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Ranthambore National Park : बाघिन T 39 नूर के 2 शावक लापता...पिछले एक साल में 6 Tigers और 10 लेपर्ड की हो चुकी है मौत

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Published : Jun 15, 2022, 4:23 PM IST

राजस्थान में सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर से एक बार फिर बुरी खबर (Bad News From Ranthambore) आई है. बाघिन टी-39 नूर के दो शावक लापता हैं. शावकों की मौत की आशंका जताई जा रही है. यहां जानिए क्या है पूरा मामला...

Tigress Noor with Two Cubs
शावकों संग बाघिन टी-39 नूर

सवाई माधोपुर. रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले एक महीने में रणथंभौर में तीन बाघों की मौत के बाद एक बार फिर बुरी खबर आई है. बाघिन टी-39 नूर के दो शावक (Two Cubs of Tigress Noor T 39 Missing) लापता हैं. शावकों कि मौत की आशंका जताई जा रही है. वन विभाग की ओर से कई दिनों से शावकों के लापता होने की पुष्टि की गई है, साथ ही शावकों के कमजोर और छोटे होने की बात कही है.

1 साल में 6 बाघ व शावक की मौत : रणथंभौर के जोन नम्बर 6 में दो माह पहले बाघिन टी-39 ने दो शावकों को जन्म दिया था. बाघिन पर्यटकों को अपने शावकों को अपने मुंह में लेकर शिफ्ट करती हुई दिखाई दी थी. अब पिछले 25 दिनों से बाघिन टी-39 नूर अपने शावकों के साथ दिखाई नहीं दे रही है. बाघिन के शावकों को खोजने के लिए वन विभाग की ओर से सघन तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है. बाघिन टी-39, बाघ टी-101 के साथ शनिवार को मेटिंग करती दिखाई दी थी. जिससे बाघिन के शावकों की मौत की संभावना जताई जा रही है.

क्या कहते हैं सीसीएफ सेडूराम यादव...

वन्यजीव विशेषज्ञों की मानें तो बाघिन अपने शावकों की मौत के बाद या फिर शावकों के बड़े हो जाने के बाद ही मेटिंग करती है. लेकिन नूर के दोनों शावक (Ranthambore of Sawai Madhopur in Rajasthan) छोटे और कमजोर हैं. ऐसे में वह ना तो शिकार कर सकते हैं ना ही अपनी टेरिटरी बना सकते हैं. जिसके चलते वन्यजीव विशेषज्ञ बाघिन के शावकों की मौत की संभावना जता रहे हैं. वहीं, विभाग केवल गायब की बात कर रहा है.

शावकों को खोजने में नाकाम रहा वन विभाग : वन विभाग की ओर से शावकों की तलाश के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन 25 दिन बाद भी वन विभाग गायब शावकों का पता लगाने में नाकाम रहा है. पहले भी वन विभाग को एक सप्ताह बाद बाघ टी-34 कुंभा का शव मिला था. इसी तरह एक साल में हुई बाघों की मौतों के मामले भी देखने को मिले. सूत्रों के अनुसार वनाधिकारी रणथंभौर में विकास कार्यों में व्यस्त हैं. वनाधिकारियों की ओर से वन और वन्यजीव संरक्षण के प्रयास नहीं के बराबर किए जा रहे हैं. मई 2021 से जून 2022 यानी पिछले एक साल में 6 टाइगर और करीब 10 लेपर्ड की मौत हो चुकी है. वन विभाग के अनुसार इन बाघों की मौत टेरिटोरियल फाइट में गई है.

अपने शावकों को अपने मुंह में लेकर शिफ्ट करती 'नूर'...

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कब-कब हुई बाघों की मौत :

  • 5 जून 2022 को आरओपीटी रेंज में बाघ टी 34 का मिला शव.
  • 24 मई 2022 को खंडार रेंज में बाघिन टी 69 के मादा शावक का मिला शव.
  • 13 मई 2022 को जामोदा के नाले में बाघिन टी 61 का मिला शव.
  • 6 जुलाई 2021 को खंडार रेंज में पानी में बाघ टी 65 का मिला शव.
  • 1 अप्रैल 2021 को गंधार देह में बाघिन टी 60 के शावक का मिला शव.
  • मई 2021 में तांबाखान वन क्षेत्र में बाघिन टी 102 के शावक का मिला शव.

डीएफओ मौन : वन विभाग की ओर शावकों की तलाश के लिए सघन तलाशी अभियान (Ranthambore Administration in Search of Cubs) चलाया जा रहा है, लेकिन 25 दिन बाद भी वन विभाग गायब शावकों का पता लगाने में नाकाम रहा है. पहले भी वन विभाग को एक सप्ताह बाद बाघ टी-34 कुंभा का शव मिला था. इसी तरह एक साल में हुई बाघों की मौतों के मामले भी देखने को मिले.

पढ़ें :रणथम्भौर पार्क में बाघ-बाघिन और शावकों को देख सैलानी रोमांचित

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