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Road accidents in Rajasthan: राजस्थान में शादी-ब्याह और त्योहारों के समय सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा

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Published : Jun 8, 2022, 11:34 PM IST

Road accident in Rajasthan during festivals and marriage
राजस्थान में शादी-ब्याह और त्योहारों के समय सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा

प्रदेश में शादी-ब्याह और त्योहारों के समय सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं. खुशी के मौके पर लोग लापरवाही बरतते हैं और उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता (Road accident in Rajasthan during festivals and marriage) है. मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

जयपुर. राजस्थान में हर साल सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का आंकड़ा प्रयास किए जाने के बाद भी कम नहीं हो रहा है, लेकिन इसमें बड़ी चौंकने वाली बात है कि जो सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, वे शादी-ब्याह और त्योहारों के सीजन में ज्यादा हो रही (Road accident in Rajasthan during festivals and marriage) हैं. मतलब खुशी के मौके पर बरती जाने वाली लापरवाही लोगों की जान ले रही है.

दरअसल मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बुधवार को राज्य स्तरीय यातायात प्रबंधन समिति की समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सके, इसके लिए 108 एम्बुलेंस और एनएचएआई की एम्बुलेंस 1033 की ट्रेकिंग व्यवस्था पुख्ता की जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को इनाम राशि स्वरूप 5 हजार रूपए दिए जाते हैं. इस योजना का समुचित प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि घायल व्यक्ति की मदद के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके.

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शादी-ब्याह तथा त्योहारों के समय दुर्घटना ज्यादा: मुख्य सचिव ने कहा कि शादी-ब्याह तथा त्योहारों के समय सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा देखा गया है. इसे नियंत्रित करने के लिए मास मैसेजिंग और अन्य प्रचार-प्रसार के माध्यमों से ड्राइवरों और आमजन को सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारियों के बारे में जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि खुशी का मौका गम में नहीं बदले, इसके लिए आमजन को भी यह समझाने की जरूरत है कि इस खुशी वाले मौके पर अत्यधिक सावधानी बरतें और किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं करें. खासकर नशे में वाहन नहीं चलाएं.

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आपसी समन्वय की जरूरत:मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर विस्तृत कार्ययोजना बनाकर संबंधित विभाग और जिले आपसी समन्वय के साथ काम करें. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए परिवहन विभाग जिला कलक्टरों के माध्यम से ओवरलोडिंग, ड्रिंक एण्ड ड्राइव को रोकने और हैलमेट लगाने को प्रोत्साहित करने के लिए अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार करें. उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग और स्वायत्त शासन विभाग को सड़कों पर दुर्घटना संभावित स्पॉट्स को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करने के लिए भी निर्देश दिये.

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रिस्पांस टाइम कम करने की जरूरत: बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा अभय कुमार ने बताया कि आई-रेड (इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) एप के उपयोग से सड़क दुर्घटना से संबंधी लाइव डेटा प्राप्त किया जाता है. उन्होंने बताया कि अब तक इस एप के माध्यम से 33 हजार 200 से अधिक सड़क दुर्घटनाओं की ऑनलाइन प्रविष्टी की जा चुकी है. राज्य में एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को कम करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. वर्तमान में राज्य का रेस्पॉन्स टाइम 14.41 मिनट है, जबकि नेशनल रेस्पोन्स टाइम 20 मिनट है.

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