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कोटा बैराज समेत चंबल के बांधों से जल निकासी फिर शुरू, लाखों क्यूसेक छोड़ा जाएगा पानी

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Published : Aug 21, 2022, 6:15 PM IST

Updated : Aug 21, 2022, 10:35 PM IST

चंबल के बांधों से जल निकासी
चंबल के बांधों से जल निकासी

कोटा बैराज समेत चंबल के बांधों से जल निकासी आज फिर से शुरू कर दी गई है. मध्यप्रदेश में बारिश के चलते चंबल नदी पर एमपी के मंदसौर जिले में बने गांधी सागर बांध के कैचमेंट एरिया की तरफ से पानी की आवक हो रही है. इसके चलते वहां का जलस्तर बढ़ रहा है और उसे ही मेंटेन करने के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. डब्ल्यूआरडी के अभियंताओं के मुताबिक यह निकासी देर रात तक लाखों क्यूसेक तक पहुंच सकती.

कोटा. सीजन में दूसरी बार आज कोटा बैराज (Kota barrage dam) समेत चंबल नदी के चारों बड़े बांधों से एक साथ पानी की निकासी (Water discharging from chambal dams) की जा रही है. मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश के चलते चंबल नदी पर एमपी के मंदसौर जिले में बने गांधी सागर बांध के कैचमेंट एरिया से पानी की आवक हो रही है. इसके चलते वहां का जलस्तर बढ़ रहा है और उसे मेंटेन करने के लिए ही पानी छोड़ा जा रहा है. करीब 65,000 क्यूसेक पानी गांधी सागर बांध से डिस्चार्ज किया जा रहा है.

इसी के चलते चित्तौड़गढ़ जिले स्थित राणा प्रताप सागर बांध, बूंदी जिले स्थित जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज से भी डेढ़ लाख से 1 लाख 80 हजार क्यूसेक (Millions of cusecs of water will be released) के बीच पानी की निकासी की जा रही है. कोटा बैराज के आठ गेट खोल दिए गए हैं. इसको लेकर निचले इलाकों में भी अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि पानी की निकासी लाखों तक किए जाने पर कोटा से धौलपुर तक चंबल नदी खतरे के निशान के ऊपर से बहेगी. इसका असर निचले इलाकों में भी होगा.

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जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी का कहना है कि गांधी सागर बांध में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी की आवक हो रही है. ऐसे में राजस्थान स्थित चंबल नदी के तीनों बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है. अंसारी ने यह भी अंदेशा जताया है कि मध्य प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है और गांधी सागर बांध का इनफ्लो भी बढ़ रहा है. ऐसे में पानी की निकासी गांधी सागर बांध से बढ़ती है, तब यहां भी चंबल में फ्लो बढ़ सकता है. उनका मानना है कि करीब 2 लाख क्यूसेक तक यह जा सकता है.

राजस्थान के जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. कोटा में शाम पांच बजे के बाद बारिश शुरू भी हो गई है. वहीं हाड़ौती के बारां, बूंदी, झालावाड़ में भी 115 से 205 एमएम तक बारिश की संभावना जताई जा रही है. इसके चलते बारिश होने की संभावना है, लेकिन शाम 4 बजे तक बारिश नहीं हो रही है. राणा प्रताप सागर बांध के सहायक अभियंता हरीश तिवाड़ी का कहना है कि लोकल इनफ्लो आरपीएस डैम का नहीं है. यह इनफ्लो गांधी सागर बांध से चंबल नदी के बांध से छोड़े गए पानी का ही है. इसी कारण निकासी पानी की की जा रही है.

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इनफ्लो कम होने के बावजूद हम ज्यादा निकासी कर बांध के लेवल को नीचे ले जा रहे हैं, ताकि बाद में फ्लो बढ़ने पर भी डिस्चार्ज मेंटेन किया जा सके. कोटा बैराज के अभियंता राजेंद्र कुमार का कहना है कि उन्हें कोटा बैराज का लेवल 852 गेज से 852.50 मेंटेन करना है. ऐसे में 8 गेट खोलकर निकासी की जा रही है. इन सभी आठ गेट को 10 फीट तक खोला गया है. बैराज से छोड़े जा रहे पानी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी समानांतर ब्रिज पर पहुंचे हैं.

डैम क्षमता लेवल मैंटेन लेवल इन फ्लो निकासी
गांधी सागर 1312 1306.36 1306 1.5 लाख 65000
राणा प्रताप सागर 1157.5 1155.1 1155 65000 89000
जवाहर सागर 980 977.6 975 89000 89000
कोटा बैराज 857 852.5 852 90000 1 लाख

चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया बांध में पाना का स्तर 22 फीट पार, चार गेट खोले गए
गंभीरी और घोसुंडा बांध के बाद आखिरकार चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया बांध में पानी का ऊपर तक आ गया है. क्षमता के मुकाबले जल स्तर 22 फीट अधिक पहुंचने के साथ ही आज दोपहर बाद बांध के चार गेट खोल दिए गए. हालांकि बाद में दो गेट बंद कर दिए गए. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल की मौजूदगी में बांध का पानी भीलवाड़ा के मेजा बांध की फीडर और बेड़च नदी में छोड़ा गया. जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता राजकुमार शर्मा ने बताया कि हालांकि बारिश थम चुकी है और इस इलाके में बरसात भी बहुत कम हुई है फिर भी कैचमेंट एरिया राजसमंद जिले के नंद समंद बांध के गेट खुले हुए हैं और उससे लगातार पानी की आवक बनी हुई थी.

कल रात तक पानी 21 फिट क्रॉस हो चुका था जो कि आज बढ़कर 22 फिट पार हो गया. बेड़च नदी से पानी हमीरगढ़ होते हुए त्रिवेणी संगम और आगे बीसलपुर बांध तक पहुंचेगा. मेजा फीडर में पानी छोड़ा गया जो कि भीलवाड़ा के मेजा बांध जाएगा. सोमवार रात या फिर मंगलवार दोपहर तक पानी फीडर से मेजा बांध तक पहुंचने की संभावना है. इस बात की भराव क्षमता 468.50 मीटर है और गंभीरी के बाद जिले का यह दूसरा सबसे बड़ा बांध बना जाता है. इस बीच जिला कलेक्टर ने आसपास के बड़े बांध और तालाबों का भी निरीक्षण किया.

Last Updated :Aug 21, 2022, 10:35 PM IST

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