चमोली: राज्य आंदोलनकारी और यूकेडी नेता भूपाल सिंह गुसाईं ने मांगों को लेकर अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ तहसीलदार थराली के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. साथ ही उत्तराखंड में भू कानून और 1950 को कट ऑफ डेट मानते हुए मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता मूल निवास की मांग के लिए सड़कों पर आंदोलन कर चुकी है. उन्होंने सरकार से जल्द मांग पूरी करने की मांग की. साथ ही मांग पूरी ना होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी.
राज्य आंदोलनकारियों और यूकेडी ने की भूकानून और मूल निवास लागू करने की मांग की, सौंपा ज्ञापन
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 16, 2024, 2:24 PM IST
|Updated : Jan 16, 2024, 2:30 PM IST
Uttarakhand Land Law राज्य आंदोलनकारी और यूकेडी नेताओं ने सरकार से जल्द भूकानून लाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने पैंनगढ़ गांव आपदा प्रभावितों को जोशीमठ आपदा प्रभावितों के बराबर मुआवजा दिए जाने की मांग की. साथ ही मांग पूरी ना होने पर आंदोलन की चेतावनी दी.
भूकानून बनाए जाने की मांग:भूपाल सिंह गुसाईं ने कहा कि जनभावनाओं को देखते हुए सरकार जल्द से जल्द भूकानून और मूल निवास पर अध्यादेश जारी करें. अन्यथा राज्य आंदोलन की तरह मूल निवास के लिए भी पहाड़ी राज्य की जनता आंदोलन को मजबूर होगी. वहीं यूकेडी ने थराली विकासखंड के पैंनगढ़ गांव में आई आपदा के बाद आपदा प्रभावितों को दिए जा रहे मुआवजे में सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया.
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उचित मुआवजा दिए जाने की मांग:यूकेडी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए मांग की है कि पैंनगढ़ आपदा प्रभावितों को भी जोशीमठ आपदा की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए. मुआवजे के नाम पर एक ही जिले में मुआवजे की दो नीतियां आपदा प्रभावितों में भेदभाव ला रही है. यूकेडी ने जोशीमठ आपदा प्रभावितों को दिए गए मुआवजे के बराबर की मुआवजा राशि पैंनगढ़ गांव के आपदा प्रभावितों को भी दिए जाने की मांग की है. जिससे प्रभावितों को सरकार की ओर से उचित सहायता मिल सके.साथ ही मांग पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.