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लोहिया विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्र के साथ रैगिंग, यूजीसी को भेजी शिकायत का पत्र वायरल

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Published : Nov 29, 2022, 10:55 AM IST

डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (आरएमएनएलयू ) के प्रथम वर्ष के छात्र ने अपने साथ हुए रैगिंग की शिकायत यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) कि हेल्पलाइन को भेजी है. यूजीसी को भेजे गए शिकायत पत्र की कॉपी सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. जिसमें छात्र ने विश्वविद्यालय के सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग करने की शिकायत दर्ज कराई है.

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लखनऊःडॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (आरएमएनएलयू ) के प्रथम वर्ष के छात्र ने अपने साथ हुए रैगिंग की शिकायत यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) कि हेल्पलाइन को भेजी है. यूजीसी को भेजे गए शिकायत पत्र की कॉपी सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. जिसमें छात्र ने विश्वविद्यालय के सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग करने की शिकायत दर्ज कराई है. वायरल पत्र में छात्र ने दूसरे वर्ष के 5 छात्र, तीसरे वर्ष के 2 छात्र व अंतिम वर्ष के 4 छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. छात्र का आरोप है कि यह सभी आरोपी छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहते हैं. वह आए दिन उसका शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण कर रहे हैं.

यूजीसी को भेजे गए शिकायती पत्र में छात्र ने कहा है कि वह छात्रावास के ग्राउंड फ्लोर पर लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक कर सकते हैं. जिसमें सीनियर छात्रों द्वारा उसकी रैगिंग कर रहे है. छात्र ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज से पूरा मामला खुद-ब-खुद सामने आ जाएगा. छात्र की शिकायत के बाद यूजीसी ने 14 नवंबर को यूनिवर्सिटी को इस संबंध में सूचना भेजकर इस पूरे मामले की जांच कर आरोपी छात्रों को शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही यूजीसी ने अपने पत्र में कहा है कि डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय पहले साल के छात्रों की ओर से लगातार रैगिंग की कई गुमनाम शिकायतें मिल रही है. बीते दिनों शुरू हुए परीक्षा के दौरान इस तरह के मामलों कि लगातार शिकायतें आ रही है.


छात्र ने आरोप लगाया है कि द्वितीय वर्ष के छात्र बलपूर्वक उसे अपने कमरे में ले जाते हैं जहां उसके साथ रैगिंग की जाती है. सीनियर छात्र उसे खाना बनवाने के साथ ही बर्तन साफ करने वाॅटर बोतल भरने रूम की साफ-सफाई करने जैसे कई व्यक्तिगत काम करवाते हैं. इसके साथ ही सीनियर छात्र उसे बालकनी में घंटों खड़ा रखते हैं. उसे इधर उधर जाने पर भी रोक लगा देते हैं. इसके अलावा बीमार होने पर छात्रावास के मेस में खाना तक नहीं खाने देते. रूम में टी शर्ट उतारकर घूमने, एक लीटर पानी एक बार में पीने, रूम में खाना खाने के लिए प्लेट में ले जाएं तो भी उसे रोक दिया जाता है. सीनियर छात्रों के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के डर के कारण व उनके हर कार्य को करने को मजबूर है. उनके इस कार्य में तीसरे व चौथे साल के कुछ छात्र भी इसमें मदद करते हैं.


विधि विश्वविद्यालय के डॉ. एके पांडे (Dr. AK Pandey of Law University) का कहना है कि यूजीसी की ओर से इस मामले का शिकायती पत्र विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है. जिसके बाद विश्वविद्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है. साथ ही इस पूरे मामले में शामिल सभी छात्रों को शो कॉज नोटिस भी जारी किया गया था. जिसके जवाब में सभी आरोपी छात्रों ने इस तरह के किसी भी घटना में शामिल होने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है. पूरी घटना की जांच के लिए हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. खासतौर पर पीड़ित छात्र की ओर से शिकायत में जिन तिथियों का जिक्र किया गया है, उसके आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. इसलिए हम पिछले सप्ताह के सभी फुटेज स्कैन कर रहे हैं. इसमें थोड़ा समय लगेगा, अगर हमें कुछ सबूत मिलता है. तो इस मामले में शामिल सभी आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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