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शरीयत के नाम पर समानांतर संवैधानिक व्यवस्था समाप्त होनी चाहिएः विहिप नेता अंबरीष

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Published : Jul 22, 2022, 9:32 PM IST

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) अपने स्थापना दिवस के साथ आने वाले समय मे अखंड भारत संकल्प दिवस मनाने जा रहा है. इसको लेकर विशेष संपर्क अभियान चलाया जा रहा है. दूसरे समाज के लोग देश में फैला रहे अस्थिरता, यह ठीक नहींः

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अखिल भारतीय विशेष सम्पर्क प्रमुख अम्बरीष

गोरखपुर:विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) अपने स्थापना दिवस के साथ आने वाले समय में अखंड भारत संकल्प दिवस मनाने जा रहा है. इसके लिए संगठन के राष्ट्रीय नेता तक बड़े शहरों मे प्रवास कर प्रबुद्ध लोगों के बीच सम्पर्क अभियान पर हैं. इसी कड़ी में गोरखपुर में परिषद के केन्द्रीय मंत्री और अखिल भारतीय विशेष सम्पर्क प्रमुख अम्बरीष पहुंचे.

अखिल भारतीय विशेष सम्पर्क प्रमुख अम्बरीष

विशेष संपर्क अभियान के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विहिप नेता अम्बरीष ने कहा कि उनकी योजना के तहत हिन्दू समाज के साथ देश को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है. दूसरे सम्प्रदाय के लोग जिस तरह के कारनामे करके समाज में अस्थिरता फैला रहे हैं वह ठीक नहीं है. अगर हिन्दू समाज भी उसी तरह प्रतिकार करना शुरू कर देगा तो माहौल बिगाड़ जाएगा. अम्बरीष ने कहा कि सौभाग्यवश हिन्दू उनको उन्हीं की भाषा में जवाब नहीं दे रहा, जो कि अच्छी बात है. जनसंख्या के अनुरूप सामान्य रूप का कानून बनना चाहिए. शरीयत के नाम पर समानांतर संवैधानिक व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए, जो खुले तौर पर देश की संप्रभुता को धमकी दे रहे हैं. उनकी इस देश को आवश्यकता नहीं है.

अम्बरीष ने आगे कहा कि विश्व हिंदू परिषद के 2024 में 60 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो परिस्थिति चल रही है, उसमें हिंदू समाज की तैयारी क्या है, परिवर्तन की स्थितियों से किस तरह से निपटा जाए और ज्वलंत समस्याओं पर विचार कैसे गंभीर बने, इन सब पर चर्चा करना अब समय की जरूरत बन गई है. साथ ही संगठित होकर इसके निराकरण में बल भी देना है.

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उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता की बात चल रही है, जिसको लेकर एक समाज आंदोलित हो जाता है. जबकि आजादी के समय जनसंख्या के आधार पर बंटवारा किया गया और तत्कालीन नेतृत्व ने इसे स्वीकारा था. जिनको पाकिस्तान जाना था वह पाकिस्तान गए, जिनको भारत में रहना था वह भारत में रह गए. लेकिन जो यहां रह गए स्वभाविक रूप से उनके लिए इस देश का संविधान महत्वपूर्ण होना चाहिए. आजादी के 75 वर्ष में अमृत महोत्सव के दौरान हर घर तिरंगा फहराने के अभियान को सफल भी करना चाहिए.

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