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स्वच्छ वातावरण के लिए पेड़-पौधे लगाना जरूरी: ग्रीन मैन विजयपाल बघेल

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Published : Aug 13, 2019, 8:00 AM IST

पर्यावरण बचाने की जिद में जुटे और ग्रीन मैन के नाम से जाने वाले विजयपाल बघेल आज हाथरस में अपने गुरु रमेश चंद्र आर्य के यहां आए हुए थे. यहां उन्होंने पर्यावरण और गिरते जलस्तर को लेकर चिंता व्यक्त की.

मीडिया से बातचीत करते ग्रीन मैन विजयपाल बघेल.

हाथरस: पर्यावरण बचाने की जिद में जुटे और ग्रीन मैन के नाम से पहचाने जाने वाले विजयपाल बघेल ने कहा कि आज की पीढ़ी के जो बच्चे अपने स्कूल बैग में पानी की बोतल लेकर चल रहे हैं. उनके बच्चे जब स्कूल जाएंगे तो उनके कंधों पर स्कूल बैग नहीं सांस लेने के लिए ऑक्सीजन का सिलेंडर होगा. उन्होंने बताया कि पानी और ऑक्सीजन को किसी भी कारखाने और फैक्ट्री में नहीं बनाया जा सकता है. इन दोनों को केवल पेड़ ही बनाता है, इसलिए हमें पेड़-पौधों की चिंता करनी होगी.

मीडिया से बातचीत करते ग्रीन मैन विजयपाल बघेल.

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जानें पर्यावरण को लेकर क्या बोले ग्रीन मैन
दरअसल, ग्रीन मैन विजयपाल बघेल हाथरस में अपने गुरु रमेश चंद्र आर्य के यहां आए हुए थे. उन्होंने बताया कि उनका यह सफर सन 1974 से लेकर लगातार चला आ रहा है. वह हाथरस के अपने गांव चंद्रगढ़ी से देश, दुनिया तक पहुंचे और इस पर्यावरण बचाने की आवाज को लोगों तक पहुंचाया. ग्रीन मैन ने बताया कि पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को जोड़ा और जनक्रांति से हरित क्रांति का बिगुल बजाया.

बता दें कि आज विजयपाल बघेल को दुनिया में ग्रीन मैन के नाम से जाना और पहचाना जाता है. ग्रीन मैन ने बताया कि पर्यावरण की चिंता रखने वाले सभी देशों से वह जुड़े हैं. यूनाइटेड नेशन की कमेटी के सदस्य होने के नाते जिस किसी भी देश में पर्यावरण की समस्या होती है, उस देश में उन्हें जाने का मौका मिलता है.

गिरते जलस्तर की समस्या
ग्रीन मैन ने गिरते जलस्तर को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि शायद मेरे दादाजी ने नदी का पानी, पिता ने कुएं का और मैंने हैंडपंप का पानी पिया है. अब मेरे बच्चे बोतल का पानी पी रहे हैं. उन्होंने इसको लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आगे आने वाली पीढ़ी क्या करेगी, पानी कहां से आएगा और सांस कहां से आएगी, यह चिंता की बात है. वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा घटती जा रही है. जहां पेड़ होगा, वहां बारिश होगी. पानी और ऑक्सीजन किसी कारखाने या फैक्ट्री में नहीं बनाए जा सकते हैं, ये दोनों को केवल पेड़ ही बनाते हैं.

ग्रीन मैन पहनते हैं हरे कपड़े
देश-दुनिया में हरित क्रांति फैलाने वाले विजयपाल बघेल खुद भी हरे कपड़े ही पहनते हैं. इसके पीछे की वजह यह है की एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद ने उनसे कहा था कि तुम्हारा मन इतना हरा है तो तुम अपना तन भी हरा कर लो. पूर्व राष्ट्रपति की इन बातों को सुनकर उसी दिन से मैने हरे कपड़े पहनना शुरू कर दिया था.

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