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फर्जी बिल दे रहे उपभोक्ताओं को झटका, विभाग सिर्फ अपील पर निर्भर

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Published : Sep 12, 2022, 5:51 PM IST

बिजली विभाग
बिजली विभाग

अपट्रॉन उपकेंद्र (uptron substation) के अंतर्गत मेहंदी गंज में रहने वाले उपभोक्ता हसन का सिर्फ ₹8000 बिजली का बिल बकाया था, लेकिन कुछ ही दिन बाद उनके मोबाइल नंबर पर एक टेक्स्ट मैसेज आता है और यह बिल बढ़कर 8000 से ₹17000 के करीब पहुंच जाता है.

लखनऊ. बिजली विभाग के फर्जी बिजली बिल (Fake electricity bill) शहर के उपभोक्ताओं को जोरदार झटका दे रहे हैं. उपभोक्ताओं के पास जो वास्तविक बिल भेजा जा रहा है और उसके बाद दोगुने से ज्यादा बिजली बिल का फर्जी मैसेज भी आ रहा है, जो उपभोक्ताओं के लिए संकट का सबब बन रहा है. पसीने-पसीने होकर उपभोक्ता उपकेंद्र के चक्कर लगा रहे हैं और वहां पर उन्हें पता चलता है कि यह मैसेज फर्जी है. जब इस बारे में बिजली विभाग के जिम्मेदारों से बात की जाती है तो सिर्फ ठगों से सावधान की अपील पर ही सारा काम निर्भर हो जाता है.

अपट्रॉन उपकेंद्र (uptron substation) के अंतर्गत मेहंदी गंज में रहने वाले उपभोक्ता हसन का सिर्फ ₹8000 बिजली का बिल बकाया था. बाकायदा बिजली विभाग की तरफ से उन्हें ₹8000 का बिल मीटर रीडर द्वारा उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन कुछ ही दिन बाद उनके मोबाइल नंबर पर एक टेक्स्ट मैसेज आता है और यह बिल बढ़कर 8000 से ₹17000 के करीब पहुंच जाता है. मैसेज देखते ही हसन की हालत खराब हो जाती है. अपना सारा काम छोड़कर सीधे पसीना बहाते हुए उपकेंद्र पर मैसेज दिखाने पहुंचते हैं. उपकेंद्र पर मौजूद कर्मचारी हसन के कनेक्शन नंबर से उनका बिल चेक करता है तो उनका बकाया बिल ₹8000 ही होता है, तब हसन को बताया जाता है कि जो मैसेज आया है वह फर्जी है. इस बारे में हसन कहते हैं कि इस तरह का मैसेज आना ही नहीं चाहिए. क्योंकि इससे दिक्कत हो जाती है. बिजली विभाग को ऐसे मैसेज पर रोक लगानी चाहिए पूरी तरह से गलत है.

उपभोक्ता हसन





उपभोक्ता हसन की तरह ठाकुरगंज निवासी कुलदीप निगम का वास्तविक बिल ₹4000 बिजली विभाग की तरफ से उपलब्ध कराया जाता है. हर माह समय पर कुलदीप निगम अपना बिजली का बिल जमा भी करते हैं. बिल की ड्यू डेट आने से पहले ही उनके पास एक मैसेज आता है. जिसमें 8000 से ज्यादा का बिजली बिल का भुगतान करने की बात कही जाती है. मैसेज देखते ही कुलदीप निगम चौंक जाते हैं. इस बारे में तत्काल बिजली विभाग से संपर्क स्थापित करते हैं. दौड़ते हुए उपकेंद्र पहुंचते हैं और अपना कनेक्शन चेक कराते हैं तो यहां पर पता चलता है कि उनके मोबाइल नंबर पर जो मैसेज आया है वह पूरी तरह फर्जी है. इस बारे में कुलदीप निगम का कहना है कि बिजली विभाग को अपनी इन खामियों को दुरुस्त करना चाहिए. आखिर क्यों इस तरह के मैसेज भेजे जाते हैं, जिससे उपभोक्ता परेशान हो जाए.

फर्जी बिल

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इस तरह के मैसेज उपभोक्ताओं के मोबाइल पर आने के सवाल पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की जनसंपर्क अधिकारी शालिनी यादव का कहना है कि लगातार बिजली विभाग की तरफ से उपभोक्ताओं से अपील की जाती है कि इस तरह के मैसेज से सावधान रहें. ठगी का शिकार होने से बचें. उपभोक्ताओं के पास जो दोगुने बिल का मैसेज आ रहा है वह सही नहीं है. इसकी जांच कराई जा रही है.

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