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NEET UG 2022 Paper Analysis: चार प्रश्नों पर एक्सपर्ट की आपत्ति, फार्मूला और फैक्ट बेस्ड Questions पर आधारित रहा प्रश्न पत्र

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Published : Jul 18, 2022, 7:40 AM IST

NEET UG 2022 Paper Analysis

नीट परीक्षा को लेकर पेपर की एनालिसिस (NEET UG 2022 Paper Analysis) शुरू हो गई है. सोशल साइट पर कोई पेपर को आसान बता रहा था कोई मुश्किल. वहीं एक्सपर्ट ने चार प्रश्नों पर आपत्ति जताई है. उनका मानना है कि फार्मूला और फैक्ट बेस्ड क्वेश्चंस पर प्रश्न पत्र आधारित था.

कोटा.देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश-परीक्षा नीट यूजी-2022 का आयोजन रविवार को पेन पेपर मोड पर ऑफलाइन हुआ. इसमें पूछे गए अधिकतर प्रश्न फार्मूला और फैक्ट बेस्ड रहे. एक्सपर्ट ने तीनों विषय फिजिक्स, कैमेस्ट्री और बायॅलोजी में चार प्रश्नों पर आपत्ति जताई है. जिसमें फिजिक्स और बायोलॉजी से एक-एक सवाल हैं और केमिस्ट्री के दो प्रश्न शामिल हैं. प्रश्न पत्र को एक्सपर्ट ने वर्ष 2021 की तरह आसान और असंतुलित बताया.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि केमिस्ट्री के एक प्रश्न में मिस-प्रिंटिंग पाई गई. केमिकल थर्मोडायनेमिक्स से पूछे गए प्रश्न में दिए गए चारों ही ऑप्शंस पर 'आइसोथर्मल' शब्द गलत प्रिंट हो गया. हालांकि स्टूडेंट्स ने नॉलेज व लॉजिक के आधार पर इसे हल कर लिया. एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.बृजेश माहेश्वरी के अनुसार कैमेस्ट्री में सेक्शन बी में इलेक्ट्रो कैमेस्ट्री टॉपिक के एक सवाल का उत्तर 1.05 होना चाहिए था, जो कि 10.5 छपा हुआ था. इसी तरह फिजिक्स में सेक्शन ए में मॉर्डन फिजिक्स के सवाल में भी डेटा गलत दिया हुआ था. इसी तरह बॉयलोजी में प्लांट एंटोमालॉजी के सवाल में सभी ऑप्शन सही थे.

प्रश्न पत्र

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माहेश्वरी ने बताया कि प्रारंभिक विश्लेषण में पिछले वर्ष की तुलना में पेपर स्तरीय रहा. इसे सामान्य से ज्यादा कठिन कहा जा सकता है. फिजिक्स के पेपर का स्तर गत वर्ष के समान रहा. वहीं, कैमेस्ट्री व बॉयलोजी गत वर्ष की तुलना में कठिन रहे. वहीं इस बार पेपर में नयापन यह देखने को मिला कि कथन और कारण (एसरशन रिजनिंग) के सवाल ज्यादा पूछे गए. ये सवाल पहले एम्स के पेपर में अधिक आते थे. इसके बाद नीट में गत वर्ष सिर्फ बॉयलोजी में आए थे. इसी तरह मैच द कॉलम्स भी इस वर्ष अधिक संख्या में पूछे गए. ये सवाल भी गत वर्ष तक एक-दो ही पूछे जाते थे.

एक्स्ट्रा समय कैलकुलेशन प्रश्न को सॉल्व करने में मदद आए- फिजिक्स के क्वेश्चन-पेपर में 60 प्रश्न-बारहवीं कक्षा के सिलेबस से पूछे गए, जबकि 11वीं कक्षा से 40 फीसदी प्रश्न पूछे गए. केमिस्ट्री के प्रश्न पत्र में इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री का पलड़ा भारी रहा. प्रश्न पत्र में इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री में लीक से हटकर प्रश्न पूछे गए. इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चंस ने विद्यार्थियों को परेशान किया. ऑर्गेनिक व फिजिकल केमिस्ट्री से सामान्य प्रश्न पूछे गए. स्टूडेंट्स का मानना है कि 20 मिनट के अतिरिक्त समय का सदुपयोग फिजिक्स व फिजिकल केमिस्ट्री के कैलकुलेशन बेस्ड क्वेश्चंस को सॉल्व करने में किया. पिछले वर्ष तक 3 घंटे का समय होने के कारण फिजिक्स व फिजिकल केमिस्ट्री के कैलकुलेशन बेस्ड क्वेश्चन समय अभाव के चलते छूट जाते थे. देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी 2022 के क्वेश्चन पेपर में कई प्रश्न ग्राफ आधारित पूछे गए. विद्यार्थीयों ने एलिमिनेशन मेथड का उपयोग करते हुए इन्हें आसानी से हल किया.

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बाॅयोलाॅजी: ओवरऑल पेपर- डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि बोटनी में कुल 50 प्रश्न आए, जिसमें सेक्शन में 35 व सेक्शन बी में 15 प्रश्न पूछे गए. इसी प्रकार जूलाॅजी में कुल 50 प्रश्न आए, जिसमें सेक्शन में 35 और सेक्शन बी में 15 प्रश्न पूछे गए. पेपर एनसीईआरटी के सिलेबस पर आधारित रहा. कक्षाओं के आधार पर प्रश्नों के विभाजन की बात करें तो 11वीं कक्षा के सिलेबस से 53 प्रतिशत और 12वीं कक्षा के सिलेबस से 47 प्रतिशत प्रश्न आए. इस वर्ष 44 प्रतिशत प्रश्नों का स्तर आसान, 11 प्रतिशत प्रश्नों का स्तर कठिन और 45 प्रतिशत प्रश्न मध्यम स्तरीय रहे. कुछ प्रश्नों में अंग्रेजी का हिन्दी अनुवाद नहीं दिया हुआ था. एक प्रश्न में सभी ऑप्शन सही थे. ऐसे में उसमें बोनस अंक मिलने की संभावना है. इसी प्रकार एक प्रश्न में उसके अनुसार विकल्पों में उत्तर नहीं दिया हुआ था. ओवरऑल पेपर पिछले साल की तुलना में कठिन और लेन्दी रहा. बच्चों को पेपर करने में समय ज्यादा लगा.

फिजिक्स: साधारण और फॉर्मूला बेस्ड:देव शर्मा ने बताया कि इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म, मॉडर्न फिजिक्स, मैकेनिक्स, हीट एंड थर्मोडायनेमिक्स व प्रॉपर्टीज ऑफ मैटर सभी टॉपिक्स से साधारण प्रश्न पूछे गए. करंट इलेक्ट्रिसिटी में व्हीटस्टोन ब्रिज से संबंधित व प्रॉपर्टीज ऑफ मैटर में विस्कोसिटी से संबंधित स्तरीय प्रश्न पूछा गया. फिजिक्स के प्रश्न पत्र का पार्ट ए साधारण व फार्मूला बेस्ड रहा. पार्ट बी थोड़ा डिफिकल्ट रहा. कैपेसिटर, अल्टरनेटिंग करंट, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव, फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट, डुएल नेचर ऑफ मैटर और लॉजिक गेट सभी टॉपिक्स से फॉर्मूला बेस्ड क्वेश्चंस पूछे गए. फिजिक्स के इस क्वेश्चन पेपर में टॉपिक वाइज क्वेश्चंस का डिस्ट्रीब्यूशन बैलेंस्ड नहीं था. यूनिट्स और डाइमेंशंस जैसे टॉपिक से तीन प्रश्न पूछे गए.

केमिस्ट्री: इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री व फिजिकल केमिस्ट्री का पलड़ा रहा भारी- केमिस्ट्री के प्रश्न पत्र में इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री का पलड़ा भारी रहा. केमिकल बॉन्डिंग, एक्सट्रैक्शन ऑफ मेटल्स, पॉलीमर्स और केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ के फैक्ट बेस्ड क्वेश्चन पूछे गए. केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ से एंटीहिस्टामाइन, एंटाएसिड, एंटीमाइक्रोब्स व एनाल्जेसिक सभी पर आधारित एक मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन ने विद्यार्थियों को परेशान किया. इलास्टमर्स व प्लास्टमर्स पर भी एक मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन पूछा गया. फिजिकल केमिस्ट्री से सॉलिड स्टेट, केमिकल काइनेटिक्स केमिकल थर्मोडायनेमिक्स व इलेक्ट्रोकेमेस्ट्री पर प्रश्न पूछे गए.

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कटऑफ बढ़ेगी या घटेगी, आंसर की के बाद कैलकुलेशन- देव शर्मा ने बताया कि नीट-यूजी-2022 की कट-ऑफ बढ़ेगी या घटेगी यह कहना जल्दबाजी होगी. क्वेश्चन पेपर के सोल्यूशन्स के आधार पर आंसर की बनेगी. जिसके बाद ही विद्यार्थियों को मार्क्स कैलकुलेट करने के लिए कहा जाएगा. विद्यार्थी के अर्जित अंकों के डाटा एनालिसिस के बाद ही कटऑफ मार्क्स के बढ़ने या घटने पर कुछ कहा जा सकेगा. देव शर्मा ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के नियमानुसार काउंसलिंग एलिजिबिलिटी की कट ऑफ जनरल कैटेगरी के लिए 50 परसेंटाइल निर्धारित है.

ओबीसी, एससी और एसटी आरक्षित वर्ग के लिए यह कटऑफ 40 परसेंटाइल है क्योंकि कटऑफ परसेंटाइल में है, फर्स्ट रैंकर के अर्जित मार्क्स के आधार पर हर साल बदलती है. वर्ष 2020 में जनरल कैटेगरी के लिए कटऑफ मार्क्स 147 और ओबीसी, एससी एवं एसटी कैटेगरी के लिए कटऑफ मार्क्स 113 घोषित किए गए थे, जबकि पूर्णांक 720 थे. वर्ष 2021 में कोविड-19 के चलते कटऑफ में कमी आई थी. नीट यूजी 2021 में जनरल केटेगरी की कटऑफ 138 अंक थी, ओबीसी-एनसीएल, एससी व एसटी कैटेगरी के लिए यह कटऑफ 108 अंक थी. वर्ष 2022 में भी पूर्णांक 720 ही हैं, लेकिन कटऑफ मार्क्स क्या रहेंगे, इसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता.

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