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Rajasthan Sarpanch Sangh Warning : एक बार फिर आंदोलन की राह पर सरपंच संघ, बजट में मांगें पूरी नहीं हुईं तो करेंगे विधानसभा का घेराव

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Published : Feb 18, 2022, 4:01 PM IST

राजस्थान सरपंच संघ एक बार फिर आंदोलन के मूड में नजर आ रहा है. 2021 में किए गए वादों को पूरा नहीं करने को लेकर सरपंच संघ में नाराजगी है. इतना ही नहीं आगामी बजट में (Expectation From Rajasthan Budget 2022) मांगें पूरी नहीं होने पर विधानसभा घेराव की चेतावनी भी दी है. जानिए क्या है पूरा मामला...

Rajasthan Sarpanch Sangh Warning
राजस्थान सरपंच संघ के अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल

जयपुर. राजस्थान सरपंच संघ एक बार फिर आंदोलन की राह पर है. पिछले साल यानी 2021 में हुए समझौते को लागू नहीं करने से प्रदेश के सरपंचों में आक्रोश है. सरपंच संघ ने चेतावनी दी है (Sarpanch Sangh Warned Gehlot Government) कि यदि बजट में उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे विधानसभा का घेराव करेंगे. इससे पहले 21 फरवरी 2022 को वह जिला कलेक्टर के माध्यम से अपनी मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे. यह जानकारी शुक्रवार को राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने दिए.

आंदोलन कर रहे सरपंच संघ से पिछले साल मार्च और अक्टूबर में मुख्यमंत्री स्तर की वार्ता में लिखित (Sarpanch Sangh on Rajasthan Budget 2022) समझौता किया गया था, लेकिन आज तक लिखित समझौते को लागू नहीं किया गया है. सरपंच संघ तो हर बार समय देकर लौटा दिया जाता है, जिससे प्रदेश के सरपंचों में आक्रोश व्याप्त है.

क्या कहा बंशीधर गढ़वाल ने...

सरपंच संघ राजस्थान के अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने बताया कि 21 फरवरी को प्रदेश में जिला मुख्यालय पर मुख्यमंत्री एवं पंचायती राज मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर चेतावनी दी जाएगी. यदि राज्य सरकार ने 23 फरवरी को जारी होने वाले बजट में सरपंच संघ की मांगों पर सकारात्मक घोषणा नहीं की तो सरपंच संघ आने वाले दिनों में विधानसभा का घेराव करेगा. सरपंचों ने कहा कि अभी विकास के लिए जो पैसा आता है, उसमें से 70 फीसदी पैसा मानदेय में ही चला जाता है और गांव का विकास ठप हो रहा है. सबने मिलकर बकाया पैसे की मांग की. सरपंच संघ ने अपना मानदेय बढ़ाने की भी मांग की.

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सरपंच संघ की मुख्य मांगें...

  • ग्राम पंचायतों को विकास के लिए छठे राज्य वित्त आयोग की वित्तीय वर्ष 2021-2022 की 3000 करोड़ रुपए, 15वें वित्त आयोग के दूसरी किश्त की राशि के 1500 करोड़ रुपये जारी किए जाएं.
  • मनरेगा योजना का बकाया सामग्री भुगतान किया जाए.
  • ग्राम पंचायतों की राशि में से मानदेय कर्मियों (पंचायत सहायक, कोविड हेल्थ सहायक, सुरक्षा गार्ड एवं पंप चालक) के भुगतान के प्रावधानों को निरस्त कर इनके मानदेय के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाए.
  • सरपंचों का मानदेय विगत 5 वर्षों से नहीं बढ़ाया जा रहा है. इसे चार रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये किया जाए. सरपंच संघ ने बैठक भत्ता भी बढ़ाने की मांग की.
  • प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के विभागीय त्रुटी से 2.06 लाख काटे गए नामों को पुनः जोड़ा जाए.
  • जल जीवन मिशन योजना का संचालन बिना संसाधन एवं बजटीय प्रावधानों के ग्राम पंचायतों पर थोपा जा रहा है. इसके लिए जलदाय विभाग को अधिकृत किया जाए.
  • ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग की ओर से 29 नवम्बर 2021 को समिति निविदा से कार्य संपादित करवाने के जारी आदेश को पुनः संशोधित किया जाए.
  • ग्रामीण जनता की सुविधा के लिए प्रचलित रास्तों, टंकी, बोरिंग, टांका हैड पम्प एवं पाइपलाइन के विकास कार्य सहमति शपथ-पत्र के आधार पर करवाने की अनुमति दी जाए.
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित होने से वंचित पात्र लाभार्थियों के नाम जोड़ने के लिए पोर्टल को पुनः खोला जाए.
  • ग्रामीण क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा वर्कर आदि के चयन की प्रक्रिया पूर्व की भांति ग्रामसभा के माध्यम से ही कराने के आदेश जारी किए जाएं.

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