राजस्थान

rajasthan

कोविड के खौफ पर आस्था का पलड़ा, सूरजगढ़ में शीतलाष्टमी पर उमड़ी भीड़

By

Published : Apr 6, 2021, 10:09 AM IST

सूरजगढ़ में शीतलाष्टमी पर मंदिरों में खूब भीड़ उमड़ी. जिससे कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती नजर आई. वहीं महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर माता को विशेष भोग लगाया.

Sheetalashtami, सूरजगढ़ न्यूज
सूरजगढ़ में शीतलाष्टमी पर उमड़ी भीड़

सुरजगढ़ (झुंझुनू). वर्तमान समय में चल रहे कोविड संक्रमण के खौफ से एक ओर जहां सरकार और आमजन भयभीत नजर आ रहे है. वहीं दूसरी ओर झुंझुनू जिले सूरजगढ़ उपखंड क्षेत्र में कोरोना के खौफ पर आस्था का पलड़ा भारी पड़ता नजर आया. सोमवार को शीतलाष्टमी पर्व पर मंदिरों में शीतलाष्टमी पर भीड़ उमड़ी. जिससे कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती नजर आई.

सूरजगढ़ में शीतलाष्टमी पर कोरोना नियमों की धज्जियां

सूरजगढ़ कस्बे में शीतलाष्टमी पर्व और बासोड़ा पर्व मनाया गया. कस्बे के वार्ड 13 और 17 के शीतला माता मंदिरों में अल सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. होली के आठ दिन बाद मनाए जाने वाले इस त्योहार के प्रति श्रद्धालुओं में काफी उत्साह नजर आया. अलसुबह से ही शीतला मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इस दौरान महिलाओं ने घर से बनाकर लाए गए ठंडे पकवान गुलगुले, चावल, बाजरा, ठंडी रोटी और राबड़ी के भोग लगाए. कस्बे में आजादी से पूर्व से स्थापित सामाजिक संस्था श्रीकृष्ण परिषद की ओर से शीतलाष्टमी पर्व पर दोनों शीतला माता मंदिरों में व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी उठाई गई. परिषद के पदाधिकारी और कर्मचारी व्यवस्थाओं को बनाये रखने में मौके पर मौजूद नजर आए.

यह भी पढ़ें.झुंझुनू में कोरोना वैक्सीनेशन का महाकैंप

हिंदू संस्कृति की मान्यताओं के अनुसार होली पर्व के आठ दिन बाद शीतलाष्टमी पर्व मनाया जाता है. इस पर्व से एक दिन पहले ही घरों में महिलाएं देशी पकवान जैसे बाजार, मूंग, चावल, गुलगुले, राबड़ी, ठंडी रोटी और कच्चे आम की सब्जी आदि बनाती है. जिसका भोग दूसरे दिन माता को लगाकर उसी भोजन को ग्रहण किया जाता है. इस त्योहार के प्रति महिलाओं में विशेष उत्साह देखा जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details