जयपुर.आम चुनाव में युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक हर एक वोटर की भूमिका अहम होती है. इस साल दिसंबर में प्रस्तावित राजस्थान विधानसभा चुनाव में ऐसे ही 21.9 लाख युवा वोटर सरकार चुनने के लिए पहली बार अपने मत का प्रयोग करेंगे और प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. राजस्थान में 18 हजार से अधिर वोटर ऐसे हैं, जो उम्र के 100 बसंत देख चुके हैं. ऐसे बुजुर्ग और दिव्यांगों के मतदान के लिए निर्वाचन विभाग ने घर से वोट डालने की व्यवस्था की है. वहीं, इस बार क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारने पर राजनीतिक दलों को जवाब देना होगा कि आखिर ऐसे व्यक्ति को टिकट क्यों दिया गया?
1.41 लाख मतदाता सर्विस इलेक्टर्स: रविवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने पत्रकार वार्ता करते हुए कई सवालों से पर्दा उठाया. उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश में कुल 5.25 करोड़ मतदाता हैं. इनमें से 2.51 करोड़ महिला और 2.73 करोड़ पुरुष मतदाता हैं. इनके अलावा 5.61 लाख दिव्यांग और 604 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं. कुल मतदाताओं में 11.8 लाख ऐसे हैं जो 80 से ज्यादा उम्र के हैं. इनमें भी 18,462 मतदाता 100 साल से ज्यादा के हैं. वहीं 21.9 लाख मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार सरकार चुनने के लिए अपने मत का प्रयोग करेंगे, जबकि 1.41 लाख मतदाता सर्विस इलेक्टर्स हैं, जो पोस्टल बैलट से वोट डालेंगे.
साझा की जाएगी क्रिमिनल केस की जानकारी :आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस बार बुजुर्ग और दिव्यांग घर से वोट डाल सकेंगे. चुनावी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 5 दिन के अंदर ऐसे मतदाता जो वोट फ्रॉम होम की सुविधा पाना चाहते हैं, उन्हें फॉर्म भरना होगा, ताकि चुनाव आयोग उनके लिए घर पर ही वोट डालने की व्यवस्था कर सके. वहीं, प्रदेश में पहली बार राजनीति में अपराधियों की एंट्री पर शिकंजा कसने के लिए पहल की गई है. किसी भी राजनीतिक दल की ओर से क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले उम्मीदवार को टिकट देने पर उन्हें न्यूजपेपर में स्पष्टीकरण देना होगा. यही नहीं उस कैंडिडेट के खिलाफ क्रिमिनल केस की जानकारी स्थानीय वोटर्स के साथ मोबाइल पर भी साझा की जाएगी.