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कोटा में बढ़ते सुसाइड के मामलों के बीच ASP ने जारी किया वीडियो संदेश, बोले, प्लान 'बी' हमेशा रखें तैयार

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Published : Aug 22, 2023, 10:11 AM IST

कोटा में लगातार बढ़ रहे कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड के मामलों ने सभी को चिंता में डाल दिया है. इस बीच कोटा में स्टूडेंट सेल के इंचार्ज एएसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार ने एक वीडियो संदेश स्टूडेंट के लिए जारी किया है. उन्होंने विद्यार्थियों से प्लान 'बी' हमेशा तैयार रखने की अपील की है.

ASP released a video message,  suicide cases of coaching students
ASP ने जारी किया वीडियो संदेश.

ASP ने जारी किया वीडियो संदेश.

कोटा.इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की कोचिंग के लिए कोटा आने वाले छात्रों के सुसाइड के मामलों ने सभी की चिंताएं बढ़ा दी हैं. सीएम अशोक गहलोत खुद इस संबंध में बैठक ले चुके हैं और कमेटी गठित करते हुए 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है. वहीं, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी सुसाइड के केस को लेकर चिंतित हैं. कोटा में पुलिस की ओर से शुरू की गई स्टूडेंट सेल के जरिए भी विद्यार्थियों की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है. इस बीच स्टूडेंट सेल के इंचार्ज और सीआईडी सीबी के एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार ने अपना एक वीडियो संदेश कोचिंग छात्रों के लिए जारी किया है. उनका वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

जारी किए वीडियो में एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार छात्रों को तनाव से बाहर निकलने के लिए अपने दोस्तों के साथ खूब बातचीत करने और घुल मिलकर रहने की सलाह दे रहे हैं. इसके साथ ही वे कह रहे हैं कि हर व्यक्ति डॉक्टर इंजीनियर नहीं बन सकता है, इसीलिए अपने जीवन में प्लान 'बी' भी रखना काफी जरूरी है.

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विद्यार्थियों को किया मोटिवेटः जारी वीडियो संदेश में एएसपी चंद्रशील ठाकुर ने विद्यार्थियों को मोटिवेट किया है. वे वीडियो में प्लान 'ए' और 'बी' के बारे में बताते हुए अभिभावकों से उम्मीदों की गठरी मासूम बच्चों पर नहीं रखने की भी अपील की है. साथ ही कह रहे हैं कि कई बार प्लान 'बी' भी प्लान 'ए' से ज्यादा बेहतर होता है, इसके कई उदाहरण भी हैं. उन्होंने जारी वीडियो में कहा है कि अपने शौक मरने मत दीजिए, अगर आप गाना गाते हैं, तो गाइए व डांस भी करते हैं तो नाचिए. इस सफलता के लिए 24 घंटे पढ़ाई की जरूरत नहीं है.

अभिभावकों का प्रेशर बन रही बोझः उनका मानना है कि ज्यादातर मामलों में अभिभावकों की उम्मीद ही स्टूडेंट्स पर बोझ बन रही है. अभिभावक अपने सपने अपने बच्चों पर थोपकर उनको इस चुनौती वाली परीक्षाओं को क्रेक करने भेजते हैं, लेकिन हर स्टूडेंट की एक क्षमता होती है. क्षमता से अधिक वह परफॉर्मेंस नहीं कर सकता, जिसके कारण वह टूट जाता है. यह सुसाइड का सबसे बड़ा कारण भी है.

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बता दें कि देशभर में डॉक्टर इंजीनियर की फैक्ट्री कहलाने वाली कोचिंग नगरी कोटा में इस साल अब तक 21 सुसाइड हो चुके हैं. स्टूडेंट सुसाइड मामलों पर अब सरकार की निगरानी भी बढ़ गई है. साथ ही कोटा में पुलिस को स्टूडेंट सेल का जिम्मा डीजीपी के निर्देशन में सौंपा गया है. इसके जरिए किसी भी तरह की समस्या होने पर हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है.

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