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वर्ष 2024 में पांच आईपीएस अफसरों को योगी सरकार का तोहफा, जानिए किसको कहां मिली जिम्मेदारी

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2024, 5:31 PM IST

योगी सरकार ने वर्ष 2024 में पांच आईपीएस (UP IPS Transfer Posting) को तोहफा दिया है. साथ ही डीके ठाकुर, अखिल कुमार, केएस. प्रताप पर CM योगी का भरोसा बरकरार रहा है. वहीं आरके स्वर्णकार को राजीव सभरवाल को साइट पोस्टिंग दी गई है. देखें विस्तृत खबर

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लखनऊ : करीब तीन वर्ष तक मेरठ जोन की जिम्मेदारी संभाल रहे एडीजी राजीव सभरवाल और महज चार माह कानपुर पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पर बैठ पाने वाले आईपीएस आरके स्वर्णकार को योगी सरकार ने उनके पद से हटा कर साइड पोस्टिंग दी है. सरकार ने यह फैसला ग्राउंड जीरो से आ रही रिपोर्ट और शिकायतों को लेकर किया है. कानपुर में जहां लगातार बढ़ती अपराधिक घटनाओं पर अंकुश न लगा पाने और बीजेपी नेताओं का विद्रोह स्वर्णकार के लिए उनके हटने का कारण बना तो सभरवाल का तीन वर्ष की पोस्टिंग और इस दौरान उनके कई विवादित कार्यों ने उन्हें जोन से पुलिस अकादमी तक पहुंचा दिया. इसके अलावा पांच आईपीएस अफसरों को वर्ष 2024 में योगी सरकार का तोहफा (UP IPS Transfer Posting) मिला है.


इनको मिली साइड पोस्टिंग.

बीजेपी नेताओं का विरोध स्वर्णकार को पड़ा भारी : सबसे पहले बात कानपुर पुलिस कमिश्नर के पद से हटाए गए 1996 बैच के आईपीएस अफसर आरके स्वर्णकार की करते हैं. स्वर्णकार अगस्त 2023 को कानपुर पुलिस कमिश्नर बनाए गए थे. इस दौरान कानपुर में कुशाग्र हत्याकांड समेत बीते दो माह में 14 हत्याओं से जिले की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो गया था. इसके अलावा दवा व्यापारी व बीजेपी पार्षद पति के बीच हुए विवाद में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता और जिले के पदाधिकारियों ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर स्वर्णकार का विरोध कर दिया था. इतना ही नहीं स्थानीय स्तर पर कमिश्नर के खिलाफ शासन को कई शिकायते मिल चुकी थी. लिहाजा सोमवार देर रात सरकार ने न सिर्फ स्वर्णकार को पुलिस कमिश्नर की कुर्सी से हटाया बल्कि उन्हें साइड लाइन पोस्टिंग देते हुए एपीटीसी सीतापुर भेज दिया गया है.

इनको मिली साइड पोस्टिंग.




सभरवाल हटे :करीब तीन वर्ष पहले मई 2020 को 1993 बैच के आईपीएस राजीव सभरवाल को मेरठ जोन का एडीजी बनाया गया था. इस दौरान मेरठ में मीट व्यापारी याकूब कुरैशी जैसे माफिया पर कार्रवाई से लेकर अनिल दुजाना जैसे कुख्यात अपराधी का एनकाउंटर तक की कार्रवाई की गई थी. हालांकि इस दौरान राजीव सभरवाल के कई विवादित फोटो सामने आए थे, जिस पर पुलिस मुख्यालय तक को जवाब देते नहीं बना था. चुनाव आयोग के निर्देश पर तीन वर्ष से जमे अधिकारियों को हटाना था. लिहाजा सभरवाल को तीन वर्ष तक जोन में तैनात रहने की वजह से उन्हें हटाना था, लेकिन उनके विवादित कार्यों के चलते उन्हें हटा कर शंट कर दिया गया और डाॅ. बीआर अंबेडकर पुलिस अकादमी मुरादाबाद में पोस्टिंग दी गई.



अखिल कुमार ADG जोन से पुलिस कमिश्नर बने : यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर जोन में करीब ढाई वर्ष से एडीजी जोन की कुर्सी पर तैनात रहे. वर्ष 1994 बैच के आईपीएस अखिल कुमार का फरवरी में एक ही जोन में तीन वर्ष पूरा हो जाएगा. अखिल कुमार ने बीते ढाई वर्षों में गोरखपुर जोन के कुख्यात अपराधियों और माफिया पर कार्रवाई करने के अलावा नेपाल बॉर्डर से जुड़े जिलों से होने वाले तस्करी पर लगाम लगाने और घुसपैठ पर भी रोक लगाई है. इसके अलावा अखिल कुमार सीएम योगी आदित्यनाथ के भी काफी करीबी और भरोसेमंद अधिकारी माने जाते हैं. लिहाजा वर्ष के पहले दिन अखिलेश कुमार को तोहफा देते हुए कानपुर का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है.


ध्रुवकांत ठाकुर को मेरठ जोन की मिली जिम्मेदारी :वर्ष 1994 बैच के आईपीएस अफसर और लखनऊ समेत कई बड़े जिलों के पुलिस कप्तान, लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और एटीएस की के प्रमुख रह चुके ध्रुवकांत ठाकुर उर्फ डीके ठाकुर को भी वर्ष के पहले दिन योगी सरकार ने तोहफा दिया है. अगस्त 2022 में कानपुर लखनऊ में आठ घंटे जाम और लुलु मॉल नमाज विवाद समेत कई मामले में सरकार को नाराजगी के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर की कुर्सी से हटाए गए डीके ठाकुर काफी समय से फ्रंट लाइन पोस्टिंग का इंतजार कर रहे थे. डीजीपी मुख्यालय से अटैच रहने के बाद उन्हें एडीजी भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड बनाया गया और अब उन्हें मेरठ जैसे जोन की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

PAC की सूरत बदलने वाले केएस. प्रताप बने गोरखपुर जोन ADG :वर्ष 1993 बैच के आईपीएस अफसर केएस, प्रताप सिंह मौजूदा समय पीएसी के अपर पुलिस महानिदेशक थे. इससे पहले वह प्रयागराज जोन के आईजी समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं. पीएसी में रहने के दौरान बटालियन की सूरत बदलने के साथ ही कई अहम कार्य किए. जिसकी सराहना खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी. अब केएस. प्रताप को सीएम योगी ने गोरखपुर जोन का जिम्मा सौंपा है.



सुजीत पांडे संभालेंगे PAC की कमान : लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर बनने वाले तेजतर्रार आईपीएस अफसर सुजीत पांडे राजधानी में हुए जहरीली शराब कांड के बाद सरकार की नाराजगी झेलनी पड़ी थी. नवम्बर 2020 को आधी रात में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुजीत पांडे को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया था और उन्हें पीटीसी सीतापुर भेज दिया गया था. करीब तीन साल साइड लाइन पोस्टिंग के बाद सुजीत पांडे को पीएसी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सुजीत पांडे एसटीएफ, लखनऊ और प्रयागराज जोन समेत कई अहम पदों पर तैनात रहे हैं.

अशोक सिंह अब भर्ती बोर्ड संभालेंगे :डायल 112 में काम करने वाली सैकड़ों टेली कॉलर से जुड़े विवाद को लेकर सरकार ने तत्कालीन एडीजी 112 अशोक सिंह को इस लिए पद से हटा कर डीजीपी मुख्यालय से अटैच कर दिया था, क्योंकि वे इस मामले को लेकर गंभीर नहीं दिखे थे और कई दिनों तक अपातकाल सेवा 112 बाधित हुई थी. हालांकि अब सरकार ने उन्हें भर्ती बोर्ड में तैनाती दी है.

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