सहारनपुर: जिला न्यायालय ने प्रेम संबधों के चलते पति की हत्या की दोषी पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोप सिद्ध होने पर अदालत ने दोनों पर 50-50 हजार रूपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर 2009 में दिव्यांग पति की हत्या कर दी थी.
गौरतलब है, थाना चिलकाना इलाके के गांव बरथा कायस्त पठेड निवासी रिजवान दिव्यांग था. जिसका फायदा उठाकर रिजवान की पत्नी दिलशाना का गांव के ही आबिद के साथ अवैध संबंध हो गए. दिलशाना अपने प्रेमी आबिद से छिप-छिप कर मिलती थी. जब इस बात की जानकारी रिजवान को हुई तो दिलशाना को समझाया और आबिद से मिलने के लिए मना किया. लेकिन, दिलशाना ने प्रेमी आबिद से मिलना बंद नहीं किया. इस पर आए दिन दिलशाना और रिजवान में झगड़ा भी होने लगा.
लेकिन, परिजनों के मुताबिक 3 दिसंबर 2009 को अचानक से रिजवान गायब हो गया. सब जगह उसकी तलाश की गई, लेकिन वह कहीं नहीं मिला. जिसके बाद 4 दिसंबर 2009 को रिजवान के भाई ईनाम ने थाना चिलकाना में तहरीर देकर रिजवान की गुमशुदगी दर्ज कराई. परिजनों और पुलिस ने रिजवान की सब जगह तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. दिलशाना भी पति रिजवान की गुशुदगी पर खुब रोती-बिलखती रही.
एक सप्ताह बाद जब रिजवान का कुछ पता नहीं चल पाया, तो गांव के ही कुछ लोगों ने भाई ईनाम को बताया कि 7 दिसंबर की रात को वे काम से लौट कर घर आ रहे थे. तो उन्होंने आधी रात में आबिद को अपने कंधे पर एक बोरा रखकर गांव से बाहर जाते हुए देखा था. जब उससे पूछा कि कहां और क्या लेकर जा रहे हो, तो आबिद ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
इस पर रिजवान के भाई ईनाम ने 12 दिसंबर को थाना पुलिस को दूसरी तहरीर दी थी. जिसमें उसने रिजवान की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने का आरोप दिलशाना और आबिद पर लगाया था. तहरीर में ईनाम ने ग्रामीणों की बात का भी जिक्र किया. तहरीर के आधार पर पुलिस ने दिलशाना और उसके प्रेमी आबिद को हिरासत में ले लिया. जब पुलिस ने दोनों से सख्ती के साथ पूछताछ की. तो दोनों ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया.