कानपुर : ग्रामीण इलाकों में शिक्षक का एक अलग ही सम्मान होता है. पूरा गांव गुरुजी कहकर संबोधित करता है. शिक्षक के साथ ही उसके परिवार में भी इस आदर से गर्व की भावना आती है. लेकिन कानपुर देहात हत्याकांड के आरोपी शिक्षक पुत्रों को अपने पिता की वजह से शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी. आखिरकार अपमान की आग में जलते बेटों ने पिता और उसकी नव ब्याहता को रास्ते से हटाने की ठान ली. पुलिस के सामने आरोपी बेटों ने पिता के चरित्र पर सवाल उठाए.
2006 में पड़ी थी डकैती, पहली पत्नी की हो गई थी हत्या :कानपुर देहात के भोगनीपुरव कोतवाली क्षेत्र स्थित अमरौधा कस्बे में सेवानिवृत्त शिक्षक विमल द्विवेदी के घर के हालात वैसे तो 2006 के बाद से ही डगमगाने लगे थे. तब विमल के घर पर डकैती पड़ी थी और उनकी पहली पत्नी की हत्या हो गई थी. इसके बाद विमल ने दूसरी शादी की. तब कुछ छोटे-छोटे विवाद और कलह के मामले होते रहे.
पिछले छह सालों से अपनी शिष्या के साथ संबंध थे विमल :लगभग छह साल पहले विमल जब अपनी ही एक शिष्या के संपर्क में आए और उसके साथ रहने लगे. यह बात पहली पत्नी और दूसरी पत्नी के बेटों को नागवार गुजरी. पिता से इस बात को लेकर बेटों की बहस भी हुई. लेकिन इश्क में डूबे पिता ने शिष्या के साथ ही आगे की जिंदगी जीने का जब फैसला किया और उससे कोर्ट मैरिज कर ली तो बेटे यह सहन नहीं कर सके. खुद बेटों ने पिता के चरित्रहीन होने की बात एसपी कानपुर देहात से पूछताछ में कही है. बोले, पिता ने वो काम कर दिया, जिससे हम सब शर्मसार हो गए थे.