गोरखपुरःखाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने, कोटेदारों और उपभोक्ता के बीच आसानी से खाद्यान्न पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री की योजना और पहल के बाद, गोरखपुर में "सिंगल स्टेज डिलीवरी सिस्टम" को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है. मंडल के चार जिले जिसमें गोरखपुर समेत देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, शामिल हैं. इन जिलों में यह सिस्टम लागू हो गया है. इसके तहत अब भारतीय खाद्य निगम यानी कि (एफसीआई) के गोदाम से खाद्यान्न सीधी कोटेदार की दुकान पर पहुंचाया जाएगा. इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद घटतौली, लेटलतीफी और अनियमितता की शिकायतें समाप्त हो सकेंगी.
बता दें, कि पहले एफसीआई के गोदाम से मार्केटिंग विभाग के गोदाम तक चावल और गेहूं समेत अन्य सामान पहुंचाए जाते थे, जो कोटेदारों को यहां से फिर वितरित होते थे. इस व्यवस्था को समाप्त करते हुए ही अब डायरेक्ट single-stage डिलीवरी सिस्टम के तहत एफसीआई के गोदाम से कोटेदार की दुकान तक खाद्यान्न पहुंचेंगे. पहली बार में करीब 35 सौ क्विंटल चावल और गेहूं कोटे की दुकानों पर पहुंचाया गया है. यही नहीं गोरखपुर मंडल प्रदेश में सबसे कम दर पर यह व्यवस्था लागू करने में कामयाब रहा है. जिसके तहत वह करीब 15 करोड़ ट्रांसपोर्टेशन खर्च बचाकर उत्तर प्रदेश सरकार को वापस करने वाला प्रदेश का पहला जिला भी बनेगा.
क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक प्रेम रंजन सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि पूरे मंडल में इस सिस्टम को लागू करने के लिए उनकी टीम बधाई की पात्र है. गोरखपुर के लिए यह गर्व की बात है कि यहां सबसे कम दर पर यह व्यवस्था लागू हो सकी है. प्रदेश के कुल जिले जहां इसे 65 रुपये प्रति क्विंटल की दर से लागू कर रहे हैं, वहीं टेंडर की प्रक्रिया और आपसी सामंजस्य के बल पर गोरखपुर में यह 45 रुपये पर यह लागू हुई है. यही वजह है कि 20 रुपये के आने वाले अंतर से गोरखपुर में ढुलाई के मद में करीब 15 करोड़ की बचत होगी, जो राज्य सरकार को सीधे तौर पर वापस किया जाएगा.
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