के सुनहरे भविष्य को देखते हुए टिहरी राइडर्स टीम के ऑनर ने अनुराधा के आर्चरी खेल पर आने वाले पूरे खर्च की जिम्मेदारी उठाई है. इसके अलावा टिहरी राइडर्स टीम ने अनुराधा की हायर एजुकेशन को लेकर निशुल्क शिक्षा देने का भी बीड़ा उठाया है.

गरीब घर से हैं अनुराधा

पिता नहीं हैं, मां करती हैं खेती: आपको बता दें कि कोटद्वार के बालासोड़ की निवासी अनुराधा भारद्वाज के पिता नहीं हैं. सरकारी स्कूल में कक्षा 11वीं में पढ़ रही अनुराधा की मां अंजू भारद्वाज खेती किसानी से ही घर का खर्चा उठती हैं. अनुराधा की मां ने ईटीवी भारत को बताया कि अनुराधा के पिता विनोद भारद्वाज का निधन साल 2020 में हो गया था. जिसके बाद 17 साल की अनुराधा और उसकी 10 साल की बहन और बुजुर्ग दादी दादा घर पर हैं. दोनों बुजुर्ग हार्ट पेशेंट हैं. उनकी जिम्मदारी भी अनुराधा की मां के ऊपर आ गई है.

अनुराधा राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज हैं

कम समय में अनुराधा ने पाई बड़ी सफलताएं:मां ने बताया कि अनुराधा पहले वॉलीबॉल खेलती थी. अनुराधा के दादा के छोटे भाई की प्रेरणा से अनुराधा ने तीरंदाजी खेल का रुख किया. अनुराधा की मां अंजू ने बताया की अनुराधा ने 5 जुलाई 2022 को आर्चरी की प्रैक्टिस शुरू की. इसके बाद अनुराधा ने कुछ ही महीनों बाद लखनऊ में हुई नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया.

उसके बाद गोवा, देहरादून, भरतपुर और इन दिनों छत्तीसगढ़ रायपुर में चल रही एक और नेशनल चैंपियनशिप में अनुराधा भाग ले रही है. इसके अलावा अनुराधा ने स्टेट चैंपियनशिप में 10 से ज्यादा सिल्वर मेडल जीते हैं. अनुराधा ने टिहरी राइडर्स टीम द्वारा की जा रही मदद का स्वागत करते हुए टीम ऑनर्स को भरोसा दिलाया है कि वो भविष्य में अपने प्रदर्शन को और बेहतर करेंगी, ताकि टिहरी राइडर्स की मदद सार्थक हो सके.

अनुराधा को मिला आर्थिक सहारा: उत्तराखंड आर्चरी लीग ने अनुराधा को एक उम्मीद की किरण दी है. उत्तराखंड आर्चरी एसोसिएशन के सेक्रेटरी आशीष तोमर ने बताया कि अनुराधा ने देहरादून में हुई आर्चरी लीग में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. आशीष तोमर ने कहा कि अनुराधा अभी नई खिलाड़ी है. उसकी आर्थिक हालत काफी कमजोर है. वह एक जरूरतमंद खिलाड़ी है.

उत्तराखंड आर्चरी लीग में उसके बेहतरीन पोटेंशियल को देखते हुए टिहरी टीम ऑनर ने अनुराधा को गोद लेने का फैसला लिया है. उनके द्वारा आयोजित की गई आर्चरी लीग का उद्देश्य यही था कि उत्तराखंड के खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का एक बड़ा प्लेटफॉर्म मिले. इस मंच पर एक जरूरतमंद खिलाड़ी को उसके भविष्य का सहारा मिला है, इससे बेहतर क्या हो सकता है.
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Last Updated :Jan 9, 2024, 5:42 PM IST

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