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रुधौली विधानसभा 309ः जनता के दिलों पर राज करने वाला ही यहां से पहुंचता है विधानसभा

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Published : Oct 12, 2021, 4:58 PM IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सियासी हलचल तेज हो गई है.आइये जानते हैं बस्ती जिले की रुधौली विधानसभा सीट 309 में चुनावी समीकरण क्या हैं?

रुधौली विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
रुधौली विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

बस्तीः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. जिले में विधानसभा चुनाव की सियासी बयार अब तेजी से बहने लगी है और राजनीतिक दलों के नेता सक्रिय हो गए हैं. जिले के पांच विधानसभा सीट में से रुधौली विधानसभा सीट 309 ही एक मात्र ऐसी सीट है, जिस पर वही नेता विधानसभा की दहलीज तक पहुंचता है जो इस विधानसभा के वोटरों से धर्म या जाति से नहीं बल्कि सीधा दिल से जुड़ा होता है. मतलब धरातल पर काम करने वाले नेता को ही यहां की जनता अपना रहनुमा चुनती है.

रुधौली विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

2002 के बाद अगर आंकड़ों की बात करें तो रुधौली विधानसभा सीट पर सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी का एक-एक बार कब्जा हो चुका है. इस विधानसभा में विकास को लेकर मौजूदा विधायक ने काफी काम किए हैं. जनता के बीच जाना, उनकी समस्याओं से रूबरू होना, गरीबों की मदद, विकास की योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुंचाने में विधायक पूर्व विधायकों से आगे नजर आते हैं. वर्तमान में बीजेपी से संजय प्रताप जायसवाल विधायक है और इसके पूर्व वे कांग्रेस के टिकट से एमएलए चुने गए थे. संजय जायसवाल की जनता के बीच अच्छी खासी पकड़ है और अपने क्षेत्र की जनता के लिए लड़ना विधायक की पहली प्राथमिकताओं में है. रूधौली विधानसभा सीट किसी एक दल का गढ़ कभी नहीं बन पाया, जिस नेता ने जनता के दिलों में जगह बनाई वही यहां से विधायक चुना गया.

रुधौली विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.


विधायक संजय जायसवाल का रिपोर्ट कार्ड

रुधौली विधानसभा का पिछले 15 सालों मे विकास हुआ. रोजगार की दृष्टि से अथदमा सुगर मिल की स्थापना हुई, नगर पंचायत की घोषणा के साथ इलाके में कई बड़ी परियोजनाओं का क्रियान्वयन हुआ. रोजगार के क्षेत्र में केंद्र सरकार की संचालित योजनाएं गांव में पहुंची और महिलाओं को रोजगार मिला. मगर शिक्षा के क्षेत्र में विधायक ने कोई काम नहीं किया. जिससे यहां के युवा को शिक्षा और रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ा. किसानों की सबसे बड़ी समस्या गन्ना मूल्य और गन्ने की फसल को बेचने की थी जिसको लेकर अथदमा सुगर मिल ने दूर कर दी. संजय प्रताप जायसवाल लगातार दूसरी बार रुधौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. पहला चुनाव वह कांग्रेस के टिकट पर जीते थे, दूसरी बार वर्ष 2017 में भाजपाई हो गए और विधायक बनने के बाद वह जनता की आवाज बन गए. साढ़े 4 साल सदन के भीतर और बाहर वह खूब लड़े. विधायक की मानें तो 4 साल में नियमों के तहत 35 से 40 मुद्दे जबकि आमजन से जुड़े 800 से 1000 से अधिक सवाल वह सदन में उठा चुके हैं. इसी तरह जनहित के मुद्दों पर 35 याचिकाएं सदन में दाखिल कर चुके हैं. सदन के बाहर भी वह क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर आक्रामक रहे.

रुधौली विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

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मौजूदा विधायक संजय प्रताप जायसवाल के मुताबिक रुधौली विधानसभा क्षेत्र काफी पिछड़ा था, विकास की बड़ी चुनौती थी, स्वीकार करते हुए आगे बढ़े, रुधौली बाजार में सफाई से लेकर अन्य जरूरी सुविधाएं बहाल कराई. भानपुर को नगर पंचायत की सौगात दी. बीजलपुर में पीएचसी बनवाया, रुधौली मंडी में 5000 टन का वेयर हाउस, राम नगर रुदौली और इटावा में मल्टीपरपज हाल का निर्माण हुआ. लोढवा में 132 केवी बिजली घर, आईटीआई की स्वीकृति दिलाई. असनहरा में 32 केवी का सब स्टेशन और रुधौली में आवासीय भवन निर्माण को भी विधायक ने मंजूरी दिलाई है. इसके साथ ही विधायक ने भानपुर रुधौली मार्ग ऊच्चीकरण कराया, 400 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का भी निर्माण कराया. 100 करोड़ की अन्य परियोजनाएं अभी पाइप लाइन में है.

ये है प्रमुख समस्याएं
आमी नदी अतिक्रमण से सिकुड़ चुकी है और प्रदूषण से कराह रही है. इस विधान सभा में तहसील, ब्लाक, मंडी के साथ ही निजी क्षेत्र की चीनी मिले हैं लेकिन रोजगार परक शिक्षा के लिए कोई बड़ा कॉलेज नहीं है. जिले का इकलौता जवाहर नवोदय विद्यालय यहीं है लेकिन वह भी अपना गौरव खोता जा रहा है. बेरोजगारी भी कम नहीं है, स्नातक तक की शिक्षा की व्यवस्था है, श्रमिकों को रोजी-रोटी का साधन मनरेगा है फिर भी उन्हें काम की तलाश में बड़े शहरों की ओर भागना पड़ता है. रुधौली क्षेत्र के चौराहों और बाजारों में विकास की बात छेड़ने पर मतदाता मुखर हो जाते हैं. विधायक निधि की बात करें तो अब तक आठ करोड़ मिले जिसमें से 5 करोड़ सड़क नाली खड़ंजा के साथ आमजन की अपेक्षाओं के अनुरूप जनहित के कार्यों पर खर्च किए जा चुके हैं. दो करोड़ के विकास कार्य के प्रस्ताव तैयार कराए जा रहे हैं. सड़क बिजली पानी शिक्षा और चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं आज भी सवाल बनकर खड़ी हैं. ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की स्थिति कुछ बदली जरूर है लेकिन सड़कों में गड्ढे आज भी नजर आते हैं. पेयजल के लिए देसी हैंडपंपों का सहारा है, रुधौली में सीएचसी है लेकिन इलाज के लिए लोगों को जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. रुधौली बखीरा स्टेट हाईवे का 4 किलोमीटर हिस्सा चलने योग्य नहीं रह गया है.

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