नीट यूजी में 108 नंबर पर भी MBBS में प्रवेश, सरकारी कॉलेज में 452 नंबर पर मिला एडमिशन

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Published : Apr 29, 2022, 5:45 PM IST

Updated : Apr 29, 2022, 7:24 PM IST

NEET UG 2021

नीट यूजी 2021 के परिणाम के बाद मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की काउंसलिंग कई चरणों के बाद समाप्त हो गई है. मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के काउंसलिंग परिणाम के अनुसार 108 नंबर वाले स्टूडेंट को भी प्राइवेट या डीम्ड मेडिकल कॉलेज (Deemed Medical College) की सीट आवंटित हो गई है. ऐसे में जिस विद्यार्थी ने नीट यूजी 2022 में 720 में से 108 अंक प्राप्त किए हैं यानी जिसे 15 फीसदी अंक मिले हैं, उसे भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिलेगा.

कोटा. नीट यूजी 2021 के परिणाम के बाद मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की काउंसलिंग कई चरणों के बाद समाप्त हो गई है. मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के काउंसलिंग परिणाम के अनुसार 108 नंबर वाले स्टूडेंट को भी प्राइवेट या डीम्ड मेडिकल कॉलेज (Deemed Medical College) की सीट आवंटित हो गई है. ऐसे में जिस विद्यार्थी ने नीट यूजी 2022 में 720 में से 108 अंक प्राप्त किए हैं यानी जिसे 15 फीसदी अंक मिले हैं, उसे भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिलेगा.

निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट परिजात मिश्रा ने बताया कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के स्टैटिक्स देखते हैं, तब सामने आता है कि जनरल कैटेगरी रैंक 21,227 था, जिसमें 595 नंबर नीट यूजी 2021 में स्टूडेंट्स के आए थे. ईडब्ल्यूएस कैटेगरी का 21,238 रैंक था और ओबीसी में 21,188. इनमें भी 595 नंबर ही थे. एससी कैटेगरी में एक लाख 9310 रैंक पर 470 अंक आए थे. वहीं, एसटी कैटेगरी में 1,30,823 रैंक पर 452 नंबर थे.

नीट यूजी में 108 नंबर पर भी MBBS में प्रवेश

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इसके संबंध में हम देखते हैं कि डीम्ड यूनिवर्सिटी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में सबसे लास्ट की क्लोजिंग रैंक 9,22,560 आई है, जिसमें 108 नंबर है. ऐसे में कहा जा सकता है कि 452 अंक से कम लाने वाले विद्यार्थियों को सरकारी सीटों पर प्रवेश नहीं मिला है, लेकिन प्राइवेट सीटों पर प्रवेश मिल रहा था. उनमें से अधिकांश ने प्राइवेट सीट भी ज्यादा फीस होने के चलते एडमिशन नहीं ली है. इसीलिए निचले कटऑफ रैंक के विद्यार्थियों को भी सीट एमबीबीएस की प्राइवेट या डीम्ड यूनिवर्सिटी में मिली है.

प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मिले सब्सिडी : एक्सपर्ट का मानना है कि भारत सरकार को चाहिए कि इस फीस को सब्सिडाइज किया जाए. जिस तरह से कर्नाटक और मध्य प्रदेश में फीस को रेगुलराइज किया गया है. इसके अलावा सरकार निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस पर एक रेगुलेटरी बॉडी अलग से बना कर उन्हें कंट्रोल में रखे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी में सरकारी फीस के आधार पर आधी सीटों पर प्रवेश देने की बात कही थी.

एम्स में 2 हजार और प्राइवेट में 25 लाख सालाना: एक्सपर्ट का मानना है कि दिल्ली के सरकारी कॉलेज में दो से ढाई हजार रुपए सालाना फीस है. जबकि एम्स में करीब 6 से 8 हजार के बीच ही एमबीबीएस पूरी हो जाती है. अधिकांश स्टेट के गवर्नमेंट कॉलेजों में भी डेढ़ लाख रुपए तक फीस है. इसके अलावा महाराष्ट्र के एमजीआईएमएस वर्धा में 3 लाख रुपए सालाना फीस है. इससे ज्यादा फीस कहीं भी नहीं है. जबकि भारत के डीम्ड यूनिवर्सिटी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 7 से 8 लाख रुपए सालाना से फीस शुरू होती है. यह 22 से 25 लाख रुपए तक भी पहुंच रही है. हालांकि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीट नहीं होने पर विद्यार्थी परेशान होते हैं और उन्हें दोबारा नीट एग्जाम देना पड़ता है क्योंकि उनके परिजन प्राइवेट मेडिकल कॉलेज या डीम्ड यूनिवर्सिटी की फीस नहीं दे सकते हैं.

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फीस ज्यादा होने के कारण विदेश का रुख: कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट परिजात मिश्रा ने बताया कि इन सब चीजों को मिलाकर देखने पर सामने आता है कि जिस बच्चे को 108 रैंक पर कॉलेज मिला है, उसकी फीस 22 से 25 लाख रुपए सालाना है. इतनी फीस जब भारत में 1 साल में है, जबकि रशिया, चाइना और भारत के अलावा अन्य कई देशों में पूरी एमबीबीएस ही हो जाती है. इसी कारण जिन बच्चों को सरकारी सीट नहीं मिल पाती है वs बच्चे दूसरे देश के मेडिकल कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के लिए चले जाते हैं.

8 लाख 70 हजार विद्यार्थियों को किया था क्वालीफाई घोषित : नीट यूजी 2021 की बात की जाए तो करीब 16 लाख स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. इनमें 15 लाख 50 हजार के आसपास विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी. इसमें 8 लाख 70 हजार स्टूडेंट्स को क्वालीफाई घोषित किया था, जिसमें जनरल कैटेगरी के लिए 138 नंबर कटऑफ था. अन्य कैटेगरी में 108 नंबर थे. इसी तरह से बीडीएस के लिए भी अभी काउंसलिंग होने वाली है. इसके लिए डेंटल काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने लिखा है कि 10 परसेंट के आसपास उसके भी कटऑफ को कम किया जाए. हालांकि, इस पर कोई निर्णय या सुझाव मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की तरफ से नहीं आया है.

45 फीसदी की है सरकारी सीटें: परिजात मिश्रा ने बताया कि भारत में 606 एमबीबीएस के कॉलेज हैं. इनमें 91,415 सीट है, जिनमें 292 सरकारी और 314 डीम्ड यूनिवर्सिटी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं. सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में सीटों का अनुपात देखा जाए तो अभी भी 55 फीसदी सीटें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के पास है. जबकि 45 फीसदी सीटें सरकारी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों के पास है. ऐसे में सरकारी करीब 41 हजार और प्राइवेट 50 हजार सीटें है.

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इस बार 16 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के बैठने की उम्मीद : एक्सपर्ट का मानना है कि बीते साल में करीब 15 लाख 50 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी. इस बार यह संख्या एक से सवा लाख के आसपास बढ़ना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई है कि 17 से 18 लाख तक भी यह संख्या पहुंच सकती है क्योंकि नीट यूजी के तहत ही मिलने वाले प्रवेश में कई कोर्सेज जुड़ रहे हैं. पहले मेडिकल ही होता था, इसके बाद में आयुष भी इसमें जोड़ दिया. फिर नर्सिंग जोड़ा और अब पैरामेडिकल को भी जोड़ने की बात चल रही है.

सरकारी कॉलेज की रैंक और कटऑफ स्कोर

कैटेगरीकटऑफ स्कोररैंक
जनरल ईडब्ल्यूएस720 से 59521,227
ईडब्ल्यूएस720 से 59521,238
ओबीसी720 से 59521,188
एससी720 से 4731,09,310
एसटी720 से 4521,30,823

बीते 4 सालों की जनरल केटेगरी की कटऑफ

वर्ष टॉपर के अंकजनरल कटऑफ अंकक्वालीफाई स्टूडेंट
2021 720 138 8.70 लाख
2020 7201477.71 लाख
20197011347.97 लाख
2018 6911197.14 लाख

नीट यूजी 2021 की कटऑफ

कैटेगरी कटऑफ स्कोर कैंडिडेट
जनरल ईडब्ल्यूएस720 से 1387,70,864
ओबीसी137 से 10866,978
एससी137 से 10822,284
एसटी137 से 1089312
Last Updated :Apr 29, 2022, 7:24 PM IST
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