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कानपुर में अब ड्राइवर की मदद के बिना ट्रैक पर दौड़ेगी मेट्रो, रेलवे अफसरों ने दिखाई हरी झंडी

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 4, 2023, 10:57 PM IST

कानपुर में मेट्रो (metro in kanpur) बिना ड्राइवर की मदद के चलेगी. शनिवार को रेल अफसरों ने मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मेट्रो का संचालन पूरी तरह से ड्राइवर लेस (driver less) होगा.

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कानपुर:सोचकर देखिए, क्या कोई मेट्रो ट्रेन बिना ड्राइवर की मदद के चल सकती है. शायद आपका जवाब नहीं होगा. मगर अब कानपुर में आईआईटी से मोतीझील तक नौ किलोमीटर के ट्रैक पर मेट्रो का संचालन आटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन (एटीओ) मोड पर होगा.

कानपुर में ऑटोमैटिक मोड में मेट्रो संचालन का शुभारंभ करते अफसर.

ड्राइवर लेस होगा मेट्रो का संचालन

इससे पहले अभी तक मेट्रो को ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) मोड पर चलाया जा रहा था. इस तरह के संचालन में जहां ट्रेन ऑपरेटर अहम भूमिका निभाते थे, वहीं यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाने के लिए यह मोड बहुत सुरक्षित था. वहीं, अब ऑटोमैटिक ट्रेन आपरेशन मोड में अधिकतर संचालन ऑटोमैटिक होंगे. वहीं, इस पूरे मामले पर उप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अफसरों का कहना है कि ड्राइवर ट्रेन में मौजूद तो रहेंगे मगर मेट्रो का संचालन पूरी तरह से ड्राइवर लेस होगा.ऐसे में अफसरों का दावा है कि जब ऑटोमैटिक मोड में मेट्रो चलेगी तो मानवीय गलतियों की संभावना न के बराबर होगी. शुक्रवार को कानपुर में इसका शुभारंभ हो गया.जीएम सिगनलिंग एंड टेलीकॉम त्रदीप खरे समेत अन्य आला अफसरों ने मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर उपमहाप्रबंधक ऑपरेशंस आकांशु गोविल, संयुक्त महाप्रबंधक दीपक पांडेय समेत अन्य अफसर उपस्थित रहे.

कानपुर में ड्राइवर लेस संचालन के लिए तैयार मेट्रो.

कानपुर की मेट्रो ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन तृतीय श्रेणी की ट्रेन

यूपीएमआरसी के अफसरों ने बताया कि मेट्रो सेवाओं का संचालन तकनीक के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाता है. जिसे ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन कहते हैं. अत्याधुनिक व नवीनतम तकनीक से लैस होने के चलते कानपुर की मेट्रो ट्रेन ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन 3 (जीओए 3) श्रेणी की ट्रेन है. इस श्रेणी की ट्रेनें ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड में कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) सिग्नलिंग प्रणाली के जरिए बिना ट्रेन आपरेटर के चल सकती हैं. इसके साथ ही ट्रेनों के आवागमन का ऑटोमैटिक प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए ऑटोमैटिक ट्रेन सुपरविजन प्रणाली को भी प्रयोग में लाया जाता है.

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