लखनऊ : शहर में चल रहे पेयजल और सीवर समस्या को लेकर बुधवार को कार्यकारिणी बैठक में माहौल गरम हो गया. महापौर के आदेशों का अनुपालन न करने व भाजपा पार्षद से अभद्र व्यवहार करने पर कार्यकारिणी सदस्यों के सवालों से जलकल विभाग के महाप्रबंधक मनोज आर्या करीब पांच घंटे तक घिरे रहे. अंत में जीएम यह कहकर बैठक से बाहर चले गए कि उन्हें टारगेट किया जा रहा है. जीएम के इस रैवये को लेकर सभी सदस्य धरने पर बैठ गए. इसके बाद कार्यकारिणी में निंदा प्रस्ताव लाया गया और आगामी चुनाव को देखते हुए महाप्रबंधक को हटाए जाने के लिए कार्यकारिणी की मंशा से शासन को अवगत कराने का निर्णय लिया गया.
महाप्रबंधक जलकल के खिलाफ प्रस्ताव : दरअसल, मनकामेश्वर वार्ड में पेजयल व सीवर की काफी समस्या है. तीन दिन पहले भाजपा पार्षद व कार्यकारिणी सदस्य रंजीत सिंह ने महाप्रबंधक (जीएम) जलकल मनोज आर्या को फोन पर समस्याओं से अवगत कराने लगे. इस पर जीएम भड़क गए और उन्होंने पार्षद से कहा कि ज्यादा सींघे न मारें, अपना काम देखें. बुधवार को कार्यकारिणी बैठक में मनोज आर्या के अभद्र व्यवहार के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया. इसके अलावा दो दिसंबर को महापौर सुषमा खर्कवाल ने बालागंज वाटर वर्क्स का निरीक्षण किया था. यहां पर सुरक्षा गार्डों की तैनाती में मिली अनियमितता को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी और जीएम को अजय सिक्योरिटी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस पर मेयर ने उनके आदेश का अनुपालन न करने पर सख्त नाराजगी जाहिर की.