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सीकर में वाम दल के संगठनों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाई लोहड़ी

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Published : Jan 14, 2021, 5:25 AM IST

संयुक्त किसान मोर्चा, सीटू, अखिल भारतीय जाट महासभा, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया समेत कई संगठनों ने सीकर शहर के जाट बाजार में तीनों कृषि विधेयकों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी का त्योहार मनाया. साथ ही सरकार को चेतावनी दी गई कि इन कानूनों को वापस नहीं लेने पर आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

burning copies of agricultural laws, leftist organizations
वाम दल के संगठनों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाई लोहड़ी

सीकर. केंद्र सरकार की ओर से पारित तीनों कृषि विधेयकों का विरोध करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा, सीटू, अखिल भारतीय जाट महासभा, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया समेत कई संगठनों ने शहर के जाट बाजार में तीनों कृषि विधेयकों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी का त्योहार मनाया. संयुक्त किसान मोर्चा के बी एल मील ने कि संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर संयुक्त किसान मोर्चा संगठनों द्वारा शहर के जाट बाजार में केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों की प्रति जलाकर लोहड़ी का पर्व मनाया गया. साथ ही सरकार को चेतावनी दी गई कि सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती है, तो किसान आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा. इसी क्रम में 15 जनवरी को शहर में मशाल जुलूस भी निकाला जाएगा.

वाम दल के संगठनों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाई लोहड़ी

सीटू संगठन के कय्यूम कुरैशी ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं और केंद्र सरकार अपनी तानाशाही के बल पर आज तक उनकी सुध नहीं ले रही यह केंद्र सरकार की एक सबसे बड़ी भूल होगी क्योंकि जो किसान दिन रात मेहनत करके अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता को समर्पित कर देता. आज वही किसान अपनी मांगो को लेकर इस कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली बॉर्डर पर बैठा है. अब तक चालीस से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं, तो अब उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. इस तरह माकपा नेता अमराराम दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, ठीक उसी तरह किसानों के आंदोलन को समर्थन देने वाले राजस्थान के संगठनों ने किसान आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए रणनीति बनाई है.

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इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा, सीटू समेत कई संगठनों द्वारा पंजाबी त्योहार लोहड़ी को कृषि कानूनों की प्रति जलाकर मनाया गया है और केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द इन काले कानूनों को वापस लिया जा, नहीं तो इस कानून के विरोध में इस आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.

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