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UP Election 2022: इस बार कप्तानगंज विधानसभा का असली कप्तान कौन होगा?

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Published : Oct 9, 2021, 6:28 PM IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सियासी हलचल तेज हो गई है.आइये जानते हैं बस्ती जिले की कप्तानगंज विधानसभा सीट 308 में चुनावी समीकरण क्या हैं?

कप्तानगंज विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
कप्तानगंज विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

बस्तीः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सियासी हलचल तेज हो गई है. जिले की कप्तानगंज विधानसभा सीट पर 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है. राजनीतिक दृष्टि से यह विधानसभा सीट वीआईपी मानी जाती है. क्योंकि इस सीट से पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी कई बार यूपी की विधानसभा में जीतकर पहुंचे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में भाजपा से चंद्र प्रकाश शुक्ला बसपा के राम प्रसाद चौधरी को हराकर विधानसभा पहुंचे थे.

कप्तानगंज विधानसभा में मतदाता.
कप्तानगंज विधानसभा में मतदाता.

कप्तानगंज विधानसभा में कुल मतदाता 3m46149 है, जिसमें पुरुष 1,90,000 और महिला मतदाता 1,55,376 हैं. कप्तानगंज विधानसभा में विधायक के प्रयास से फिलहाल बिजली की समस्या तो दूर हो गई है लेकिन बेरोजगारी, शुद्ध जल, सड़क सहित शिक्षा के क्षेत्र में मौजूदा विधायक चंद्र प्रकाश शुक्ला कुछ खास काम नहीं किया. ऐसे में एक बार फिर से विधानसभा चुनाव आ गया है तो संभावित उम्मीदवार अपने अपने दावों और वादों के साथ जनता के बीच पहुंच रहे हैं. लेकिन आने वाला वक्त ही बताएगा कि 2022 में कप्तानगंज विधानसभा का असली कप्तान कौन होगा.

कप्तानगंज विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
कप्तानगंज विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

विधायक चंद्र प्रकाश शुक्ला का रिपोर्ट कार्ड
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जीते भाजपा विधायक चंद्र प्रकाश शुक्ला ने कप्तानगंज को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने कस्बे को जलजमाव से मुक्त कराने और पिपरौल घाट पर पुल बनवाने का वादा पूरा किया. लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे विधानसभा क्षेत्र में ट्रामा सेंटर अभी भी आश्वासन की श्रेणी में ही है. कुछ वादे पूरे हुए हैं लेकिन सड़क शिक्षा पानी और बेरोजगारी के मुद्दे पर जनता के सवाल अभी भी मुखर हैं. कप्तानगंज दुबौलिया मार्ग पर वायरलेस चौराहे तक 1 किलोमीटर दोनों तरफ नाली व सीसी रोड बन जाने से जलजमाव से फिलहाल मुक्ति मिली, इसके साथ पिपरौल घाट पर पुल बनने से भटा नारायणपुर सरवरिया सहित दर्जनों गांव के लोगों की राह आसान हो गई.

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विधायक के रिपोर्ट कार्ड के अनुसार 930 करोड़ की लागत से भाव फ्री विद्युत उप केंद्र पिपरौल घाट, सर्विया 1270 के पुलों का निर्माण 50 करोड़ से, बभनान गौरव एरिया मार्ग का निर्माण 23 करोड़ से, कप्तानगंज-दुबौलिया और मार्ग 15 करोड़ से, डिलीट से कप्तानगंज 21 करोड़ की लागत से दुगोला पचपेड़वा 6:30 करोड़ की लागत से बना है. इसके अलावा पैकोलिया- शिवा घाट मार्ग का निर्माण सहित 150 करोड़ से 200 छोटी सड़कें पूर्वांचल विकास निधि और विधायक के 9 करोड रुपये से कई अन्य विकास के कार्य कराया गया. इसके अलावा 125 करोड़ से कटाया चांदपुर गौरा तटबंध का काम 500 से ज्यादा लोगों को चिकित्सा सुविधा के लिए धनराशि और दुबौलिया में किस लाख से रंगशाला बनवाया गया है.

पूर्व विधायक रामप्रसाद चौधरी का रिपोर्ट कार्ड
वहीं, पूर्व मंत्री अब बसपा के हाथी से हराकर सपा की साइकिल पर सवार हो गए हैं. राम प्रसाद चौधरी कप्तानगंज विधान सभा सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं और तीन बार यूपी सरकार में उन्हे मंत्री का पद भी मिला था. रामप्रसाद चौधरी की पिछड़ी जाति के वोटरों में अच्छी खासी पकड़ हैं, इसलिए कुर्मी वोटरों के वे क्षत्रप नेता भी माने जाते हैं. कृषि महाविद्यालय की स्थापना पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी के द्वारा ही लाया गया था. इसके अलावा मानपुर माझा पर पुल, पंडुल घाट पुल, परखट्टी पूल, दुबौलिया ब्लॉक का गठन और भवन निर्माण सहित कई सड़कों का भी निर्माण कराया था. इसके बाद भी कप्तानगंज विकास के रेस में काफी पीछे छूट गया. रोजगार की दिशा में पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी ने कुछ काम नहीं किया, जिसका खामियाजा उन्हें वर्ष 2017 के विधानसभा में झेलना पड़ा.

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